Rajasthan Crime News: बहू ने 'सांप' से कराई सास की हत्या, सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा अनाेखे मर्डर का केस
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Rajasthan Crime News: दुनियाभर में सांप के काटने से हर साल करीब एक लाख मौतें होती है। इनमें से सर्पदंश के आधे यानि करीब 50 हजार मामले सिर्फ भारत में होते हैं। इनमें से ज्यादातर मौत लापरवाही या इलाज के अभाव में होते हैं। लेकिन बुधवार, 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां साल 2018 में राजस्थान के झुनझुन जिले की एक महिला ने अपनी सास की हत्या करने के लिए सांप को हथियार के तौर इस्तेमाल किया। सांप को किसी की हत्या करने की मंशा से इस्तेमाल करने का मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा। बुधवार, 6 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जहरीले सांप का इस्तेमाल 'हथियार' के तौर पर किए जाने को 'जघन्य अपराध' की श्रेणी में माना। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया।
बहू के अवैध संबंध से सास को थी आपत्ति
दरअसल, ये पूरा मामला राजस्थान के झुनझुन जिले का है। घटना में आरोपी महिला का पति सैना में काम करता है। पति की पोस्टिंग गृह जिले से बाहर रहती थी। महिला के ससुर भी नौकरी के सिलसिले में घर से बाहर ही रहते थे। महिला अपने बुजुर्ग सास के साथ घर पर रहती थी। इसी दौरान महिला का संबंध किसी अन्य पुरुष से शुरु हो गया। वह हमेशा फोन पर उससे घंटों बातें किया करती थी। सास को बहू के इस हरकत से आपत्ति थी। सास-बहू में अक्सर इस मसले को लेकर लड़ाई झगड़ा भी होता था।
आशिक के साथ मिलकर रची हत्या की साजिश
सास की डांट फटकार से परेशान होकर बहू ने सास की हत्या की साजिश रच दी। महिला ने आशिक और उसके दोस्तों के साथ मिलकर झुनझुनु जिले के एक संपेरे से सपंर्क किया और उससे एक जहरीला सांप लेकर एक बैग में डाला लिया। फिर 2018, 2 जून की रात को बहू ने सास के बिस्तर के पास सांप के बैग को खोल कर रख दिया। महिला जैसा चाहती थी ठीक वैसा ही हुआ। जहरीले सांप के काटने से बुजुर्ग सास की मौत हो गई। सुबह बहू सास को अस्पताल भी ले गयी, जहां मौत का कारण सर्पदंश बताया गया।
बहू के कॉल डिटेल से हुआ खुलासा
प्रारभिंक जांच में झुनझुन पुलिस भी इसे सांप काटने के कारण मौत मान रही थी। क्योंकि राजस्थान और दूसरे राज्यों में सर्पदंश से मौत सामान्य सी बात है। पुलिस ने सोचा भी नहीं था कि सामान्य सी लगने वाली एक घटना दरअसल एक सोची समझी हत्या है। लेकिन आगे की जांच में जब महिला के फोन की पड़ताल हुई तो पूरा मामला आईने की तरह साफ हो गया। पुलिस को फोन डिटेल्स से पता चला कि मृत महिला की बहू और एक शख्स के बीच 100 से ज्यादा बार फोन पर बातचीत हुई और दोनों लंबे समय से एक दूसरे से फोन पर संपर्क में थे। पुलिस ने जल्द पता लगा लिया कि फोन पर बात करने वाला कोई और नहीं बल्कि मृत महिला की बहू का आशिक था। मामले की गुत्थी सुलझाने के बाद पुलिस ने महिला, उसके आशिक और आशिक के एक दोस्त को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, पुलिस ने उस संपेरे का भी पता लगा लिया जिसने महिला को सांप मुहैया कराया था। संपेरा इस केस में गवाह बना और मैजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कूल किया कि महिला के प्रेमी के कहने पर ही उसने उन्हें सांप दिया था।
महिला के आशिक ने सुप्रीन कोर्ट में दी दलील
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान महिला के आशिक की तरफ से एडवोकेट आदित्य कुमार चौधरी ने सीजेआई की अगुआई वाली बेंच के सामने दलील दी कि उनका मुवक्किल क्राइम सीन पर मौजूद नहीं था। वकील ने दलील देते हुए कहा कि, 'उसे कैसे साजिश का हिस्सा माना जा सकता है जब यह किसी को नहीं पता कि सांप किसको काटेगा? किसी कमरे में जहरीले सांप को छोड़ने का यह मतलब नहीं है कि सांप को पता है कि उसे किसे काटना चाहिए। पुलिस ने कॉल रेकॉर्ड की विश्वसनीयता की जांच नहीं की। मेरा मुवक्किल एक साल से ज्यादा वक्त से जेल में है।'
उच्चतम न्यायालय ने मामले को बताया 'जघन्य' अपराध
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 6 अक्टूबर को इस अनोखे मामले सुनवाई के दौरान कहा कि एक बुजुर्ग महिला की हत्या के लिए जहरीले सांप का इस्तेमाल 'हथियार' के तौर पर करना 'जघन्य अपराध' है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आरोपी बहू और उसके आशिक को जमानत देने से इनकार किया। मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोली की बेंच ने कहा कि, 'राजस्थान में हत्या के लिए किसी जहरीले सांप का इस्तेमाल करना बहुत सामान्य है। आपने एक जघन्य अपराध को अंजाम देने के लिए बहुत ही नया तरीका अपनाया। आप कथित तौर पर इस साजिश का हिस्सा थे और सपेरे के जरिए आपने हत्या में इस्तेमाल हुए हथियार यानि सांप की व्यवस्था की। आप लोग जमानत पर रिहा करने के लायक नहीं हैं।'