Pakistan News : कौन हैं जनरल कमर जावेद बाजवा, क्या है उनका कश्मीर कनेक्शन? इमरान की कुर्सी डिगाने में उनका क्या है हाथ?
Pakistan News : कौन हैं जनरल कमर जावेद बाजवा, क्या है उनका कश्मीर कनेक्शन? इमरान की कुर्सी डिगाने में उनका क्या है हाथ?
Pakistan News: हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) में इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल (Political Crisis) का माहौल चल रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) की कुर्सी जाएगी या बचेगी यह खबर अखबारों और मीडिया में सुर्खियां बनी हुईं हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है और वर्तमान हालात को देखकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे अब बस कुछ दिनों के ही मेहमान हैं।
हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में सबकी नजरें एक और किरदार पर भी टिकी हुईं हैं। इमरान की कुर्सी जाएगी या बचेगी उसमें इस किरदार का बड़ा अहम रोल रहने वाला है। उस किरदार का नाम है जनरल कमर जावेद बाजवा (General Qamar Javed Bajwa) बाजवा फिलहाल पाकिस्तान की सेना के प्रमुख हैं। लंबे समय से पाकिस्तान में सत्ता की चाबी सेना पास रही है। सेना ही तय करती आयी है कि कौन सत्ता में रहेगा और कौन सत्ता से बाहर जाएगा।
पाकिस्तान की वर्तमान राजनीतिक गतिविधियों के बीच भी यह माना जा रहा है कि पाक सेना का हाथ जिस पर रहेगा उसी की सत्ता रहेगी। मतलब साफ है कि अगर इमरान खान को सत्ता में बने रहना है तो उन्हें पाक सेना खासकर पाक सेना प्रमुख का विश्वास तो जीतना ही पड़ेगा तभी वे विश्वासमत के दौरान वोटिंग में अपनी सरकार को बचाने के बारे में सोच भी सकते हैं। आइए जानते हैं कौन हैं कमर जावेद बाजवा जिनके इर्द-गिर्द इन दिनों पाकिस्तान की राजनीति घूम रही है।
जनरल कमर जावेद बाजवा पाकिस्तान के फोर स्टार सैन्य अधिकारी हैं। नवंबर 2016 से अब तक वो पाकिस्तानी सेना के प्रमुख के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कुछ समय पूर्व की पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने उन्हें तीन वर्ष का सेवा विस्तार दिया था। आपको बता दें कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को पाकिस्तान में कश्मीर से जुड़े मुद्दों का जानकार माना जाता है। उनके पास भारत के साथ लगी नियंत्रण रेखा पर ड्यूटी देने का लंबा अनुभव है। कई मौकों पर जनरल बाजवा कह चुके हैं कि पाकिस्तान को भारत से ज्यादा अपने घर के आतंकवादियों से ही खतरा है।
पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को पाकिस्तान में डार्क हॉर्स के नाम से भी जाना जाता है। यहां आप को बता दें कि पाकिस्तान में जब कोई नया सेनाध्यक्ष चुना जाता है तो उस समय भारत, चीन और अमेरिका को ध्यान में जरूर रखा जाता है। भारत का इसलिए, क्योंकि नया सेना प्रमुख कश्मीर मामले पर क्या विचार रखता है, इसका असर पाकिस्तान की आतंरिक राजनीति तथा विदेश नीति पर स्पष्ट रूप से पड़ता है।
वहीं चीन से समन्वय बनाए रखने के लिए, सैन्य सहयोग तथा मदद बढ़ाने का काम भी कुछ हद तक सेना प्रमुख के कंधों पर ही रहता है। अमेरिका से रक्षा तथा आतंकवाद से लड़ने के नाम पर मिलने वाली आर्थिक सहायता मैनेज करने में भी सेना प्रमुख की भूमिका अहम होती है।
जनरल बाजवा 1982 में पाकिस्तानी सेना की सिंध रेजिमेंट में कमीशन से शामिल किए गए थे। जनरल बाजवा को 2011 में हिलाल-ए-इम्तियाज से नवाजा जा चुका है। बाजवा ने पाकिस्तान की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण कॉर्प-10 का भी नेतृत्व किया है। यह कॉर्प पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में तैनात है। कांगों में शांति मिशन के दौरान भी ब्रिगेडियर रहते हुए बाजवा ने अपनी सेवाएं भी दे चुके हैं। इसके अलावा कमर बाजवा बलोच रेजिमेंट में भी सेना अधिकारी रह चुके हैं।
पाकिस्तानी सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) में कमर बाजवा अभी ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट के इंस्पेक्टर जनरल थे। राहिल शरीफ भी आर्मी चीफ बनने से पहले इस पोस्ट पर रह चुके हैं। बाजवा को इसलिए भी डार्क हॉर्स माना जा रहा है क्योंकि उनका संबंध क्वेटा के इंफेन्ट्री स्कूल और बलोच रेजीमेंट से है। इसी रेजीमेंट से पूर्व सेना प्रमुख जनरल याह्या खान, जनरल असलम बेग और जनरल कियानी भी आगे बढ़े थे।
बीते दिनों में आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर इमरान सरकार और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव देखने को मिला था। बताया जा रहा है कि हाल के दिनों में इसी कारण से इमरान सरकार पर संकट मंडरा गए हैं। अब इमरान खान की सरकार को पाक सेना और जनरल बाजवा का भरोसा हासिल नहीं है, ऐसे में उसका जाना तय माना जा रहा है।