China Cyber Attack On Power Grid Ladakh : भारत को अंधेरे में डुबाने के लिए लद्दाख पावर ग्रिड पर ड्रैगन का हमला, नहीं मिली सफलता
China Cyber Attack On Power Grid Ladakh : लद्दाख बॉर्डर पर चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज आने को तैयार नहीं है। एक बार फिर उसने भारत को अंधेरे में डुबाने के लिए साइबर हैकर्स ( Cyber hackers ) का सहारा लिया, लेकिन उसे इस बार भी सफलता नहीं मिली। लद्दाख पावर ग्रिड के अधिकारियों व कर्मचारियों ने चीनी हैकर्स के हमले को विफल कर एक बड़े संकट को टाल दिया है लेकिन इससे साफ हो गया है कि चीन भारत के खिलाफ कभी भी कुछ कर सकता है।
India foils attempt of Chinese hackers to disrupt Ladakh's power grid
— ANI Digital (@ani_digital) April 7, 2022
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केंद्रीय बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि चीनी हैकरों ने लद्दाख पावर ग्रिड ( China Cyber Attack On Power Grid Ladakh ) पर हमला बोलकर भारत को अंधेरे में डुबाने की कोशिश की थी। ड्रैगन को इस प्रयास में सफलता नहीं मिली। बिजली वितरण केंद्रों को लक्षित कर किए गए इन प्रयासों को सफलतापूर्वक अवरुद्ध कर दिया गया था। हैकर्स द्वारा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बिजली वितरण को ठप करने के लिए दो बार साइबर हमले के प्रयास किए गए।
8 माह से चीनी हैकर्स कर रहे प्रयास
इससे पहले अगस्त और मार्च के बीच लद्दाख के पास पावर ग्रिड पर साइबर हमले ( China Cyber Attackers ) का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए आरके सिंह ने कहा कि चीनी हैकरों द्वारा लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाने के दो प्रयास किए गए, लेकिन सफल नहीं हुए। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा कि साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए रक्षा प्रणाली को मजबूत किया गया है। चीनी प्रायोजित हैकरों ने पिछले 8 महीनों में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के भारतीय बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाते रहे हैं।
इस बीच, भारतीय सेना और वायु सेना के शीर्ष अधिकारी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैयारियों और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं का आकलन कर रहे हैं क्योंकि भारत और चीन दोनों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में गतिरोध की स्थिति में बनी हुई हैं।
चीनी आक्रामकता के खिलाफ भारत ने किए कई बदलाव
बता दें कि अप्रैल-मई 2020 में लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों द्वारा दिखाई गई आक्रामकता के बाद अपनी तैनाती में कई अहम बदलाव किए हैं। सीमा विवाद को हल करने के लिए भारत और चीन सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बात कर रहे हैं। चीन के टालमटोल रवैये की वजह से पूर्व की स्थिति बहाल नहीं हो पाई है। पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 को लेकर चीन ने ऐसा प्रस्ताव रखा जिसे भारत ने स्वीकार नहीं किया।
अप्रैल 2020 वाले पोजिशन पर जाने के बाद समाधान संभव
इस मसले का समाधान तभी होगा जब जब चीन पूरी तरह से सेना का डिसइंगेजमेंट कर ले और अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस चला जाए। दूसरी तरफ सुरक्षा के लिहाज से भारत ने एलएसी पर अपनी तैनाती को कई गुना मजबूत किया है। भारतीय वायु सेना ने आगे के क्षेत्रों में उन्नत ठिकानों का निर्माण भी शुरू कर दिया है, जिसमें न्योमा जैसे आगे के क्षेत्रों से लड़ाकू जेट और हमले के हेलीकॉप्टर संचालित करने के लिए बुनियादी ढांचा शामिल है।