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विमर्श

जब जजों की जान ही सुरक्षित नहीं तो न्याय प्रणाली कैसे सुरक्षित रहेगी?

Janjwar Desk
31 July 2021 6:41 PM IST
जब जजों की जान ही सुरक्षित नहीं तो न्याय प्रणाली कैसे सुरक्षित रहेगी?
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(एक हत्या मामले की सुनवाई कर रहे जज उत्तम आनंद की मौत हत्या या हादसे में उलझी)

आम लोगों में इस तरह की धारणा बनने से सवाल पैदा होता है कि अगर जजों का जीवन ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो इस देश की न्याय प्रणाली कैसे सुरक्षित रह पाएगी?

दिनकर कुमार का विश्लेषण

जनज्वार। मोदी राज में जजों की जान सुरक्षित नहीं रह गई है। सोशल मीडिया पर धनबाद के जज को वाहन से टक्कर मारने का दृश्य वाइरल हो रहा है और लोग खुलकर इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि जज लोया की हत्या करने की तरह जज उत्तम आनंद की भी हत्या की गई है और इसे हादसे का रूप देने की कोशिश की गई है। लोग इस बात पर साफ राय रख रहे हैं कि मोदी राज में अपराधियों का बोलबाला इतना बढ़ चुका है कि अब निष्पक्ष और ईमानदार जजों का जीवन सुरक्षित नहीं रह गया है। वही जो जज इन अपराधियों के सामने घुटने टेक देते हैं उनके लिए राज्यसभा का दरवाजा खोल दिया जाता है। आम लोगों में इस तरह की धारणा बनने से सवाल पैदा होता है कि अगर जजों का जीवन ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो इस देश की न्याय प्रणाली कैसे सुरक्षित रह पाएगी?

क्या धनबाद जिले में हुई अपर जिला जज उत्तम आनंद के पीछे कोयला माफियाओं का हाथ है? पुलिस की जांच में सामने आए कुछ प्रारंभिक सबूत इसी ओर संकेत कर रहे हैं कि उन माफियाओं ने सुनियोजित तरीके से इस मर्डर को अंजाम दिया।

25 जुलाई की सुबह जज उत्‍तम आनंद (उम्र 50 वर्ष) को ऑटो ने उस वक्‍त टक्‍कर मार दी थी जब वह मार्निंग वॉक से लौट रहे थे। न्यायाधीश गोल्फ ग्राउंड से टहल कर वापस हीरापुर बिजली ऑफिस के बगल में स्थित अपने क्वार्टर लौट रहे थे। रणधीर वर्मा चौक से चंद कदम की दूरी पर गंगा मेडिकल के सामने हादसा हुआ। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। फुटेज देखने के बाद पुलिस ऑटो चालक की मंशा पर सवाल उठा रही है। शक पैदा होने पर जज के पोस्टमार्टम के लिए डीसी के आदेश पर आनन-फानन में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। डॉक्टरों की टीम ने देर शाम न्यायाधीश के शव का पोस्टमार्टम किया। बताया जा रहा है कि सिर में गंभीर चोट के कारण उनके कान से रक्तश्राव हो गया। ब्रेन हेम्ब्रेज से मौत की बात कही जा रही है।

इस घटना को शुरू में एक्सिडेंट माना गया। बाद में सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि मॉर्निंग वॉक के दौरान खाली पड़ी सड़क पर एक टैंपो तेजी से जज की ओर गया और उन्हें जोरदार टक्कर मारकर वहां से फरार हो गया। इस फुटेज के सामने आने के बाद एक्सिडेंट को हत्या के केस में तब्दील किया गया।

पुलिस की जांच में सामने आए प्रारंभिक सबूत इशारा कर रहे हैं कि इस घटना में धनबाद में सक्रिय कोयला माफियाओं का हाथ हो सकता है। यहां के माफिया जब चाहें, किसी की भी सरेआम हत्या करवाने के लिए चर्चित रहे हैं। माना जा रहा है कि हत्यारों ने इस बार भी हत्या करने के लिए नायाब तरीके का इस्तेमाल किया।

उन्होंने भारी भरकम महंगी गाड़ी के बजाय सवारी टैंपो का इस्तेमाल किया। योजना के तहत वारदात से पहले एक टैंपो चुराया गया और उसके बाद जज को तेज टक्कर मारी गई। हत्यारों ने इसे सड़क दुर्घटना साबित करने की कोशिश की लेकिन सीसीटीवी में कैद तस्वीर ने उनकी योजना पर पानी फेर दिया.

