कोरोना को मात दे चुके 106 वर्षीय बुजुर्ग ने कहा, ऐसी बीमारी पहले नहीं देखी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में 106 वर्षीय बुजुर्ग मोहम्मद मुख्तार अहमद ने हाल ही में कोरोना संक्रमण मात दी है। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सक सौ साल से अधिक उम्र के इस बुजुर्ग के कोरोनावायरस से तेजी से ठीक होने के कारण आश्चर्य में हैं।
मुख्तार अहमद के लिए यह कोई आश्चर्य नहीं, क्योंकि वह कहते हैं कि पहले भी वह खतरनाक बीमारियों को देख चुके हैं। वर्ष 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू के समय अहमद की उम्र चार वर्ष की थी। अहमद कोरोना से तो ठीक गए हैं, लेकिन उनकी माली हालत बिल्कुल ठीक नहीं है। वह लोगों से काफी खफा हैं।
उनके अनुसार, हर कोई आकर फोटो लेकर चला गया, वीडियो बना लिया, सरकार ने उनके बारे में लोगों को जानकारी दी, लेकिन किसी ने मदद करने का नहीं सोचा। हाल ही में एक एनजीओ ने अहमद को 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद की है।
उन्होंने कहा, मैं कोरोना से ठीक हुआ तो कई लोग आए, वीडियो बना कर ले गए। लेकिन किसी ने मदद नहीं की।
उन्होंने कहा, मेरे पास दरअसल कोई दस्तावेज नहीं है। एक हादसा हुआ था, जिसमें मैं पागल हो गया था। तीन साल पागल खाने में रहा। उस वक्त मेरे सब दस्तावेज इधर-उधर हो गए। कपड़े तक नहीं थे मेरे पास पहनने के लिए।
अहमद अभी भी 13 साल से दूसरे के घर में रह रहे हैं। वह बताते हैं कि 1992 में उनके परिवार के साथ एक हादसा हुआ, जिसमें परिवार के 31 लोगों की जान चली गई थी। उसके बाद अहमद पागल हो गए थे।
वह बताते हैं कि 13 साल पहले दिल्ली के आजाद मार्किट में ऐसे ही घूम रहे थे। जब एक शख्स की इन पर नजर पड़ी वह इन्हें अपने घर ले गया और तभी से वह उस परिवार के सदस्य की तरह रह रहे हैं।
घर की मुखिया मजीदा ने बताया, 13 साल पहले मेरे बेटे को मिले थे। मेरे बेटे ने इनसे कहा था कि अब आप हमारे साथ ही रहोगे, जिसके बाद से ये हमारे परिवार का एक सदस्य ही हैं।
अहमद जिस परिवार के साथ रह रहे हैं, उसके सभी सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए थे, और अब सभी कोरोनावायरस से ठीक हो चुके हैं।
कोरोनावायरस की अपनी बीमारी के अनुभव के बारे में अहमद कहते हैं, मुझे अच्छा लगा कि मैं ठीक हो गया। कोरोना बहुत खतरनाक बीमारी है, इससे पूरी दुनिया परेशान है। जो पहले बीमारी हुआ करती थी, वह बस शहर में आती थी।
उन्होंने बताया, मैंने पहले इस तरह की बीमारी नहीं देखी, पहले ताऊन बीमारी आई थी, काला बुखार, गर्दन तोड़ बुखार और शरीर पर फोड़े पड़ने वाली बीमारी आई थी। इन सभी बीमारियों से लोगों की जान चली जाती थी। उस वक्त साइंस इतना नहीं था, ये बीमारियां ज्यादा से ज्यादा 15 या 20 दिन रहती थीं। इन बीमारियों से घर के घर खाली हो गए थे। लेकिन जनता जितनी अब परेशान है उस वक्त उतनी नहीं थी।
उन्होंने आगे बताया, जंग (वल्र्ड वॉर) भी हमारे सामने हुई है। पहली जंग जापान से अमरीका ने की थी। जापान तीसरी बार जाकर अब बसा है। मैं जापान, टोक्यो, सिंगापुर सब जगह घूम कर आया हूं।