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विमर्श

Threat to Democracy in USA: जो बाईडेन लोकतंत्र की जितनी चर्चा करते हैं, लोकतंत्र उतना ही मर रहा है

Janjwar Desk
29 Nov 2021 9:05 AM GMT
Threat to Democracy in USA: जो बाईडेन लोकतंत्र की जितनी चर्चा करते हैं, लोकतंत्र उतना ही मर रहा है
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Threat to Democracy in USA: स्टॉकहोम में स्थित इन्टरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन असिस्टेंस (International Institute for Democracy & Election Assistance) द्वारा प्रकाशित ग्लोबल स्टेट ऑफ़ डेमोक्रेसी रिपोर्ट 2021 (Global State of Democracy Report 2021) के अनुसार हालां कि वर्ष 2019 से अमेरिका में लगातार लोकतंत्र पर प्रहार किया जा रहा है

महेंद्र पाण्डेय की रिपोर्ट

Threat to Democracy in USA: स्टॉकहोम में स्थित इन्टरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन असिस्टेंस (International Institute for Democracy & Election Assistance) द्वारा प्रकाशित ग्लोबल स्टेट ऑफ़ डेमोक्रेसी रिपोर्ट 2021 (Global State of Democracy Report 2021) के अनुसार हालां कि वर्ष 2019 से अमेरिका में लगातार लोकतंत्र पर प्रहार किया जा रहा है, पर वर्ष 2021 में पहली बार यह ऐसे देशों की सूचि में शामिल किया गया है, जहां लोकतंत्र पर गंभीर आघात किया जा रहा है (USA has been included in the list of countries with backtracking Democracy) | वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में तो पूरे मतदान की प्रक्रिया और फिर परिणाम पर ही सवाल खड़े कर दिए गए| जब एक महाशक्ति में यह सब तमाशा किया जाता है तब उसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता है|

डोनाल्ड ट्रम्प ने जब अपने ही देश की चुनाव प्रणाली को खारिज करने का प्रयास किया तब इससे प्रभावित होकर म्यांमार, पेरू और इजराइल में यही दुहराया गया| अमेरिका में केवल चुनावों पर प्रश्न नहीं उठाये गए, बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी का हनन, विरोध प्रदर्शनों पर अंकुश और रंगभेद को हवा देने का काम भी खूब किया गया| यह रिपोर्ट एक ऐसे समय प्रकाशित की गयी है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडेन 9 और 10 दिसम्बर को लोकतंत्र पर अन्तराष्ट्रीय अधिवेशन (International Convention on Democracy) की तैयारियों में जुटे हैं| यह अधिवेशन वर्चुअल तरीके से किया जाना है| इस अधिवेशन में भारत समेत कुल 110 देशों को बुलाया गया है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें भाषण देना स्वीकार कर लिया है|

एक और जहां बाईडेन प्रशासन इस अधिवेशन को अपनी बड़ी उपलब्धि बता रहा है और जोरशोर से इसकी तैयारियों में जुटा है, दूसरी तरफ दुनियाभर के मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे बस लोकतंत्र को बचाने का दिखावा मान रहे हैं, क्योंकि बुलाये गए देशों में से अधिकतर देशों की सरकारें लोकतंत्र को हरेक तरीके से कुचलने में व्यस्त हैं| मानवाधिकार कार्यकर्ता, ऐसे देशों में भारत, ब्राज़ील, इजराइल, पोलैंड, और इराक का उदाहरण देते हैं| इसमें रूस और चीन को नहीं बुलाया गया है, इन दोनों देशों का भी यही कहना है कि इस अधिवेशन का वास्तविक लोकतंत्र से कोई रिश्ता नहीं है, यह सब बस एक दिखावा है और दुनिया के ध्रुवीकरण की साजिश है| अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन की तरफ से ताइवान को इस अधिवेशन का नीता दिया गया है – चीन की नाराजगी का एक बड़ा कारण यह भी है| इस अधिवेशन में तीन मुख्या विषयों – निरंकुश शासन से लोकतंत्र की रक्षा, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग और मानवाधिकारों के प्रति आदर – शामिल हैं|

पर, अधिवेशन में बुलाये गए 110 देशों में से अधिकतर देश ऐसे हैं, जिन्हें शामिल कर बाईडेन प्रशासन ने अपनी ही नीतियों से समझौता कर लिया है| पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की प्रतिनिधि लिंडा थॉमस ग्रीनफ़ील्ड (Linda Thomas Greenfield) ने कहा था कि वह ये सुनिश्चित करेंगी कि सभी देशों में बुनियादी आजादी और महिलाओं के अधिकारों को बहाल किया जाए, धार्मिक असहिष्णुता पर लगाम लगे, सभी नागरिकों के लिए समान कानून-व्यवस्था का पैमाना हो, अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा और भेदभाव रोका जा सके| पर, अमेरिका ने अबतक किसी देश को ऐसा करने को नहीं कहा है|

