किसने और क्यों रखा था विमान का नाम 'तेजस'? 1983 से चल रही थी बनाने की कोशिश, जानिए क्यों है खास?
Tejas एक वक्त था जब हिंदुस्तान जंगी साज़ो-सामान के लिए दूसरे देशों पर निर्भरत रहता था लेकिन अब धीरे-धीरे इन दिशा में हालात सुधरते दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि हिंदुस्तान में बने लड़ाकू विमान तेजस दुनिया के कई बड़े देशों की पसंद बन चुका है. यहां तक कि दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्कों की लिस्ट में टॉप पर रहने वाला अमेरिका भी इस विमान को खरीदना चाहता है. वहीं मलेशिया को भी भारत ने 18 तेजस विमान बेचने की पेशकश की है. इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस भी इसमें रुचि रखते हैं.
इस मौके पर हम आपको भारत में बने इस विमान के बारे में कुछ ऐसी जानकारी मुहैया कराने जा रहे हैं जो शायद बहुत आम नहीं हैं. सबसे पहला सवाल तो शायद आपके मन में यह आ रहा होगा कि भारत ने यह विमान क्यों बनाना शुरू किया? तो इसका सीधा और आसान जवाब यह है कि पिछले पांच दशकों में 400 से ज्यादा MiG-21 विमानों के क्रैश हुए. जिसकी वजह भारतीय सरकार MIG-21 की जगह कोई दूसरा ऑप्शन तलाश कर रही थी. जो MIG-21 से कई मायनों पर बेहतर हो और हुआ भी कुछ ऐसा ही. तेजस MIG-21 की जगह लेने में कामयाब हो गया.
1983 से शुरू हो चुकी थी कोशिश
भारतीय वायु सेना में हल्के विमान शामिल करने की जद्दोजहद साल 1983 में ही हो चुकी थी. सरकार की तरफ से इस प्रोजेक्ट को ग्रीन सिग्नल मिलते ही इस पर काम शुरू हो चुका था. उस वक्त साइंटिस्ट्स के सिर्फ दो ही मकसद ही थे, पहला तो यह कि MIG-21 की जगह एक बेहतर फाइटर जेट तैयार करना है. वहीं दूसरी यह था कि जो विमान तैयार किया जा रहा है वो हल्का भी होना चाहिए. 1983 से लेकर साल 2001 तक इसके पीछे कड़ी मेहनत हुई और 4 जवनरी 2001 में जब देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे तो इस विमान ने पहली उड़ान भरी थी.
अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा "तेजस" नाम
तत्काली प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस विमान का नाम भी रखा था. साल 2003 में वाजपेयी जी ने इस विमान को संस्कृत भाषा का नाम "तेजस" दिया. तेजस का मतलब होता है "चमक". यह विमान साइंटिस्ट डॉ कोटा हरिनारायण और उनकी टीम ने मिलकर इस विमान के सपने को साकार किया था.
क्या हैं तेजस की खासियतें
- इस विमान की सबसे खास बात तो यह है कि इसमें इस्तेमाल होने वाली 50 फीसद मशीनरी हिंदुस्तान में तैयार हुई हैं.
- दूसरी खासियत यह है कि तेजस एक साथ 10 लक्ष्यों पर निशाना साध सकता है.
- तेजस विमान को टेकऑफ करने के लिए भी बहुत की जगह की जरूरत पड़ती है. एक जानकारी के मुताबिक यह विमान 460 मीटर के रनवे पर आसानी से टेकऑफ कर सकता है.
- तेजस विमान सुखोई Su-30MKI, राफेल, मिराज और MIg-29 में सबसे कम वज़न का है. तेजस विमान का वज़न 6500Kg है.
- तेजस विमान की स्पीड की बात करें तो यह राफेल से भी ज्यादा तेज दौड़ता है. इसकी स्पीड 2222km है. वहीं तेजस की स्पीड 1912km प्रति घंटा है.