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विमर्श

Jharkhand का कोयला अवैध खनन, जहां मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं

Janjwar Desk
27 May 2022 12:53 PM GMT
झारखंड का कोयला अवैध खनन, जहां मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं
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झारखंड का कोयला अवैध खनन, जहां मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं

कानूनी जानकारी के अभाव में कोयला उत्खनन में शामिल मजदूरों के परिजन किसी को अवैध कारोबार की जानकारी इसलिए नहीं देते हैं कि पुलिस वाले कहीं पूरे परिवार को ही जेल में न डाल दें।


गैर कानूनी कोयला खनन पर विशद कुमार की रिपोर्ट

झारखंड ( Jharkhand ) में जहां कोयला अवैध खनन ( Illegal Coal Mining ) में लगे मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं है, वहीं माफिया, नौकरशाह और राजनेताओं के पौ बारह हैं। अवैध खनन में लगे मजदूरों की आये दिन मौत होती रहती है, लेकिन उनके परिजन मृतक के शव पर आंसू के दो बुंद भी नहीं बहा सकते। कोयला उत्खनन ( Coal Mining ) में शामिल मजदूरों के परिजनों को इस बात का डर है कि पुलिस प्रशासन को मौत की जानकारी होने पर अवैध खनन के आरोप में पूरा परिवार जेल जा सकता है। यह डर कोयले के अवैध उत्खनन ( Illegal Coal Mining ) में शामिल माफियाओं ने मजदूरों में पैदा कर रखी है। ताकि वे लोग अपने अधिकार को लेकर विद्रोह न कर दें। चौकाने वाली बात यह है कि मजदूरों को यह नहीं पता कि इस अवैध कारोबार में माफिया, नौकरशाह और राजनेताओं का गठजोड़ ही शामिल है।

झारखंड ( Jharkhand ) के कोयलांचल क्षेत्र में बंद खदानों से कोयले के अवैध उत्खनन के दौरान चाल धंसने से खनन में लगे मजदूरों की मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। इसके बावजूद मजदूर इस खतरनाक काम को इसलिए नहीं छोड़ पा रहे हैं कि उनके पास अपने परिवार को चलाने के लिए और कोई विकल्प नहीं है। अगर कोई इस मजबूरी को जानने की कोशिश करता है तो इन्हें लगता है वह इनके पेट पर लात मारने आया है। ऐसे में वे या तो कन्नी काट लेते हैं या समूह में जमा होकर उनके साथ मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि अवैध खनन ( Illegal Coal Mining ) के कारोबार में लगे माफियाओं और उनके गुर्गे मजदूरों को पत्रकारों और समाजसेवियों के खिलाफ भड़काते रहते हैं। उन्हें बताया जाता है कि ये लोग तुम्हारी रोजी रोटी का जरिया बंद करने आये हैं।

निरसा में जारी है मौत का तांडव




अगर, हम केवल धनबाद के निरसा की बात करें तो अक्टूबर 2021 से अब तक निरसा पुलिस अनुमंडल क्षेत्र में अवैध खनन में 50 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। 10 अक्तूबर, 2021 को मुगमा में अवैध खनन में एक महिला घायल, 28 नवंबर 2021 को कापासारा में अवैध खनन में एक की मौत, 06 जनवरी 2022 को पंचेत में अवैध खनन में एक युवक की मौत, 01 फरवरी 2022 को गोपीनाथपुर में अवैध खनन में 10 लोगों की मौत, उसी दिन कापासारा में 3 और दहीबाड़ी सी पैच में 3 महिलाओं की मौत, 3 मार्च 2022 को कापासारा में अवैध खनन में चाल धंसने से दो लोगों की मौत व एक घायल, 21 मार्च 2022 को मुगमा में अवैध खनन के दौरान 3 युवक मौत्, 29 मार्च 2022 को कोयला लेकर खदान के ऊपर चढ़ने के दौरान गिरकर एक युवक की मौत, 21 अप्रैल 2022 को पंचेत के डुमरीजोड़ में अवैध उत्खनन में एक सड़क धंसी जिससे 50 से अधिक लोग घंटों फंसे रहे, 28 अप्रैल 2022 को चापापुर में अवैध उत्खनन में तीन लोगों की मौत और एक के घायल होने की सूचना, 09 मई 2022 को कापासारा में अवैध खनन के दौरान 3 लोगों की मौत और 3 लोग घायल, 19 मई 2022 को श्यामपुर में अवैध उत्खनन में 3 और 22 मई 1 व्यक्ति की मौत हुई थी।

