पराठे पर भी मोदी सरकार की बुरी नजर, खाने से पहले देने पड़ेंगे 18% जीएसटी
पराठे पर भी मोदी सरकार की बुरी नजर, खाने से पहले देने पड़ेंगे 18% जीएसटी
GST on paratha : लगता है मोदी सरकार ( Modi Government ) खजाना भरने के लिए किसी भी चीज को बख्शने के मूड में नहीं है। मोदी के मंत्री निर्मला सीतारमण सभी आम से खास वर्ग के सभी लोगों को टैक्स ( GST ) के दायरे में लाने की अपनी योजना पर गंभीरता से अमल कराने में जुटी हैं। तीन माह पहले की ही तो बात है, जब चावल व आटा सहित 104 खाने-पीने की वस्तुओं पर टैक्स लगाने की वजह से मोदी सरकार की किरकिरी हुई थी। अब पूंजीपति समर्थक सरकार की बुरी नजर आलू और प्याज से बनने वाले पराठे ( Parathe ) पर लग गई है।
अगर आप पराठे (Paratha) खाने के शौकीन हैं तो इसके लिए आपको ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। गुजरात की अपीलेट अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAAR) का कहना है कि रोटी और पराठे में काफी अंतर है। रोटी पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है जबकि पराठे ( Parathe ) पर 18 फीसदी जीएसटी ( GST ) लगेगा।
कंपनी की दलील खारिज
गुजरात की कई तरह के रेडी टु कुक (ready to cook) यानी फ्रोजन पराठे बनाने वाली अहमदाबाद की कंपनी वाडीलाल इंडस्ट्रीज (Vadilal Industries) एएएआर के फैसले के खिलाफ सरकार से अपील की थी, लेकिन उसे निराशा हाथ लगी। कंपनी ने एएएआर के सामने दलील दी थी कि रोटी और पराठे में ज्यादा अंतर नहीं है। दोनों आटे से ही बनती हैं, इसलिए पराठे फर भी पांच फीसदी जीएसटी लगना चाहिए। न केवल इन्हें बनाने की प्रक्रिया मिलती जुलती है बल्कि उनकी इस्तेमाल और उपभोग का तरीका भी समान है। एएएआर ने कंपनी की इस दलील को खारिज करते हुए 18 फीसदी जीएसटी लगा दिया है।
गुजरात की अपीलेट अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAAR) अथॉरिटी ने कहा कि वाडीलाल इंडस्ट्रीज जो पराठे बनाती है, उसमें 36 से 62 फीसदी तक आटा होता है। साथ ही इसमें आलू, मूली और प्याज के अलावा पानी, वेजिटेबल ऑयल और नमक होता है। सादी रोटी या चपाती में केवल आटा और पानी होता है और इसे डायरेक्टली खाया जाता है जबकि पराठे को खाने से पहले कुक करना पड़ता है।
महाराष्ट्र में पराठे पर सिर्फ 5% फीसदी जीएसटी
इससे पहले महाराष्ट्र एएआर ने व्यवस्था दी थी कि पराठे पर सिर्फ पांच फीसदी जीएसटी लगना चाहिए लेकिन केरल और गुजरात एएआर का कहना था कि रोटी और पराठे में काफी अंतर है। अलग-अलग तरह की रूलिंग से मामला और जटिल हो जाएगा। जीएसटी काउंसिल को इस मामले में पहल करनी चाहिए। कुछ स्लैब्स को मिलाने से चीजें आसान हो सकती हैं। वैसे अगर आप किसी स्टैंडअलोन रेस्टोरेंट में खाने जाएंगे तो अपने बिल पर पांच फीसदी टैक्स लगेगा। फिर आप रोटी खाएं या पराठा।
सीतारमण पराठा वाली गली में घूमकर आई हैं क्या
GST on paratha : गुजरात सरकार द्वारा पराठे पर 18 फीसदी टैक्स लगाने के फैसले पर ट्विटर पर यूजर्स नाराज हो गए हैं। दीपक कुमार नाम के एक यूजर ने लिखा है कि लगता है मानव इतिहास की सर्वश्रेष्ठ अर्थशास्त्री निर्मला सीतारमण जी दिल्ली की मशहूर पराठा गली में घूम कर आई हैं। वैसे केंद्रीय मंत्री भी सब्जी खरीदते हैं, सब्जी पर जीएसटी कब तक लग जाएगा। Wind Blower नाम के एक यूजर ने लिखा कि 18 फीसदी जीएसटी लगने से आप कम पराठे खाएंगे और आपका वेट कंट्रोल होगा। आशीष मिश्रा नाम के एक यूजर ने तो यहां तक लिख दिया है कि सीधे-सीधे सांस लेने में पर भी GST लगा दो।
हाल ही में सरकार ने खजाना भरने के लिए चावल, आटा, मैदा, सूजी, पोहा, दही, छाछ, लस्सी, सभी प्रकार के गुड़, फूला हुआ चावल (मुरी), चपटा या पीटा हुआ चावल, बीज, सहित 104 उत्पादों पर जीएसटी लगाने का फैसला लिया था। सरकार के इस फैसले का काफी विरोध हुआ था। इसके बाद मोदी सरकार ने लोगों की नाराजगी को देखते हुए खुले