Intolerence in Muslim community : दो अहमदिया मुसलमानों को बकरीद में कुर्बानी देने पर भेजा जेल, कानून बनाकर उन्हें दी जा रही सजा
Intolerence in Muslim community : पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर (Lahore) में पाकिस्तानी पुलिस ने रविवार को अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय के 3 सदस्यों को ईद उल अजहा के मौके पर पंजाब प्रांत में घुस अपने घर पर पशुओं को मारने के आरोप में गिरफ्तार किया है। वर्ष 1974 में पाकिस्तानी संवैधानिक संशोधन के अनुसार अहमदियों को गैर मुस्लिम घोषित किया गया था और पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 298 समुदाय को किसी भी इस्लामिक अनुष्ठान का पालन करने से रोकती है। पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने अहमदी समुदाय के पांच लोगों को रविवार को ईद मनाने के लिए फैसलाबाद में अपने घर पर एक बकरे और एक गाय की कुर्बानी देते हुए देखा। पुलिस ने कहा कि पांचों अहमदियों ने ईद-उल-अजहा मनाकर और इस मौके पर पशुओं की कुर्बानी देकर मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
अहमदी मुसलमानों को त्योहार मानने की इजाजत नहीं
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तसावर रमजान ने बताया कि शिकायत पर तेजी से कार्रवाई करते हुए हमने प्राथमिकी में नामदर्ज 5 संदिग्धों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुसलमानों मुस्लिम त्योहारों को मनाने के लिए अहमदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि कानून के तहत अहमदी ना तो खुद को मुसलमान के रूप में पेश कर सकते हैं और ना ही उनके त्यौहार मना सकते हैं।
हर साल सैकड़ों अहमदियों की होती है हत्या
पाकिस्तान में हर साल सैकड़ों अहमदिया मुसलमानों की हत्या इसलिए कर दी जाती है क्योंकि कट्टरपंथियों को लगता है कि वे काफिर है। नवंबर 2020 में इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया था कि पाकिस्तान में 1984 से 2019 के बीच, 265 अहमदी मारे गए और 393 पर हमला किया गया। इस दौरान अहमदियों के आम कब्रिस्तान में दफनाने से इनकार करने के 70 मामले सामने आए थे। 39 घटनाओं में तो दफन किए गए अहमदियों के शवों को कब्र से निकाल दिया गया था।
अहमदियों को कानूनी रूप से किया जाता है पीड़ित
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अहमदी मुसलमानों को कानून के जरिए भी प्रताड़ित किया जाता है। 1984 से 2019 के बीच पाकिस्तान में अहमदी मुसलमानों के खिलाफ धार्मिक आधार पर 765 केस दर्ज किए गए थे। इनमें से अधिकतर मामले कलमा को प्रदर्शित करने से जुड़े हुए थे। 38 मामलों में तो अजान के लिए अहमदी मुसलमानों को सलाखों के पीछे डाला गया था। 453 को मुसलमानों के रूप में खुद को बताने के लिए गिरफ्तार किया गया था। 161 को इस्लामिक विशेषणों का इस्तेमाल करने के लिए पकड़ा गया था। इसके अलावा 315 अहमदियों को ईशनिंदा कानून के तहत आरोपित किया गया था।