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Interpol का मोदी को झटका, खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से किया इनकार

Janjwar Desk
12 Oct 2022 5:17 AM GMT
इंटरपोल का मोदी को झटका, खालिस्तानी नेता गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से किया इनकार
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इंटरपोल का मोदी को झटका, खालिस्तानी नेता गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से किया इनकार

खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू ( Gurupatwant Singh pannu ) अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहता है और वकालत करता है। वह खालिस्तान की मांग को लेकर भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय है।

नई दिल्ली। इंटरपोल ( Interpol ) ने लगातार दूसरी बार खालिस्तानी अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ( Gurupatwant Singh pannu ) के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस ( red corner notice ) जारी करने से इनकार कर मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है। इस मामले में इंटरपोल का कहना है कि भारतीय अधिकारी इस मामले में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं करा पाए। बता दें कि खालिस्तान समर्थक गुरुपतवंत सिंह पन्नू ( Gurupatwant Singh pannu ) अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहता है और वकालत करता है। साथ ही अलग खालिस्तान की मांग को लेकर भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय है।

इंटरपोल ( Interpol ) का कहना है कि यूएपीए (UAPA) के तहत रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की गई है। इंटरपोल की नजर में UAPA अल्पसंख्यक समूहों को टारगेट करता है। इतना ही नहीं यूएपीए अप्लसंख्यक कार्यकर्ताओं के अधिकारों के खिलाफ इसका इस्तेमाल होता है। हालांकि, इंटरपोल ने माना है कि पन्नू एक हाई-प्रोफाइल सिख अलगाववादी है। एसएफजे एक ऐसा समूह है जो एक स्वतंत्र खालिस्तान की मांग करता है। इसके बावजूद इंटरपोल का तर्क है कि पन्नू की गतिविधियों का एक स्पष्ट मकसद है, इसलिए वह इंटरपोल के संविधान के अनुसार रेड कॉर्नर नोटिस के दायरे में नहीं आता है।

2020 से घोषित आतंकवादी है पन्नू

वर्तमान में गुरपतवंत सिंह पन्नू ( Gurupatwant Singh pannu ) अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहता है और वकालत करता है। उसे सिख फॉर जस्टिस ( Sikh for Justice ) का चेहरा माना जाता है। पन्नू कई सारी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। पन्नू ने दो साल पहले रेफरेंडम 2020 आयोजित करने की कोशिश की थी जिसमें उसने दुनियाभर के सिखों से खालिस्तान के समर्थन में वोट देने की अपील की थी। वह सिख युवाओं को खालिस्तान के लिए भड़काता रहा है। केदं सरकार ने जुलाई 2020 में पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक पन्नू ने एक बार भारतीय छात्रों को खालिस्तानी झंडा उठाने और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने को कहा था। इसके बदले में उन्हें आईफोन 12 मिनी देने का वादा किया था।

हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के दरवाजे पर खालिस्तान का झंडा फहराने के बाद सिख फॉर जस्टिस ( Sikh for Justice ) चर्चा में आया था। गुरपतवंत सिंह पन्नू ( Gurupatwant Singh pannu ) सिख फॉर जस्टिस को लीड करता है। इससे पहले और उसके बाद भी यह संगठन कई भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है। इस संगठन पर 2019 में केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था।

आईएसआई से है इसका कनेक्शन

दरअसल सिख फॉर जस्टिस खालिस्तान की मांग को लेकर दुनियाभर में कई संगठन सक्रिय हैं। इन्हीं में से एक है सिख फॉर जस्टिस। एसएफजे का गठन 2007 में अमेरिका में हुआ था। एसएफजे का सारा कामकाज पन्नू ही देखता है। इस संगठन का मकसद पंजाब को देश से अलग कर खालिस्तान बनाने का है। माना जाता है कि इस संगठन की सांठगांठ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से है।

किसान आंदोलन से भी जुड़ा था इसका नाम

जुलाई 2019 में केंद्र सरकार ने सिख फॉर जस्टिस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था। तब पाकिस्तान से इसके कनेक्शन की बातें सामने आई थीं। जुलाई 2019 तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी, पंजाब पुलिस और उत्तराखंड पुलिस के सामने 12 आपराधिक मामले दर्ज थे। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के समय भी सिख फॉर जस्टिस का नाम सामने आया था। एनआई ने दिसंबर 2020 में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं के इस संगठन से कनेक्शन की बात सामने आई थी।

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