Xi Jinping की नजरबंदी की बातों में कितना है दम, चीनी मीडिया से लेकर सत्ता प्रतिष्ठान मौन क्यों ?
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नजरबंदी की बातों में कितना है दम, चीनी मीडिया से लेकर सत्ता प्रतिष्ठान मौन क्यों ?
बीजिंग। कल यानि 24 सितंबर को सोशल मीडिया और न्यूज चैनल्स के कुछ हिस्सों में उस समय हड़कंप मच गया जब चीन के कुछ लोकप्रिय ट्विटर अकाउंट ने बताया कि चीन में भी ज्यादातर ट्रेनें बिना वजह रद्द कर दी गई हैं। करीब 6000 हवाई उड़ानों और रोल सेवाओं को रोक दिया गया है। इसके बाद सोशल मीडिया में ये अफवाहें जंगल की आग की तरह फैलीं कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हाउस अरेस्ट यानि नजरबंद कर दिया गया है, लेकिन इस बात की अभी तक किसी ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। यही वो मसला की जिसकी वजह से अफवाहों का बाजार ज्यादा गर्म है।
दरअसल, पिछले दो साल में शी जिनपिंग शायद ही कभी अपने राष्ट्रपति भवन से बाहर निकले थे। वे कभी-कभी केवल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करते थे। इतना ही नहीं उन्होंने कोविड-19 का हवाला देते हुए वैश्विक नेता से भी मुलाकात नहीं की थी। ऐसे सोशल मीडिया पर जो खबरें आई, उसको लेकर अफवाहों का बाजार गर्म होना भी स्वभाविक ही था। फिलहाल, इन खबरों को लेकर तरह-तरह की आशंकाओं के बादल अभी भी इसलिए छाये हुए है कि वहां की मीडिया और सत्ता प्रतिष्ठान न तो इसकी आधिकारिक पुष्टि की है न ही खंडन। अहम सवाल यह है कि सभी के सभी इस मसले पर मौन क्यों हैं?
दो साल के बाद चीन के राष्ट्रपति ने हाल ही में उज्बेकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के 22 वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया लेकिन शी जिनपिंग ने बैठक में इस बार सक्रिय नहीं थे। उन्होंने शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया जरूर लेकिन न तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और न ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अलग बैठक की। साथ ही वह एससीओ शिखर सम्मेलन से अचानक चले गए। हां, पीएम मोदी को एससीओ की आगामी बैठक के लिए बधाई जरूर दी।
कहीं हू जिंताओ और वेन जियाबाओ ने खेल तो नहीं कर दिया
दूसरी तरफ चीन से उड़ती हुई खबर ये भी है कि चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ और पूर्व चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने स्थायी समिति के पूर्व सदस्य सोंग पिंग को राजी करके सेंट्रल गार्ड ब्यूरो का नियंत्रण वापस ले लिया है। सीजीबी का काम चीन की पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्यों और अन्य सीसीपी नेताओं को निजी सुरक्षा प्रदान करना है। यही समिति शी जिनपिंग की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।
समरकंद से अचानक बीजिंग के लिए क्यों हो गए रवाना
सोशल मीडिया पर यह आशंका जताई जा रही है कि शी जिनपिंग के सैन्य अधिकारों में अभी कटौती करना कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर एक आंतरिक तख्तापलट की तैयारी हो सकती है। कहीं शी जिनपिंग का 16 सितंबर को एससीओ की बैठक से जल्दबाजी में निकलने के पीछे की वजह चीन में हो रही यही उठापटक तो नहीं है। उन्होंने देश के लिए रवाना होने से पहले एससीओ शिखर सम्मेलन के आधिकारिक रूप से समाप्त घोषित होने का इंतजार भी नहीं कियां कहा जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति को हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था और माना जाता है कि वर्तमान में वे झोंगनानहाई के घर में नजरबंद हैं।
अफवाहों का बाजार इसलिए है गर्म
इस बीच चीन के भीतर और बाहर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को कुछ समय के लिए रद्द कर दिया गया है। टिकटों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। सीसीपी चीन के अंदर और बाहर ट्रैफिक की निगरानी कर रही है। ये सब शी जिनपिंग को हटाने के लिए तख्तापलट का संकेत तो नहीं। अगर ऐसा हुआ है 2019 में कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद से चीन से बाहर निकलने वाली ये सबसे बड़ी खबर बन जाएगी।
ट्विटर यूजर्स के दावों में कितनी है सच्चाई?
