WHO प्रमुख ने कोरोना के अंत को बताया दूर, जिंदा जानवरों की बिक्री पर बैन लगाने की रखी सिफारिश
जनज्वार। पूरा विश्व कोरोना के कहर से त्राहिमाम कर रहा है। लगातार कोविड वैक्सीनेशन जारी है, बावजूद इसके कोरोना दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ रहा है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक बयान ने और भी चिंता में डालने का काम किया है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदानोम गेब्रेयसस ने कहा है कि भले ही दुनियाभर में अब तक कोविड-19 रोधी टीकों की 78 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं, मगर इस महामारी का अंत अब भी काफी दूर है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जन स्वास्थ्य के संबंध में कड़े कदम उठाकर कुछ महीनों में इसे काबू में किया जा सकता है। इसी के साथ डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर के देशों का आह्वान किया है कि वे खाने के बाजार में जिंदा जानवरों की बिक्री पर बिल्कुल प्रतिबंध लगा दें, जिससे कोरोना काबू किया जा सकता है।
गौरतलब है कि सबसे पहले चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था, जिसके बाद से इसका कहर जारी है। अब तक दुनियाभर में तकरीबन 13,65,00,400 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। यही नहीं इनमें से 29 लाख 44 हजार 500 कोविड संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदानोम गेब्रेयसस ने कहा कि 'दुनियाभर में जनवरी और फरवरी में लगातार छह हफ्तों तक संक्रमण के मामलों में कमी देखी गई। अब हम लगातार सात सप्ताह से मामलों में वृद्धि देख रहे हैं और चार सप्ताह से मौत के मामलों में इजाफा हो रहा है।'
टेड्रोस अदानोम गेब्रेयसस ने कहा कि पिछले सप्ताह सबसे अधिक कोविड के मामले सामने आए। उससे पहले तीन बार उससे ज्यादा मामले सामने आये थे। एशिया और पश्चिम एशिया के कई देशों में मामलों में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। गेब्रेयसस ने जेनेवा में पत्रकारों से कहा कि दुनियाभर में कोविड-19 रोधी टीकों की 78 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। टीका शक्तिशाली हथियार तो है, लेकिन यही एकमात्र हथियार नहीं है।
टेड्रोस अदानोम गेब्रेयसस ने उपाय के तौर पर सुझाया कि सोशल डिस्टेंसिंग इसका सबसे कारगर उपाय है। साथ ही मास्क लगाने से बहुत फायदा पहुंचेगा। मरीजों के लिए वेंटिलेशन भी बहुत जरूरी है। निगरानी, जांच, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, कोरोनटाइन आदि संक्रमण से निपटने और लोगों का जीवन बचाने के मुख्य उपाय हैं।'
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने आगाह करते हुए चेताया कि महामारी का अंत दूर है, लेकिन दुनिया के पास आशावादी होने के कई कारण हैं।