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बिहार के इस बूथ पर पसरा सन्नाटा, जानें एक भी मतदाता क्यों नहीं आया वोट देने
Photo:social media
जनज्वार ब्यूरो, पटना। पटना जिले की बाढ़, मोकामा, मसौढ़ी, पालीगंज और बिक्रम विधानसभा सीटों पर आज 28 अक्टूबर को सुबह सात बजे से शांतिपूर्ण माहौल में मतदान शुरू हुआ है। मतदान के दौरान कई बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतार दिखी तो कुछ बूथ पर सन्नाटा भी पसरा रहा। कुछ बूथों पर ईवीएम खराब होने के कारण मतदान कुछ देर से शुरू हुआ। उधर पालीगंज के एक बूथ पर गांव में सड़क की मांग को लेकर लोग वोट डालने नहीं आए हैं। यहां मतदान शुरू होने के कई घँटे बाद तक सन्नाटा पसरा रहा।
पालीगंज विधान सभा क्षेत्र के निरखपुर बहेडिय़ा गांव में सड़क की मांग को लेकर मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस महापर्व में भागीदारी नहीं की है। यहां के बूथ नंबर 236 पर सुबह 10 बजे तक एक भी वोट नहीं गिर पाया था, जबकि इस बूथ पर कुल 983 मतदाता हैं। ग्रामीणों ने रोड की मांग को लेकर नाराजगी जताते हुए अपने मतों का प्रयोग नहीं किया। इस गांव के नजदीक तीन गांवों के लगभग एक हजार वोटरों ने बूथ के बाहर बैनर लगा दिया है और मतदान नहीं कर रहे हैं। हालांकि स्थानीय प्रशासन लोगो को मनाने का प्रयास कर रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी कहते हैं 'राजधानी पटना से सटे पालीगंज विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 236 पर मतदाता वोट देने नहीं पहुंचे। अपने इलाके में सड़क नहीं बनने से वे नाराज हैं। पालीगंज किंजर भाया गौसगंज सड़क अंग्रेजों के समय बनी थी। उसके बाद से किसी ने उसपर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीण बड़ी कठिनाई से आवागमन करते हैं। लंबे समय से उसके पक्कीकरण और चौड़ीकरण की मांग हो रही है। समय-समय पर विधायकों-मंत्रियों का आश्वासन भी मिला पर सड़क नहीं बनी।'
हालांकि चुनाव की घोषणा होते ही ग्रामीणों ने सड़क नहीं तो वोट नहीं की मांग बुलंद की। उन्हें उम्मीद थी कि विकास का दावा करनेवाली सरकार का कोई प्रतिनिधि उनसे बात करने आयेगा। लेकिन कोई अधिकारी या नेता उनसे मिलने नहीं गया। निराश होकर उन्होंने मतदान का बहिष्कार किया।
प्रवीण बागी सवाल उठाते हैं 'क्या इसे सरकार की संवेदनशीलता और विकास के दावे की पोल खोल माना जा सकता है?'