इसके अलावा कई ट्विटर यूजर्स ने शनिवार को शी के कथित हाउस अरेस्ट के बारे में पोस्ट किया। कुछ ने तो यह भी दावा किया कि यह एक सैन्य तख्तापलट था और पीएलए के वाहन पहले से ही राजधानी बीजिंग की ओर बढ़ रहे हैं। जेनिफर जेंग नामक शख्स ने ट्वीट किया कि सैन्य वाहन 22 सितंबर से बीजिंग की ओर जा रहे हैं। गाड़ियों का काफिला बीजिंग के पास हुआनलाई काउंटी से शुरू होकर हेबेई प्रांत के झांगजियाकौ शहर में समाप्त होता है। पूरा काफिला 80 किलोमीटर लंबा है। इस बीच अफवाह यह है कि सपीपी के वरिष्ठों द्वारा उन्हें राष्ट्रपति से हटाने के बाद हाउस अरेस्ट कर लिया है। दावा किया जा रहा है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने शी जिनपिंग को राष्ट्रपति के पद से हटा दिया है और सत्ता अपने हाथ में ले ली है। कहा जा रहा है कि अब चीन के राष्ट्रपति ली कियाओमिंग चीन के नए राष्ट्रपति बन गए हैं।
एक अन्य यूजर गॉर्डन जी चांग का दावा है कि बीजिंग जाने वाले सैन्य वाहनों का यह वीडियो देश में 59 प्रतिशत उड़ानों के ग्राउंडिंग और वरिष्ठ अधिकारियों को जेल भेजने के तुरंत बाद का है। बहुत अधिक उथल-पुथल है, जिसका अर्थ है कि सीसीपी के अंदर कहीं आग है। चीन अस्थिर है। ट्विटर पर बीजिंग से व्यावसायिक उड़ान के लिए उड़ान भरने के बारे में असत्यापित रिपोर्टें भी साझा की गई हैं।
वहीं चीन के कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि सोशल मीडिया पर कमेंट्री से परे अभी तक तख्तापलट का कोई संकेत नहीं है। चीन के एक विशेषज्ञ आदिल बराड़ ने कहा कि उज्बेकिस्तान से लौटने के बाद शी जिनपिंग को क्वारंटीन में रखा जा सकता है जो सार्वजनिक मामलों से उनकी अनुपस्थिति की व्याख्या करेगा। इन बातों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इंटरनेशनल डेस्क के पत्रकारों का मानना है कि ऐसी बातें सिर्फ कोरी चर्चा भर हैं। चीन की खबरें देने वाले ग्लोबल टाइम्स, सीएनएन या बीबीसी जैसे चैनलों ने भी इस बात की पुष्टि नहीं की है। ऐसे में अब तक का सच यही है कि शी जिनपिंग को हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है और न ही चीन में कोई तख्तापलट हुआ है।
क्यों उड़ी हाउस अरेस्ट की अफवाह
बता दें कि शी चिनफिंग की नजरबंदी की अटकलों के बाद चीन ने इस सप्ताह की शुरुआत में दो पूर्व मंत्रियों को मौत की सजा सुनाई थी। दो मंत्री और चार अन्य अधिकारी जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। कथित तौर पर एक श्राजनीतिक गुट का हिस्सा हैं। इस समय कम्युनिस्ट पार्टी का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चल रहा है। माना जा रहा है कि ये अधिकारी और पूर्व मंत्री जिनपिंग के विरोधी थे। ऐसा माना जा रहा है कि जिनपिंग विरोधी खेमे की ओर से उनकी तीसरी बार राष्ट्रपति के रूप मे ंताजपोशी से पहले विरोधियों ने ये अफवाह फैलाई गई है।