इसी तरह 26 मई को धनबाद जिले के कतरास थाना अंतर्गत रामकनाली ओपी क्षेत्र के बुटू बाबू का बंगला के पास अवैध खनन के दौरान मलवा गिरने से उसमें दबकर 1 मजदूर की मौत और 3 लोग मलवे में दबकर जख्मी हो गए। आसपास के लोगों का कहना है कि घटना करीब सुबह नौ बजे की है। वेस्ट मोदीडीह कोलियरी के अंबे माइनिंग आउट सोर्सिंग पैच परिक्षेत्र में बुटू बाबू का बंगला के पास दर्जनों लोग अवैध खनन में लगे हुए थे। अचानक ऊपर से मलवा गिर जाने से एक व्यक्ति दब गया। आनन फानन में सहयोगियों ने मलवे से बाहर निकाला लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुका था। इस घटना में 3 अन्य जख्मी हुए थे। घर वाले मौके से घायलों को लेकर भाग निकले। घायलों का इलाज किसी निजी अस्पताल में कराए जाने की बातें कही जा रही हैं। चिंता की बात यह है कि मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार गुपचुप तरीके हो रहा है।

कुछ लोगों ने ओझा बगान के पास एक शव को जलाते देखा, जब वहां मौजूद लोगों से पूछा गया कि कौन है तो अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने बताया कि वह बीमार था, अचानक मौत हो गई। मृतक सलानपुर का रहने वाला था। इसके अलावा अन्य जानकारी देने से लोगों ने इनकार कर दिया। इस मामले में रामकनाली ओपी प्रभारी वीके चेतन का कहना है कि उनके पास इस तरह की कोई सूचना नहीं है।

वहीं, पिछले 22 मई को धनबाद जिलान्तर्गत निरसा क्षेत्र को अहले सुबह इसीएल की राजा कोलियरी आउटसोर्सिंग में अवैध उत्खनन के दौरान चाल धंसने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। मृतक सांगामहल गांव का रहने वाला बताया जाता है। तीनों घायल डांगापाड़ा के रहने वाले थे। निरसा के राजा कोलियरी आउटसोर्सिंग में 22 मई को तड़के चार बजे 300-400 मजदूर अवैध खनन कर रहे थे। इसी दौरान ऊपर से मलबा ढहने से चार लोग दब गए। इनमें से एक मजदूर की मौत हो गई। जबकि तीन घायल हो गए। घटना के बाद कोयला तस्करों ने मृतक के शव का सांगामहल श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना में चौकाने वाला पहलू यह है कि कोयला तस्करों ने शव को जलाकर अंतिम संस्कार कर दिया। और पुलिस प्रशासन को जानकारी तक नहीं हुई। हकीकत यह है कि अंतिम संस्कार के दौरान मौके पर कुछ स्थानीय मीडियाकर्मी भी मौजूद थे। ताजा जानकारी यह है कि राजा कोलियरी आउटसोर्सिंग से अवैध खनन कर भारी मात्रा में कोयला स्कूटर, मोटरसाइकिल एवं ट्रैक्टर के माध्यम से क्षेत्र के चिह्नित भट्ठों में खपाया जाता है। अवैध कोयला को खुदिया फाटक स्थित एक फैक्ट्री एवं नीलकुठी मोड़ स्थित फैक्ट्री में पहुंचाया जाता है।

कोयला खनन के अवैध कारोबार में केवल एक या दो जिले नहीं बल्कि पूरे राज्य ( Jharkhand ) के कोयला माफियाओं सहित प्रशासनिक हलका, राजनीतिक गिरोह व सत्ता के शीर्ष बैठे लोग शामिल हैं। दूसरी तरफ बेरोजगारी की वजह से मजदूर क्लास के लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर परिवार का पेट भरने के लिए आये दिन जान गंवाते रहते हैं।


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