दुनिया में लोकतंत्र पर आवाज उठाने वाले अमेरिका में भी लोक्तंत्र बेहाल है| डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने राष्ट्रपति काल में दुनिया क बता दिया कि एक स्वस्थ्य और शक्तिशाली लोकतंत्र को भी किस तरह से बर्बाद किया जा सकता है| ट्रम्प के समय अमेरिका में लोकतंत्र के नाम पर जो कुछ किया गया, उसका प्रभाव आज भी मौजूद है| वहां अब राजनैतिक हिंसा बहुत सामान्य हो चली है – अब तो कांग्रेस के सदस्य भी एक दूसरे को मारने की धमकी देने लगे हैं| हाल में ही ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से कांग्रेस के सदस्य पॉल गोसर (Paul Gosar) ने एक कार्टून सोशल मीडिया पर लोड किया है जिसमें वे डेमोक्रेटिक पार्टी की कांग्रेस सदस्य अलाक्सान्द्रिया ओकासियो-कोर्तेज़ (Alaxandria Ocasio-Cortez) की ह्त्या कर रहे हैं, और दूसरे कार्टून में वे जो बाईडेन पर हमला कर रहे हैं| ये दोनों किसी और कार्टून में फेरबदल कर तैयार किये गए हैं| इसके बाद इस मसले पर कोंग्रेस में बहस के दौरान अलाक्सान्द्रिया ओकासियो-कोर्तेज़ ने कहा कि, हम कांग्रेस सदस्यों का लोग उदाहरण देते हैं, हमें आदर्श मानते हैं, और जब हम राष्ट्रीय राजनेता अपने ही साथियों के विरुद्ध हिंसा की बात करते हैं तब यह हिंसा समाज में फैलती है और देश अस्थिर हो जाता है|

डेमोक्रेटिक पार्टी की कांग्रेस की सदस्य जैकी स्पेइएर (Jackie Speier) ने कोंग्रेस में पॉल गोसर को प्रतिबंधित करने और उन्हें विभिन्न कमेटियों के सदस्य पद से हटाने का प्रस्ताव रखा तो सभी डेमोक्रेटिक सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया, दूसरी तरफ केवल तीन रिपब्लिकन सदस्य ने इसका समर्थन किया| इसके बाद जैकी स्पेइएर ने रिपब्लिकन सदस्यों से कहा कि एक सदस्य भले ही कार्टून में ही दूसरे सदस्य की ह्त्या का प्रयास करता है और आप इस मामले की अनदेखी कर रहे हैं तब निश्चित ही आप हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, यही हिंसा समाज में पहुँचती है और हिंसा की आग से आप भी अछूते नहीं रह सकेंगें| पर, अमेरिका के राजनैतिक विशेषज्ञों के अनुसार कार्टून में हत्या करने वाले पॉल गोसर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होगी, बल्कि जल्दी ही पार्टी में उनका कद पहले से बड़ा हो जाएगा|

अमेरिका में लोकतंत्र के हालात कुछ उदाहरण से स्पष्ट हैं – कांग्रेस सदस्यों को धमकी के मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 107 प्रतिशत की बृद्धि दर्ज की जा चुकी है| इस वर्ष कांग्रेस सदस्यों को 9000 से अधिक धमकियां मिल चुकी हैं| डोनाल्ड ट्रम्प के महाभियोग प्रस्ताव के समर्थन में जिस एकमात्र रिपब्लिकन सदस्य, ऐन्थोनी गोंज़ालेज़ (Anthony Gonzalez) ने मत दिया था, उन्हें और उनके परिवार को ख़त्म करने की लागातार धमकियां दी जा रही हैं, हालात यह हैं कि उन्हें और परिवार को हमेशा पुलिस सुरक्षा में रहना पड़ रहा है| ऐन्थोनी गोंज़ालेज़ इन धमकियों से इतने परेशान हो चुके हैं कि उन्होंने अगले चुनाव में खड़े नहीं होने का ऐलान कर दिया है| दो महीन पहले जो बाईडेन के महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर बिल का समर्थन करने वाले 13 रिपब्लिकन सदस्यों के साथ भी ऐसा ही सलूक किया जा रहा है और उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं| अमेरिका में लोकतंत्र की स्थिति का अंदाजा इस तथ्य से भी लगाया जा सकता है कि वहां एक-तिहाई से अधिक चुनाव अधिकारी अपनी नौकरी छोड़ने का विचार कर रहे हैं|

इससे पहले फरवरी 2021 में द इकोनॉमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट द्वारा प्रकाशित लोकतंत्र सूचकांक 2020 की वैश्विक रैंकिंग में 167 देशों में से 23 को पूर्ण लोकतंत्र, 52 को त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र, 35 को मिश्रित शासन और 57 को सत्तावादी शासन के रूप में वर्गीकृत किया गया था| अमेरिका को भारत, फ्रांस, बेल्जियम और ब्राजील के साथ त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र के तौर पर वर्गीकृत किया गया था| जाहिर है, 9 और 10 दिसम्बर को लोकतंत्र पर खूब प्रवचन दिए जायेंगें, और प्रवचन देने वाले वहीं होंगें जो सबसे पहले लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं|

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