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विमर्श

Sonia Gandhi Biography In Hindi | रेस्टोरेंट की वेट्रेस से लेकर मुश्किल हालात में भारतीय राजनीति में कदम रखने वाली सोनिया गांधी की कहानी

Ragib Asim
6 Dec 2021 4:19 AM GMT
Sonia Gandhi Biography In Hindi | रेस्टोरेंट की वेट्रेस से लेकर मुश्किल हालात में भारतीय राजनीति में कदम रखने वाली सोनिया गांधी की कहानी
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मोना सिंह की रिपोर्ट

Sonia Gandhi Biography In Hindi | देश ही नहीं, दुनिया की 100 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में जगह बनाने वाली सोनिया गांधी इतालवी मूल की भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पत्नी हैं। सोनिया गांधी का विदेशी मूल का होना उनके राजनीति में आने के बाद से विवाद और बहस का विषय रहा है। स्वतंत्रता के बाद वह पहली विदेशी मूल की महिला हैं जो किसी राष्ट्रीय पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं। वह भारतीय राजनीति की सबसे पुरानी और शक्तिशाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की लगभग दो दशकों तक अध्यक्ष रही हैं। और भारतीय राजनीति की केंद्र बिंदु हैं। वह प्रगतिशील गठबंधन यूपीए के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। यह गठबंधन दो बार केंद्र सत्ता में था। सोनिया गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की सबसे लंबे समय तक रहने वाली अध्यक्ष हैं। आइए जानते हैं सोनिया गांधी के बारे में विस्तार से...

सोनिया का जन्म और परिवार

सोनिया गांधी का वास्तविक नाम एडविग एंटोनिया इल्बीना मायनो है। इनका जन्म 9 दिसंबर 1946 (उम्र 75 वर्ष) को इटली के छोटे से गांव लुसियाना में हुआ था। सोनिया गांधी के पिता स्टेफ़िनो मायनो पूर्व फासिस्ट सिपाही थे। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में सेना के सिपाही के रूप में कार्य किया था और सोवियत सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। वह बेनिटो मुसोलिनी के समर्थक थे। बाद में उन्होंने भवन निर्माण ठेकेदार का कार्य किया। उनकी मृत्यु 1983 में हो गई थी। सोनिया गांधी की माता का नाम पाओला मायनो है।

सोनिया गांधी कि किशोरावस्था इटली के ट्यूरिन के निकट ओरबासनो में बीती। उनकी माता और दो बहनें आज भी ओरबासनों में रहते हैं। सोनिया गांधी एक रोमन कैथोलिक परिवार में जन्मी और उनकी प्रारंभिक शिक्षा कैथोलिक स्कूल से पूरी हुई। उनका सपना एयरलाइंस में फ्लाइट अटेंडेंट बनने का था। 1964 में उच्च शिक्षा के लिए वे लंदन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय गईं। जहां वे भाषा विद्यालय के स्माल लैंग्वेज कॉलेज में अंग्रेजी भाषा का अध्ययन कर रही थीं और उसी विश्वविद्यालय के रेस्त्रां वार्सिटी में वे वेट्रेस का काम भी कर रहे थीं।

उसी समय उनकी मुलाकात कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में पढ़ रहे राजीव गांधी से हुई थी। 1968 में उनके जीवन का स्वर्णिम मोड़ तब आया जब दोनों परिवारों की रजामंदी से उनका विवाह भारतीय हिंदू परंपरा से भारत की राजधानी दिल्ली में राजीव गांधी के साथ हुआ। उसके बाद वह भारत में अपने पति और उनके परिवार के साथ रहने लगीं। विवाह के बाद उनका नाम सोनिया गांधी रखा गया। विवाह के 17 वर्षों पश्चात इन्हें भारतीय नागरिकता 1983 में मिली। सोनिया गांधी के 1 पुत्र राहुल गांधी और एक पुत्री प्रियंका गांधी हैं।

सोनिया गांधी का व्यक्तित्व

सोनिया गांधी की जिंदगी किसी रोमांचक फिल्म से कम नहीं है। इटली में जन्म, इंग्लैंड में शिक्षा, और भारत के प्रधानमंत्री के बेटे से शादी एक मध्यम परिवार की बेटी के लिए एक सुखद स्वप्न ही हो सकता था, लेकिन यह सब साकार हुआ सोनिया गांधी की जिंदगी में। सोनिया गांधी मजबूत और दृढ़ व्यक्तित्व वाली महिला हैं। पति राजीव गांधी के निधन के बाद सोनिया गांधी बिल्कुल अकेली पड़ गई थी। उनके परिवार में उन्हें मार्गदर्शन देने वाला कोई नहीं था। ऐसे हालातों में उन्होंने अपना हौसला बनाए रखा, इटली वापस लौटने के बजाय उन्होंने भारत में रहकर अपने बच्चों की परवरिश की। वे राजनीति में नहीं आना चाहती थी, परंतु परिस्थिति बस उन्हें राजनीति में आना पड़ा। अपनी मेहनत और दृढ़ता के बल पर उन्होंने राजनीति में अपना मुकाम बनाया। वह लगातार 19 वर्षों तक कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नियुक्त रही जो अपने आप एक रिकॉर्ड है।

राजनीतिक जीवन

नेहरू-गांधी परिवार से संबंध होने के बावजूद सोनिया और राजीव गांधी राजनीति से दूर रहना पसंद करते थे। राजीव गांधी जहां परिवार चलाने के लिए एक एयरलाइन में पेशेवर पायलट के रूप में काम कर रहे थे। वहीं सोनिया गांधी एक ममतामई मां और कुशल ग्रहणी की तरह अपना घर संभाल रहीं थीं। लेकिन 1980 में संजय गांधी के निधन के बाद इंदिरा गांधी की सहायता के लिए 1982 में राजीव गांधी को राजनीति में प्रवेश करना पड़ा था। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी के चुनाव प्रचार और सहायता के लिए सोनिया गांधी राजनीति में आई,उन्होंने मेनका गांधी के विरुद्ध चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाई।

