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Blind Faith: पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से देश में अंधविश्वास का सरकारीकरण
पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से देश में पाखंड और अंधविश्वास का सरकारीकरण सा होता दिख रहा है
Blind Faith News: साल 2014 में भारत सरकार की कुर्सी पर नरेंद्र मोदी के सत्ता में विराजमान होने के बाद ऐसा बहुतायत प्रतीत हो रहा है कि देश में अंधविश्वास का सरकारीकरण होता जा रहा है। ऐसे बहुतायत नाम उंगलियों पर गिनाएं जा सकते हैं जिनको लेकर तब से अब तक महज अंधविश्वास ने इंसान की जिंदगी के इर्द-गिर्द अपनी जड़ें मजबूत कर ली हैं।
आसाराम बापू हों, गुरमीत राम रहीम सिंह हों, वे बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शाष्त्री हों अथवा सीहोर वाले प्रदीप मिश्रा हों सबका एक ही पार्टी से नाता दिखाई देता है, और वो पार्टी है भारतीय जनता पार्टी। भाजपा और उसके अनगिनत नेता समय-समय पर इन महानुभावों से जाकर ना सिर्फ आशीर्वाद लेते रहे हैं बल्कि चरण वंदना तक करते नजर आते रहे हैं।
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह हों, शिवराज सिंह चौहान हों या फिर अन्य कोई भाजपाई। इन सभी का मेल मिलाप मशहूर रहा है। और यही मेल मिलाप इन जैसे बाबाओं के सामने नतमस्तक होता रहा है। हालांकि, तमाम लोग इसे वोटों की राजनीति तक करार देते हैं, यह सही भी है। क्योंकि इन जैसे अंधविश्वासी बाबाओं के लाखों करोड़ों में भक्त और अनुयायी भी होते हैं, जिन्हें वोटों की शक्ल में तब्दील किया जाता रहा है।
इसके अलावा यह बात इन तथ्यों से उजागर भी होती है कि जब ये धर्मधुरंधर खुलेआम पीएम मोदी के सत्ता में काबिज होने के बाद उनकी तारीफ करते रहते हैं। कथावाचक प्रदीप मिश्रा का अभी हाल ही में आया एक वीडियो जिसमें वे साफ कहते सुने जा रहे हैं कि यदि नरेंद्र मोदी सत्ता में ना होते तो देश में हिंदुओं का रहना तक मुश्किल हो जाता है।
वहीं, बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शाष्त्री भी इसी तरह के प्रलाप करते देखे जाते हैं, जिसमें सत्ता से जुड़े लोगों का महिमामंडन किया जाता है। धीरेंद्र शाष्त्री ने अपने दरबार में पहुँचे पूर्व भोजपुरी अभिनेता गायक व सांसद मनोज तिवारी को लेकर की दफा तमाम बातें कही हैं।