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विमर्श

आपकी इस गलती से फैलता है जीका वायरस, डेंगू-कोरोना-जीका में अंतर को पहचानने का ये तरीका जान लें

Janjwar Desk
19 Nov 2021 12:07 PM GMT
Zika Virus - Causes, Symptoms & Prevention |
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Zika Virus - Causes, Symptoms & Prevention | देश में कोरोना और डेंगू जैसी महामारी के बीच जीका वायरस के संक्रमण का भी खतरा बढ़ गया है। भारत के केरल में इसकी शुरुआत हुई थी। कानपुर में भी 10 लोगों के संक्रमित होने की बात सामने आई है। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर ये जीका वायरस है क्या? इसका संक्रमण कैसे होता है।

मोना सिंह की रिपोर्ट

Zika Virus - Causes, Symptoms & Prevention | देश में कोरोना और डेंगू जैसी महामारी के बीच जीका वायरस के संक्रमण का भी खतरा बढ़ गया है। भारत के केरल में इसकी शुरुआत हुई थी। कानपुर में भी 10 लोगों के संक्रमित होने की बात सामने आई है। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर ये जीका वायरस है क्या? इसका संक्रमण कैसे होता है।

कैसे होता है संक्रमण? | How is Zika Virus infection caused?

जीका वायरस एडीज मच्छरों के काटने से होता है। ये मच्छर दिन में काटता है। एडीज मच्छरों के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर भी होता है। यह मच्छर ज्यादातर सुबह, दोपहर और शाम के वक्त ज्यादा काटते हैं। जीका वायरस के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं का रहता है, क्योंकि गर्भावस्था में महिलाओं के रक्त में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जिस वजह से मच्छर उन्हें सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा ज्यादा काटते हैं। इसके अलावा शरीर से निकलने वाले द्रव्य जैसे रक्त, मूत्र, सीमेन से भी जीका वायरस फैलता है। संक्रमित व्यक्ति से सेक्स रिलेशन बनाने के दौरान भी यह वायरस फैलता है।

जीका वायरस के लक्षण | Zika Virus - Causes, Symptoms & Prevention

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, अधिकतर लोगों में जीका वायरस के लक्षण नजर नहीं भी आ सकते हैं । इसके लक्षण 3 से 14 दिन और 2 से 7 दिन तक रहते हैं । जीका वायरस में संक्रमित व्यक्ति में बुखार, शरीर पर दाने ,मांसपेशियां और जोड़ों का दर्द, सिर दर्द, आंखें लाल होना शामिल है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह संक्रमण एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिससे इंसानों को लकवा हो सकता है। और संक्रमण अधिक बढ़ने पर मौत का भी खतरा हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान संक्रमित होने पर गर्भस्थ शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही जन्म के पूर्व ही कई विकार जैसे माइक्रोसेफली, मस्तिष्क का छोटा आकार और कम विकसित मस्तिष्क हो सकते हैं। रिसर्च के अनुसार, पांच संक्रमित व्यक्तियों में से एक में इस तरह के लक्षण स्पष्ट रूप से जरूर दिखाई देते हैं।

कैसे करें जीका, डेंगू और कोरोना में अंतर | How to differentiate between Zika, Dengue and Corona

इन तीनों बीमारियों के लक्षण लगभग एक समान ही होते हैं। कोरोना में बुखार के साथ स्वाद और गंध ना आने की समस्या होती है और सांस लेने में भी परेशानी होती है। जबकि डेंगू में सांस और गंध की समस्या नहीं होती। डेंगू के मरीज का ब्लड प्लेटलेट्स काउंट तेजी से कम होता है। जबकि कोरोना और जीका में ब्लड प्लेटलेट्स काउंट सामान्य बना रहता है। इस तरह से कोरोना, जीका और डेंगू के वायरस में अंतर किया जा सकता है।

अगर किसी के भी संक्रमण के लक्षण जैसा कुछ संदेह हो तो इस स्थिति में खून और मूत्र की जांच अवश्य कर आनी चाहिए। देश के राष्ट्रीय विषाणु संस्थान यानी एनआईबी में जीका की जांच की विशेष सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा रैपिड डिटेक्शन टेस्ट भी जीका वायरस की जांच के लिए उपलब्ध है।

जीका वायरस का इलाज | Zika Virus treatment

जीका वायरस के संक्रमण का अभी तक कोई इलाज नहीं है। और ना ही कोई दवा और वैक्सीन अभी तक बन पाई है। रोग के लक्षणों से राहत के लिए दर्द और बुखार की दवाई दी जाती है और डीहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। मरीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह भी दी जाती है। लेकिन डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयां ले। इस बात का ध्यान रखें।

जीका वायरस से होने वाली बीमारी | Disease caused by Zika Virus

जीका वायरस से अडल्ट और बच्चों में गुइलिन बैर सिंड्रोम (GBS) होता है। यह एक गंभीर ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। जीका वायरस मस्तिष्क में भी प्रवेश कर जाता है। दरअसल, ब्रेन में किसी भी बाहरी वायरस या अवांछित तत्व को प्रवेश करने के लिए चारों तरफ एक पतली सी झिल्ली होती है जिसे ब्लड ब्रेन बैरियर कहते हैं। ये ब्लड बैरियर ही ऐसे बाहरी तत्वों को रोकता है लेकिन जीका वायरस इस बैरियर को आसानी से भी पार कर जाता है। इसी वजह से वायरस के संक्रमण से मस्तिष्क प्रभावित होता है और लकवा जैसी स्थिति बन जाती है।

