ढाका। बांग्लादेश में बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी हुई है। देश का लगभग एक तिहाई हिस्सा पिछले एक महीने से भारी बारिश के बाद बाढ़ से प्रभावित बना हुआ है। देश में लगभग 15 लाख लोग बाढ़ से सीधे प्रभावित हुए हैं जिनके लिए कोरोना वायरस संकट के बाद यह एक दोहरी मार है।
एक अधिकारी ने पिछले एक महीने के दौरान बांग्लादेश में लगातार बारिश और नदियों के पानी के बहाव को बीते 'एक दशक में सबसे घातक' बताया। बांग्लादेश में 230 नदियां हैं जिसमें 53 भारत से आती हैं। दो मुख्य हिमालयी नदियां ब्रह्मपुत्र और गंगा, भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करती हैं।
बांग्लादेश जल विकास बोर्ड (बीडब्ल्यूडीबी) के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि बीते 24 घंटे में पंखा के चापाएनवाबगंज और राजशाही स्टेशनों पर गंगा का जलस्तर क्रमश: एक सेंटीमीटर और दो सेंटीमीटर बढ़ गया, हालांकि यह दोनों जगहों पर खतरे के निशान से क्रमश: 184 सेमी और 188 सेमी नीचे है।
बीडब्ल्यूडीबी के अधीक्षण अभियंता मुखलेसुर रहमान ने आईएएनएस को बताया कि बीडब्ल्यूडीबी के स्थानीय कार्यालय ने कहा है कि उसने मंगलवार को सुबह नौ बजे समाप्त होने वाले 24 घंटों में पनखा, राजशाही, हार्डिग ब्रिज, तलबरिया और गोलंडा जैसे विभिन्न स्थानों पर जलस्तर में वृद्धि दर्ज की है।
गंगा में जलस्तर में वृद्धि ने नदी के किनारे के इलाकों (स्थानीय रूप से जिन्हें चार कहा जाता है) और क्षेत्र के अन्य निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। बांग्लादेश जल विकास बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि बांग्लादेश का एक तिहाई बाढ़ प्रभावित रहता है और इस सभी इलाके में घरों और सड़कों पर घुटनों तक पानी है। एक प्रभावित महिला असमानी बेगम ने कहा, "बाढ़ का स्तर लगातार बढ़ रहा है। हमने पिछले कुछ दशकों में ऐसी स्थिति नहीं देखी।"
एक अन्य बाढ़ प्रभावित काली तारा ने कहा, 'हम बाढ़ में घिर गए हैं। हम अपने मवेशियों के साथ भी बाहर नहीं जा सकते। हम बाहर जाने के लिए नाव का उपयोग कर रहे हैं। मैं और मेरे पति जमीन के एक छोटे टुकड़े पर सब्जियां उगाते हैं। हम इन्हें बाजार में बेचकर गुजारा करते हैं।'
'पिछले पांच महीनों से कोरोनोवायरस महामारी के कारण हम पहले ही बड़े संकट में हैं और अब यह बाढ़। बारिश पिछले एक महीने से रुकी नहीं है। हम चिंतित हैं। आगे क्या होगा। हम अपने बच्चों के साथ कैसे बचेंगे। हमारे पास खाना नहीं है। हमारे घरेलू सामान बह गए हैं।'
बांग्लादेश के बाढ़ पूर्वानुमान एवं चेतावनी केंद्र (एफएफडब्ल्यूसी) के कार्यकारी अभियंता आरिफुज्जमान भुइयां ने कहा, "यह एक दशक में सबसे बुरी बाढ़ है।"