नौकरी न मिलने से परेशान स्वाती ने लगायी फांसी, सुसाइड नोट में लिखा इस सरकार में बच्चों का भला होने वाला नहीं
जनज्वार, फर्रुखाबाद। बेरोजगारी आज युवाओं के लिए कितना बड़ा दंश बनती जा रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता कि नौकरी न मिलने से अवसादग्रस्त पढ़े-लिखे बेरोजगारों में आत्महत्या की घटनायें बढ़ती जा रही हैं। ऐसी ही एक घटना फर्रुखाबाद में सामने आयी है। यहां बीटीसी डिग्रीधारी स्वाती नाम की युवती ने नौकरी न मिलने से परेशान होकर 4 मार्च को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
स्वाती ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने लिखा है कि मैं अपनी जिंदगी में जो भी फैसला ले रही हूं, इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। एक उम्मीद थी सरकार बच्चों के हित में शायद कुछ करे, लेकिन हमें नहीं लगता इस सरकार में बच्चों का कुछ भला होना वाला है।'
जानकारी के मुताबिक फर्रुखाबाद के कायमगंज कोतवाली की कुआंखेड़ा चौकी क्षेत्र के गांव चैनी नगला निवासी हेतराम की 27 वर्षीय पुत्री स्वाती राजपूत बीटीसी व एमए करने के साथ टेट भी कर चुकी थी। वह रोजगार की तलाश में जुटी थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही थी। पिछले एक सप्ताह से वह पारिवारिक कारणों से बहुत परेशान थी।
स्वाती राजपूत बुधवार 3 मार्च की दोपहर 12 बजे के करीब घर से किसी काम के लिए गई हुई थी। जब वह शाम को घर लौटकर नहीं आई तो परिजनों ने खोजबीन की, मगर उसका पता नहीं चला।
युवती के नहीं मिलने पर परिजनों ने कुआंखेड़ा चौकी पुलिस को जानकारी दी गई। चौकी इंचार्ज पुलिस बल के साथ सक्रिय हुए। घटना को लेकर कायमगंज कोतवाल को जानकारी दी गई। युवती का मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाया गया तो लोकेशन अताईपुर की निकली। रात दो बजे तक पुलिस और परिवार के लोग इधर उधर भटकते रहे। गुरुवार 4 मार्च की सुबह फिर परिजन ढूंढने के लिए निकले।
जानकारी के मुताबिक हेतराम का गांव में दूसरा मकान भी है। जब परिवार के लोग यहां पहुंचे तो देखा स्वाती का शव घर के कमरे में फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला। इसको देखते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और लाश को उतरवाया गया। परिजनों ने इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। बाद में पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया।
इस मामले में उपनिरीक्षक दीपक भाटी ने बताया कि स्वाती ने बीटीसी कर रखी थी, मगर काफी हाथ-पैर मारने के बाद भी उसे नौकरी नहीं मिल रही थी। घरवालों ने बताया कि इससे वह बहुत परेशान थी। घर में भी क्लेश बढ़ रहा था, इसीलिए उसने ऐसा कदम उठाया है। इस घटना के बाद स्वाती के परिजन सदमे में हैं।