Child Free Women : महिलाएं बच्चा पैदा ना करने के पीछे दे रही हैं जो तर्क उन्हें सुनकर आपको लगेगा अच्छा
Child Free Women : दुनियाभर में लड़की के लिए यह माना जाता है कि उन्हें बच्चा पैदा करने से एक खास दर्जा मिलेगा। समाज में एक औरत (Women) को तभी परिपूर्ण माना जाता है जब वह मां बनती है। पुरानी रूढ़िवादी सोच के शिकार लोग महिलाओं के जेहन में इस बात की जड़ें बना देते हैं कि बिना मां बने उनका अस्तित्व अधूरा है लेकिन अब इसी पुरानी सोच की धारणा को पीछे छोड़ने के लिए महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। बच्चा पैदा ना करने के लिए वे रोचक तथ्य बता रही हैं। कुछ वर्षों में ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ी है, जिन्होंने बच्चों को जन्म ना देने का फैसला लिया है। वे इस बदलाव को 'चाइल्डलेस' की जगह 'चाइल्ड फ्री' के तौर पर देखती हैं।
जेनिफर एनिस्टन का तर्क
'हम जीवन साथी और बच्चे के बिना भी परिपूर्ण हैं। मुझे लोगों का इस तरह दबाव डालना पसंद नहीं है कि बच्चों को जन्म नहीं दिया, तो एक महिला के तौर पर आप अधूरी हैं। यह जरूरी नहीं कि आपके गर्भ से बच्चे का जन्म हो तभी आप मां हो सकती हैं। आप किसी दोस्त के बच्चों, किसी अनाथ को गोद लेतीं हैं तब भी आप मां हैं।' - यह बातें हॉलीवुड की सबसे ज्यादा फीस पाने वाली अदाकारा जेनिफर एनिस्टन ने लेखिका एना सोफिया सोलिस से बातचीत के दौरान कहीं। देखा जाए तो यह धारणा समाज के सभी वर्गो में होती है लेकिन इस पर गहनता से विचार करने की आवश्यकता है। खासकर दक्षिण एशियाई देशों जैसे भारत में यह मानसिकता है कि यदि महिला शादी या लिव इन में रहने के बाद बच्चे नहीं जनती तो उसे सामाजिक रूप से बुरा माना जाता है और परिवार संदेह की निगाहों से देखता है। भारतीय समाज की सामूहिक चेतना अभी इतनी उन्नत नहीं हुई है कि वह स्त्रियों के फैसलों को सही माने और सहज स्वीकार करे।
बड़ी हस्तियों का फैसला
बच्चे पैदा ना करने के विषय में देशभर से महिलाओं की सोच सामने आ रही है। दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार कोडोंलिजा राइस जैसी राजनेता हों या फिर ओप्रा विंफ्रे और जेनिफर एनिस्टन जैसी बड़ी हस्तियों ने बच्चे न करने का विकल्प रखा है। बच्चा पैदा ना करने को लेकर ओप्रा ने कहा था कि 'यदि मेरे बच्चे होते तो मुझसे नफरत करते। वे मेरे बारे में इतनी ही बात करते जितना कि शो में देखते, मुझसे उन्हें निराशा होती। इसलिए मैंने कड़ा फैसला लिया।' ये महिलाएं समाज की पुरानी धारणाओं को पीछे छोड़कर एक नई सोच कायम करने में सक्षम है। जो एक महिला को बिना मां बने ही परिपूर्ण मानती है।
ख्यात सिंगर माइली साइरस ने इस मुद्दे पर कहा था कि 'अगर मैं बच्चे को दुनिया में लाई तो सिर्फ उसे पानी व मछलियों के बीच रहना पड़ेगा। क्या मुझे ऐसा करना चाहिए।'
बढ़ती जनसंख्या है समस्या
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट् पैट्रिशिया रैफर्टी का कहना है कि 'बच्चे पैदा करना आजीवन प्रतिबद्धता है, इसलिए इसमें गंभीरता जरूरी है। पर आप बच्चे नहीं पैदा करते तो समाज आपको स्वार्थी मानता है। जबकि यह तो आज के माहौल को देखते हुए बड़ा त्याग है। ज्यादा जनसंख्या के बुरे नतीजे दुनिया भुगत ही रही है।'
इसी के साथ आयरलैंड की तीसरी सर्वश्रेष्ठ महिला गायक काउंटेस क्रिस्टीन स्वीटमैन बताती हैं कि 'मैं 9 भाई-बहनों के एक बड़े आयरिश परिवार से आती हूं। यह धारणा है कि बच्चे स्थिर रिश्ते की पहचान है लेकिन मां नहीं बनने के निर्णय ने रिश्ते से लेकर करियर तक में स्थिरता दी है।'
सभ्यता के अपरिवर्तनीय पतन की होगी समस्या
साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक अगर जंगलों की कटाई व वैश्विक संसाधनों की खपत मौजूदा दर पर जारी रही है, तो अगले 20 से 40 साल में दुनिया को 'सभ्यता के अपरिवर्तनीय पतन' झेलना पड़ेगा। जनसंख्या में वृद्धि जारी है, जिससे पृथ्वी के संसाधनों पर विनाशकारी खतरा पैदा हो रहा है, कई युवा सवाल कर रहे हैं कि उनका भविष्य क्या होगा लेकिन इस सबके बाद भी हम एक बच्चे को दुनिया में लाना चाहते हैं।
आम लोगों की भी सहमति
बच्चा पैदा ना करने का चलन सिर्फ सेलेब्स में ही नहीं दिख रहा बल्कि आम लोग भी इस विचार से सहमत हो रहे हैं। लंदन में रहने वालीं भारतीय मूल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर राधिका शिवराजन ने 26 की उम्र में बच्चा न पैदा करने का फैसला लिया है। उनके पति भी फैसले में साथ हैं। सामाजिक दबाव के बावजूद उन्होंने फैसला नहीं बदला है। उनके इस फैसले पर उन्हें कहा गया कि 'बूढ़े हो जाओगे तो कौन देखभाल करेगा, जिंदगी कैसे चलेगी।' राधिका तर्क देती हैं, 'शादी को नौ साल हो चुके हैं। अभी तक हम दोनों एक-दूसरे का ध्यान रख रहे हैं। आगे भी ऐसे ही रखते रहेंगे।'