Who Is Shehbaz Sharif : इमरान खान कुछ ही घंटे के मेहमान, पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं शहबाज शरीफ, जानिए उनके बारे में
Pakistan News : पाकिस्तान में बाढ़ से हाहाकार के बीच मदद की आस के साथ शहबाज शरीफ ने फिर छेड़ा कश्मीर का मुद्दा
Who Is Shehbaz Sharif : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे हैं। इमरान खान की कुर्सी का जाना लगभग तय माना जा रहा है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलाव भुट्टो जरदारी ने कहा कि विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) को जल्द ही देश का प्रधानमंत्री बना सकते हैं। इससे पहले 30 मार्च को पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली (National Assembly) में अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गाय। पीपुल्स पार्टी के मुताबिक इमरान खान बहुमत खो चुके हैं और अब वे प्रधानमंत्री नही हैं। उन्होंने ये भी कहा कि वोटिंग के जरिए इस मामले को सुलझाया जाएगा ताकि अच्छे से चुनाव हो पाए और आर्थिक स्थिति सुधर पाए। विपक्ष की ओर से नए प्रधानमंत्री के लिए शहबाज शरीफ का नाम सबसे पहले आ रहा है। आइए उनके बारे में जानते हैं।
शहबाज शरीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं और इस समय वह पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (संसद) में विपक्ष के नेता है। उनका जन्म पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत के लाहौर (Lahore) में एक पंजाबी कश्मीरी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद शरीफ है और वे एक उच्च मध्यम वर्ग के बिजनेसमैन व उद्योगपति थे।
उनका परिवार कश्मीर के अनंतनाग बिजनेस के लिए आया था और अमृतसर के गांव में ही बस गया लेकिन 1947 के विभाजन के बाद शहबाज के माता-पिता अमृतसर से लाहौर चले गए। वह खुद पेशे से एक बिजनेसमैन हैं। उन्होंने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी से आर्ट्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। पढ़ाई के बाद उन्होंने अपने परिवार के स्टील कंपनी इत्तेफाक ग्रुप को जॉइन किया। 1984 में उन्हें लाहौर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का अध्यक्ष चुना गया।
1988 में पहली चुने गए विधायक
शहबाज पहली बार 1988 में पंजाब प्रांतीय विधानसभा के लिए चुने गए और इसके बाद 1990 में नेशनल असेंबली के लिए चुने गए थे। फिर वे 1993 पंजाब से विधानसभा के लिए चुने गए और उन्हें विपक्ष का नेता घोषित किया गया। 1997 में वह पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए थे। फिर 1999 में सैन्य तख्तापलट के बाद शहबाज के परिवार को कई वर्ष सऊदी अरब में छिपकर बिताए और 2007 में दोबारा पाकिस्तान लौट आए।
तीन बार बने पंजाब के मुख्यमंत्री
2008 के आम चुनाव में पीएमएलएन को दोबारा जीत मिली और उन्हें पंजाब दोबारा मुख्यमंत्री बनाया गया। 2013 में वे तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने और 2018 के आम चुनावों में अपनी पार्टी पीएमएल-एन (Pakistan Muslim League-Nawaz) की हार होने तक अपना कार्यकाल पूरा किया। इसी दौरान उनके भाई नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित किया गया, फिर शहबाज शरीफ को ही पीएमएल-एन का अध्यक्ष बनाया गया था। 2018 के चुनावों के बाद उन्हें विपक्ष का नेता बनाया गया।
मनी लॉन्ड्रिंग मामला
साल 2019 में पाकिस्तान के केंद्र में इमरान खान की सरकार आई तो दिसंबर के महीने में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत शहबाज और उनके बेटे हमजा शहबाज की कुल 23 संपत्तियों को जब्त कर लिया गया। सितंबर 2020 में नेशनल अकाउंटिबिलीटी ब्यूरो (NAB) ने उन्हें लाहौर हाईकोर्ट में गिरफ्तार किया और सुनवाई के दौरान उन्हें जेल में रखा गया था। पिछले वर्ष लाहौर हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा किया।