Russia Ukraine war : रूस के विदेश मंत्री का दावा, यूक्रेन के पास अब भी है परमाणु तकनीक, इस खतरे से हम आंख नहीं मूंद सकते
यूक्रेन में चेरनोबिल आपदा का खतरा।
Russia Ukraine war : रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ( Russian Foreign Minister Sergei Lavrov ) ने दावा किया है कि यूक्रेन ( Ukraine ) के पास आज भी पूर्व सोवियत ( Former USSR ) वाली परमाणु बम ( Nucleat Bomb ) बनाने की तकनीक ( Nuclear Technology ) है। यूक्रेन के पास परमाणु तकनीक होना रूस के लिए खतरा है। हम इस खतरे से आंख मूंदकर बैठे नहीं रह सकते।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ( Russian Foreign Minister Sergei Lavrov ) ने कहा है कि हम नहीं चाहते कि पश्चिमी देश पूर्व सोवियत संघ ( Former USSR ) के किसी भी देश में सैन्य अड्डा विकसित करें। रूसी समाचार एजेंसियों आरआईए और टीएएसएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि मॉस्को इस बात को भी बर्दाश्त नहीं करेगा कि कुछ यूरोपीय देश अमेरिका से परमाणु हथियारों हासिल करें और यूक्रेन को परमाणु हथियार विकसित करने में मदद करे।
बता दें कि 1991 में सोवियत संघ के विघटन के करीब तीन साल बाद 1994 में रूस ने सोवियत संघ से अलग हुए देशों से सभी परमाणु हथियार और तकनीक वापस ले लिए थे।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की ओर से यूक्रेन के पास सोवियत संघ परमाणु तकनीक होने का दावा करने के बाद से सोशल मीडिया पर इस बात की भी चर्चा हो रही है कि यूक्रेन पर अपने हमलों को सही ठहराने के लिए रूस नया तरीका खोज रहा है। ट्विटर पर एक यूजर्स ने लिखा अब रूस आक्रमण को सही ठहराने के तरीके खोज रहा है। यूक्रेन के पास तीसरा सबसे बड़ा शस्त्रागार था और उन्होंने 1994 में इसे रूस को दे दिया था।
वहीं भीमाशीस नामक ट्विटर यूजर का कहना है कि रूस आक्रमण को सही ठहराने के तरीके खोज रहा है। यूक्रेन के पास तीसरा सबसे बड़ा शस्त्रागार था। उन्होंने 1994 में इसे दे दिया।
खेमराज ठाकुर नामक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि अगर यूक्रेन के पास ये तकनीक है तो मुझे आशा है कि वो इसका उपयोग करेगा। हालांकि, मुझे लगता है कि यह एक दुष्प्रचार जैसे अमरीका ने इराक, लीबिया और सीरिया पर हमला करने के लिए किया था।
बता दें कि 24 फरवरी 2022 यानि बीते गुरुवार को जब यूक्रेन पर रूसी हमले की खबरें आईं, तो यूक्रेन के सांसद एलेक्सी ने इस बात पर गहरा खेद जताया था। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से सुरक्षा गारंटी मिलने के बाद अपने सारे परमाणु हथियार वापस लौटा दिए थे।