न्यायाधीश उत्तम आनंद की पत्नी कृति सिन्हा ने धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अज्ञात के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया है। दर्ज प्राथमिकी में कृति सिन्हा ने आरोप लगाया कि यह मामला दुर्घटना का नहीं है। वीडियो फुटेज से साफ है कि अज्ञात ऑटो के बीच वाले सीट पर बैठा अज्ञात व्यक्ति ने जानबूझकर ऑटो चालक के सहयोग से उनके पति के सिर पर वार किया है। जिससे उनकी मौत हो गई। मृतक जज के रिश्तेदार अधिवक्ता विशाल आनंद उर्फ विक्की ने बताया कि पूर्व में कभी भी उत्तम आनंद को किसी प्रकार की धमकी नहीं मिली थी। ।

न्यायाधीश उत्तम आनंद हर दिन की तरह सुबह साढ़े चार बजे टहलने निकले थे। सुबह साढ़े आठ बजे तक जब वे घर नहीं लौटे तो उनकी पत्नी ने को मामले की जानकारी रजिस्ट्रार अर्पित श्रीवास्तव को दी। रजिस्ट्रार ने धनबाद थाने को इस संबंध में सूचना दी। सुबह साढ़े आठ बजे उनकी तलाश शुरू हुई। किसी ने पुलिस को सूचना दी कि गंगा मेडिकल के सामने सड़क किनारे खून गिरा हुआ है। इसके बाद अस्पतालों में खोजबीन शुरू की गई तो एसएनएमएमसीएच में एक व्यक्ति को दुर्घटना के बाद भर्ती कराने की सूचना मिली। पहले अस्पताल कर्मियों को संदेह हुआ कि घायल पुलिस विभाग से हैं। इसके बाद पुलिस मेंस एसोसिएशन के लोगों ने मौके पर पहुंच कर घायल को पहचानने का प्रयास किया। जब पुलिस ने एसएनएमएमसीएच में संपर्क किया तो बताया गया कि सुबह साढ़े पांच बजे किसी अज्ञात ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया था। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण सुबह नौ बजे उन्होंने अस्पताल के सर्जिकल आईसीयू वार्ड के बेड पर दम तोड़ दिया। उनके बाडीगार्ड ने उनकी पहचान की।

ऑटो की टक्कर में जान गंवाने वाले एडीजे 8 उत्तम आनंद झरिया के रंजय सिंह की हत्या के मामले की सुनवाई कर रहे थे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम संजय कुमार का स्थानांतरण हो जाने के बाद उत्तम आनंद ने पिछले साल धनबाद में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम के रूप में योगदान दिया था। हालांकि लॉकडाउन के कारण उत्तम आनंद की अदालत में इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई थी। अदालत में यह मामला अभियोजन पक्ष के गवाह के लिए चल रहा है। इस मामले में कांग्रेस विधायक पूर्णिमा सिंह के देवर हर्ष सिंह एवं मामा उर्फ नंद कुमार के खिलाफ अभियोजन पक्ष अभी तक कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया है।

एडीजे कोर्ट के एपीपी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि दो दिन पूर्व ही अदालत ने नीरज सिंह हत्याकांड के कथित शूटर अमन सिंह एवं उसके गुर्गे अभिनव प्रताप सिंह और रवि ठाकुर की जमानत अर्जी खारिज की थी। इसके अलावा बीसीसीएल के जीएम तथा प्रोजेक्ट ऑफिसर का मामला इसी अदालत में सुनवाई के लिए लंबित है। आरोपियों के खिलाफ कोयला चोरी से संबंधित मामला है, जिसमें जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी। सरायढेला जमीन घोटाले से संबंधित मृत व्यक्ति को जिंदा बताकर उससे जमीन की रजिस्ट्री करवाने मामला भी इसी कोर्ट में था। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष वैभव सिन्हा के मामले का ट्रायल भी इसी कोर्ट में लंबित है।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद ने धनबाद में योगदान देने के बाद दो मामलों में तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। तीन अप्रैल 2021 को पत्नी की किरासन तेल छिड़क कर हत्या करने के आरोपी गुड्डू पासवान को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। आरोपी केंदुआडीह थाना क्षेत्र का रहने वाला था। दूसरा मामले में 25 जून को तीन सहोदर भाई शंकर प्रसाद, शंभू प्रसाद एवं कैलाश को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।

जिस तरह जज लोया की मौत के रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठ सका और असली हत्यारे को सजा नहीं हो सकी, क्या उसी तरह जज आनंद के हत्यारे आज़ाद घूमते रहेंगे या उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया जा सकेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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