1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद भी वे राजनीति से दूर रहीं ,उस समय पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा और सीताराम केसरी को अध्यक्ष बनाए जाने पर कांग्रेस के सदस्यों के बीच मनमुटाव शुरू हो गया। अंत में पार्टी सदस्यों के दबाव में राजीव गांधी के निधन के 7 सालों के बाद 1997 में सोनिया गांधी ने कोलकाता के प्लेनेटी सेशन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की। और इसके 62 दिनों के अंदर 1998 में वे कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं।

राजनैतिक उपलब्धियां

  • 1999 में कर्नाटक के बेल्लारी से सुषमा स्वराज को हराकर लोकसभा चुनाव जीता इसके साथ ही 1999 में उत्तर प्रदेश के अमेठी से भी चुनाव जीता।
  • 1999 में अटल बिहारी वाजपेई की भाजपा नेतृत्व वाली राष्ट्रीय राजनीतिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल के दौरान लोकसभा के विपक्ष की नेता चुनी गईं।
  • विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने 2003 में राजग के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया ।
  • 2004 के आम चुनाव में भाजपा के 'इंडिया शाइनिंग' के नारे के मुकाबले 'आम आदमी ' के नारे के साथ राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया।
  • 2004 में उन्होंने 15 पार्टियों से गठबंधन कर सरकार का गठन किया जिसे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन संप्रग नाम दिया।
  • 2004 और 2009 में उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा सदस्य चुनी गईं।

2009 के आम चुनाव 206 सीटों से जीतने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में आई। उस समय राजद के कट्टर विरोध और विदेशी मूल का होने के कारण उन्होंने डॉ मनमोहन सिंह को अगले प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया।

2006 में संप्रग सरकार के अध्यक्ष और राष्ट्रीय सलाहकार समिति के कार्यकाल में उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और सूचना अधिकार अधिनियम लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2013 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 के समर्थन की निंदा की और एलजीबीटी अधिकारों का समर्थन किया।

2014 में सोनिया गांधी ने रायबरेली की सीट पर जीत हासिल की, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 44 और संप्रग चुनावी गठबंधन ने 56 सीट प्राप्त कर आम चुनाव में बहुत खराब प्रदर्शन किया। वे 1998 से 2017 तक लगातार 19 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहीं। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। 2017 के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद संभाला। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, तब से सोनिया गांधी कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही हैं।

सोनिया गांधी से जुड़े विवाद

बोफोर्स कांड में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले विदेशी व्यापारी से दोस्ती के कारण विवादों में रहीं। 1980 में उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिली थी। लेकिन उनका नाम दिल्ली के मतदाता सूची में था जो भारत के कानून के खिलाफ है। मई 1999 में प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी क्षमता पर सवाल उठाने वाले 3 बड़े नेताओं शरद पवार, तारीक अनवर और पीए संगमा को उन्होंने इस्तीफा देने के लिए कहा।

सोनिया गांधी की उपलब्धियां

2004 में सोनिया गांधी का नाम फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की सबसे ताकतवर महिला के रूप में सूचीबद्ध किया गया। 2006 में ब्रुसेल्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 2006 में बेल्जियम सरकार द्वारा 'सम्राट लियोपोल्ड' की उपाधि से सम्मानित किया गया। 2007 में उनका नाम फिर से फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की छठी ताकतवर महिला के रूप में सूचीबद्ध हुआ। 2007 और 2008 में वे दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक थी। 2008 में मद्रास विश्वविद्यालय से साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। 2009 में फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की ताकतवर महिला थी।

2010 में ब्रिटिश पत्रिका न्यू स्टेट्समैंन ने उन्हें 50 प्रभावशाली लोगों में स्थान दिया। 2012 में फोर्ब्स पत्रिका में 12वीं ताकतवर महिला थी। 2013 में सोनिया गांधी को कुल मिलाकर 21 वर्ष की ताकतवर महिला सूची में तीसरा स्थान दिया गया।

इसके अलावा, सोनिया गांधी की लेखन में बहुत रुचि है। उनकी लिखी पुस्तकों में 'राजीव और राजीव की दुनिया' और 1922 और 1964 के बीच पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बीच आदान-प्रदान किए गए दो पत्रों का संपादन किया जिनका नाम फ्रीडम्स डॉटर और 'टू अलोन, टू टुगेदर' है।

सोनिया गांधी पर अन्य लेखकों द्वारा लिखी पुस्तकों में

  • सोनिया गांधी एन एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी लाइफ इन इंडियन डेस्टिनी (2011 रानी सिंह द्वारा लिखित)
  • सोनिया गांधी : ट्रस्ट विथ इंडिया (नूरुल इस्लाम सरकार द्वारा लिखित), सोनिया एक जीवनी (राशिद किदवई द्वारा लिखित)

एन एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर (संजय बारू द्वारा 2014 में लिखित जिस पर फिल्म भी बन चुकी है)। वह महिला एवं बाल कल्याण और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के लिए विशेष सक्रिय हैं। अन्य रुचियों में समकालीन भारत को पढ़ना, शास्त्रीय, जनजातीय कलाएं, भारतीय हस्तकला हस्तशिल्प, हथकरघा, लोक और शास्त्रीय संगीत सुनना हैं। उन्होंने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय से ऑयल पेंटिंग के संरक्षण में डिप्लोमा प्राप्त किया है। उनकी कुल संपत्ति 9.29 करोड़ है।

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