दानिश सिद्दीकी की मौत पर तालिबान ने जताया 'खेद', कहा हम नहीं जानते किसकी गोलीबारी में मारा गया
(तालिबान प्रवक्ता ने कहा: 'युद्ध क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी भी पत्रकार को हमें सूचित करना चाहिए)
जनज्वार डेस्क। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के वापस जाते ही सेना और तालिबान के बीच हिंसक संघर्ष जारी है। वहीं इस बीच शुक्रवार 16 जुलाई को समाचार एजेंसी रॉयटर्स के भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की कंधार प्रांत में हत्या कर दी गई। उनकी मौत पर भारत और अफगानिस्तान दोनों देशों के आम नागरिकों शोक की लहर है। वहीं इस बीच तालिबान ने इसकी जिम्मेदारी से इनकार किया है।
तालिबान ने कहा कि वह नहीं जानता की भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी कैसे मारा गया। समाचार चैनल सीएनएन न्यूज-18 से बातचीत में तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पुलित्जर पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार की मौत पर खेद व्यक्त किया।
जबीउल्लाह मुजाहिद ने शुक्रवार 16 जुलाई को सीएनएन-न्यूज 18 को बताया, 'हमें नहीं पता कि पत्रकार किसकी गोलीबारी में मारा गया। हम नहीं जानते कि उनकी मृत्यु कैसे हुई"।
मुजाहिद ने कहा, 'युद्ध क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी भी पत्रकार को हमें सूचित करना चाहिए। हम उस विशेष व्यक्ति की उचित देखभाल करेंगे। हमें भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मृत्यु के लिए खेद है। हमें खेद है कि पत्रकार हमें सूचित किए बिना युद्ध क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं।'
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक अफगान कमांडर का हवाला देते हुए बताया था कि शुक्रवार को पाकिस्तान के साथ सीमा पार के पास अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान लड़ाकों के बीच झड़प को कवर करते हुए रॉयटर्स के पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत हो गई थी। वह 38 साल के थे।
इधर, अफगान कमांडर ने रॉयटर्स को बताया था कि अफगान विशेष बल स्पिन बोल्डक के मुख्य बाजार क्षेत्र पर फिर से कब्जा करने के लिए लड़ रहे थे, जब सिद्दीकी और एक वरिष्ठ अफगान अधिकारी मारे गए थे। इसका जिम्मेदार उन्होंने तालिबान की गोलीबारी को बताया था।