CBSE ने 10वीं और 11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से नागरिकता, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और विविधता के पाठ हटाए
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के मद्देनजर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार 7 जुलाई को अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिए कक्षा 11 के राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से संघवाद, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता का पाठ पूरी तरह से हटा दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पाठ्यक्रम से 'हमें स्थानीय सरकारों की आवश्यकता क्यों है?' और 'भारत में स्थानीय सरकार का विकास' जैसे टॉपिक को भी हटा दिया है। ये टॉपिक अब किताब का हिस्सा नहीं रहेंगे लेकिन शिक्षक इनकी प्रासंगिकता के बारे में छात्रों को बताते रहेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का तर्क है कि छात्रों पर से पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के निर्देशों पर इन विषयों को हटाया गया है। मंत्रालय ने 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम करने के लिए कहा था।
अपडेटेड पाठ्यक्रम के मुताबिक कक्षा के पाठ्यक्रम से 'लोकतंत्र और विविधता, लिंग, धर्म और जाति, लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन और लोकतंत्र के लिए चुनौतिया' के अध्याय हटा दिए गए हैं। जबकि कक्षा 12 के छात्रों को 'पाकिस्तान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के साथ भारत के संबंध', 'भारत के आर्थिक विकास की बदलती प्रकृति, भारत में सामाजिक आंदोलन' अध्याय पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन टॉपिक को हटाए जाने को लेकर बुधवार 8 जुलाई को केंद्र सरकार से कहा, 'हम इस पर कड़ी आपत्ति जताते हैं और मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार से अपील करते हैं कि किसी भी कीमत पर इन महत्वपूर्ण पाठों को बंद न किया जाए।'
दूसरी ओर बीएसपी के सांसद कुंवर दानिश अली ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह व्ह्ट्सएप यूनिवर्सिटी के आधार पर शिक्षा चाहते हैं। वहीं इसको लेकर सीबीएसई ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि घोषित पाठ्यक्रम की व्याख्या अलग तरीके से की जा रही है और यह कदम केवल शैक्षणिक सत्र 2020-21 तक के लिए उठाया गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के निर्देशों पर इन विषयों को हटाया गया है। मंत्रालय ने 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम करने के लिए कहा था। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने बीते मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि मूल विषयों को बरकरार रखते हुए पाठ्यक्रम को छोटा किया गया है।
Looking at the extraordinary situation prevailing in the country and the world, #CBSE was advised to revise the curriculum and reduce course load for the students of Class 9th to 12th. @PMOIndia @HMOIndia @PIB_India @MIB_India @DDNewslive @cbseindia29 @mygovindia
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 7, 2020
निशंक ने ट्वीट किया, 'देश और दुनिया में व्याप्त असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए सीबीएसई को पाठ्यक्रम संशोधित करने और कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों पर से भार कम करने की सलाह दी गई थी।' उन्होंने लिखा, 'मैंने इस फैसले पर, कुछ सप्ताह पहले शिक्षाविदों से सुझाव मांगे थे और मुझे खुशी है कि हमें डेढ़ हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। इस शानदार प्रतिक्रिया के लिये सभी को धन्यवाद।'
उन्होंने कहा, 'शिक्षा के महत्व के मद्देनजर मूल विषयों को बरकरार रखते हुए पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया गया है।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संबंधित पाठ्यक्रम समिति ने, बोर्ड के निदेशक मंडल की अनुमति मिलने के बाद पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव को अंतिम रूप दिया गया है।