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Military Attack : भारत के इस पड़ोसी देश में सेना की दरिंदगी, स्कूल पर हमला कर 7 बच्चों समेत 13 लोगों को भून डाला

Janjwar Desk
20 Sep 2022 7:23 AM GMT
Military Attack : भारत के इस पड़ोसी देश में सेना की दरिंदगी, स्कूल पर हमला कर 7 बच्चों समेत 13 लोगों को भून डाला
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Military Attack : भारत के इस पड़ोसी देश में सेना की दरिंदगी, स्कूल पर हमला कर 7 बच्चों समेत 13 लोगों को भून डाला

Myanmar Military Junta: भारत (India) के पड़ोसी देश म्यांमार (Myanmar) की सेना तानाशाही शासकों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को कुचलने के लिए लगातार जनता पर अत्याचार कर रही है।

Myanmar Military Junta: भारत (India) के पड़ोसी देश म्यांमार (Myanmar) की सेना तानाशाही शासकों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को कुचलने के लिए लगातार जनता पर अत्याचार कर रही है। सैन्य तख्तापलट के बाद से बेगुनाह लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इस कड़ी में अब तानाशाही म्यांमार सेना (Myanmar Army) ने जो कदम उठाया है, उससे दुनिया दहल गई है। दरअसल, म्यामांर की सेना के हेलीकाप्टरों ने एक गांव और एक स्कूल पर हवाई हमला (Air Strike) किया। इसमें सात स्कूली बच्चों समेत 13 लोगों की मौत हो गई। हमले में कई लोगों के घायल होने की भी सूचना है। बताया जा रहा है कि गांव में हर तरफ मातम पसरा है और मृतकों के परिजन बिलख रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले से करीब 110 किमी दूर तबायिन के लेट यॉट कोन गांव में एक स्कूल की प्रशासक ने बताया कि गांव के उत्तर में मंडरा रहे चार में से दो एमआई-35 हेलीकॉप्टर ने स्कूल पर हमला कर दिया। हेलीकॉप्टरों से मशीनगनों और भारी हथियारों से हमला किया गया। हवाई हमले से विद्यार्थी और शिक्षक भयभीत हो गए। शिक्षकों ने विद्यार्थियों को ग्राउंड फ्लोर की कक्षाओं में ले जाने का प्रयास किया ताकि उनकी जान बच सके। कई बच्चों को बचाया गया, लेकिन छह स्टूडेंट्स की मौत हो गई है। इसके अलावा एक गांव में 13 वर्षीय लड़के की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

बता दें कि म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में तख्तापलट कर दिया था। इसके बाद नेता आंग सान सू ची की तरफ से और न ही राष्ट्रपति विन मिन की तरफ से कोई बयान आया था। तख्तापलट की अनुवाई करने वाले सेना के जनरल मिन ऑन्ग ह्लाइंग ने देश में एक साल का आपातकाल लगा दिया था। सेना ने तख्तापलट को सही ठहराया हुए कहा था कि बीते साल हुए चुनावों को जीतने के लिए आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फ़ॉर डेमोक्रेसी ने धांधली की थी। ऐसे में सेना का कदम जायज है।

पश्चिमी देशों ने लगाए प्रतिबंध

सैन्य तख्तापलट के बाद पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगा दिए थे। सैन्य तख्तापलट और कोरोना महामारी के चलते म्यांमार के आर्थिक हालात बिगड़ते चले गए। श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह म्यांमार के बर्बाद होने की आशंका को लेकर लोग विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वालों को निशाना साधा जा रहा है।

भारत में ले रहे शरण

मीडिया रिपोर्ट्स में मिजोरम के एक नेता के हवाले से बताया गया कि म्यांमार के हालात बिगड़ने के बाद से अच्छी खासी संख्या में लोगों ने देश छोड़ दिया और भारत के मिजोरम में शरण ले रहे हैं। उन्होंने यह जानकारी करीब एक महीने पहले दी थी। चूंकि लगातार जनता को निशाना बनाया जा रहा है, लिहाजा म्यांमार के शरणार्थियों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अभी तक म्यांमार के शरणार्थियों की संख्या को लेकर पुख्ता रिपोर्ट सामने नहीं आ सकी है।

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