क्या होता है माइक्रोसेफली | What is microcephaly

जब नवजात कम विकसित और असामान्य मस्तिष्क के साथ पैदा होते हैं, तो उसे माइक्रोसेफली कहते हैं। यह कम या ज्यादा गंभीर दोनों हो सकता है। अगर मस्तिष्क इतना विकसित नहीं हुआ है कि बच्चा अपने जीवन के अहम कार्यों को कर सके, तो यह स्थिति काफी घातक होती है। जो बच्चे इस संक्रमण से बच जाते हैं, उनमें भी कई बार मस्तिष्क सही से काम नहीं करता और उनका विकास देरी से होता है। गर्भावस्था के पहले 3 से 6 महीनों में संक्रमण होने पर ज्यादा बुरा असर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान मां में जीका वायरस का संक्रमण होने पर यह प्लेसेंटा और एम्नायोटिक द्रव के जरिए बच्चे में पहुंचता है।

इस वजह से गर्भपात, मृत शिशु का जन्म, समय से पहले जन्म और आंखों की समस्याएं भी हो सकती हैं। अमेरिका के सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) के अनुसार जीका वायरस एक हफ्ते तक खून में रहता है। इसलिए सीडीसी ने एडवाइजरी जारी की है कि उस दौरान यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए और ना ही गर्भ धारण करें। इस रिपोर्ट के अनुसार, ह्यूमन सीमेन में जीका वायरस लगभग 15 दिन तक रहता है। वायरस का संक्रमण खत्म होने पर गर्भधारण करने पर बच्चे में संक्रमण नहीं होता।

डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने 2016 में जीका वायरस से प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले जोड़ों को सुरक्षित रहने के लिए 8 हफ्ते तक सेक्स ना करने या सुरक्षित सेक्स करने की सलाह दी थी। पुरूष के संक्रमित होने पर उसे 6 माह तक सुरक्षित सेक्स या सेक्स ना करने की सलाह दी गई है।

क्या है जीका वायरस से बचाव | What is Zika Virus Protection?

गर्भवती महिला को जीका प्रभावित क्षेत्र की यात्रा नहीं करनी चाहिए। मच्छरों के काटने से बचाव के उपायों का सख्ती से पालन करना चाहिए। जीका वायरस के संक्रमण का पता चलते ही डॉक्टर से संपर्क करें। संक्रमण के दौरान रक्तदान ना करें। मॉस्किटो रिपेंलेंट का इस्तेमाल करें। कपड़ों को गर्म पानी से साफ करें। फुल स्लीव्स के कपड़े पहने। हल्के रंग के कपड़े पहने। घर में या आसपास पानी को जमा ना होने दें। मॉस्किटो रेपेलेंट क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करें। मरीज के कमरे की रोज अच्छी तरह से साफ सफाई करें। समय पर इलाज मिलने पर स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।

विश्व में पहली बार यहां मिला था जीका वायरस | Where was Zika virus found first time in the world?

जीका वायरस को पहली बार 1947 में युगांडा में बंदरों में पहचाना गया। इसके बाद इंसानों में पहली बार जीका वायरस 1952 में युगांडा और तंजानिया में पाया गया। इसके अलावा 1960 से 1980 के दशक में अफ्रीका और एशिया में संक्रमण के छुटपुट मामले पाए गए। इस वायरस का प्रकोप अफ्रीका, अमेरिका, एशिया और प्रशांत महाद्वीप में भी पाया गया था।

इन मामलों में हलके लक्षण पाए गए थे। पहली बार यह महामारी के रूप में प्रशांत महासागर के यापआईलैंड (माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य) में 2007 में अस्तित्व में आया। इसके बाद अमेरिका ब्राज़ील और एशिया में यह एक महामारी की तरह फैला था।

2013 में फ्रेंच पोलिनेशिया प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों में जीका वायरस सामान्य से ज्यादा फैला था। मार्च 2015 में ब्राजील में दाने की बीमारी बड़े पैमाने पर फैली जिसे जल्दी ही जीका वायरस संक्रमण के रूप में पहचाना गया। जुलाई 2015 में इसे गुईलिन बैर सिंड्रोम और अक्टूबर 2015 में जीका वायरस और गर्भस्थ शिशु में माइक्रोसेफली के बीच में संबंध के बारे में पता चला। आज तक कुल 86 देशों में मच्छरों से जीका वायरस के संक्रमण के प्रमाण मिले हैं ।

भारत में पहली बार कहां पाया गया जीका वायरस | Where was Zika virus found first time in India?

भारत में पहला जीका वायरस का मामला वर्ष 2016-17 में गुजरात में पाया गया था। इसके अलावा जून 2021 में केरल के तिरुवंतपुरम जिले के पारसलेन इलाके में एक 24 वर्षीय गर्भवती महिला में जीका वायरस के लक्षण पाए गए। महिला ने 7 जुलाई को बच्चे को जन्म दिया। अब उनकी हालत स्थिर है। इसके अलावा गुजरात के अहमदाबाद में और उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों जैसे कानपुर में भी जीका वायरस के मामले पाए गए हैं।

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