COP27 के प्रमुख आयोजकों में एक CocaCola फैला रही दुनिया में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा, भारत में टॉप पर PepsiCo
Plastic pollution news 2022 : ब्रेक फ्री फ्रॉम प्लास्टिक द्वारा वैश्विक ब्रांड ऑडिट रिपोर्ट 2022 जारी कर दिया गया है। बीएफएफपी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच साल से लगातार कोकाकोला दुनिया के अग्रणी प्लास्टिक प्रदूषकों कंपनी के रूप में उभरकर सामने आई है। इसके बावजूद साल 2022 में आयोजित कोका-कोला कंपनी COP27 शिखर सम्मेलन के प्रायोजकों में शामिल थी।
प्लास्टिक वेस्ट के खिलाफ दुनियाभर में सक्रिय कई संगठनों ने इसका विरोध किया था। एक बार फिर कोकाकोला सुर्खियों में है। इसके पीछे दो वजह है। पहली वजह यह है कि 15 नंवबर को ब्रेक फ्री फ्रॉम प्लास्टिक ने साल 2022 की ताजा रिपोर्ट जारी की है। दूसरी वजह इंडोनेशिया के बाली जी—20 शिखर सम्मेलन भी एक दिन पहले ही संपन्न हुई है। बाली सम्मेलन दौरान कोकाकोला के प्लास्टिक प्रदूषण को लेकर प्लास्टिक फ्री मुहिम से जुड़े संगठनों से जी—20 देशों के प्रमुखों का ध्यान आकर्षित किया है। ताकि इस प्लास्टिक से उत्पन्न समस्याओं को हल्के में लेने की जरूरत है। अगर इस ओर अभी ध्यान नहीं दिया गया तो यह वैश्विक जलवायु मानव समाज सहित पूरे पारिस्थितिक तंत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बीएफएफपी की रिपोर्ट कल जारी होने से इसका ताड़ सीधे बाली में जारी जी—20 सम्मेलन से जुड़ गया। बता दें कि बाली सम्मेलन में विश्व जलवायु परिवर्तन टॉप एजेंडा में शामिल था।
भारत में प्लास्टिक कचरे के लिए ये कंपनियां सबसे ज्यादा दोषी
जहां तक भारत में प्लास्टिक कचरे और पाल्यूशन की बात है तो यहां पर पेप्सिको का टॉप पर है। इसके अलावा, वाई वाई नूडल्स-निर्माता, सीजी फूड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मेंटोस, एल्पेनलीबे और चूपा चूप्स लॉलीपॉप के पीछे की खाद्य कंपनी परफेटी वैन मेल, 2022 में शीर्ष प्लास्टिक प्रदूषकों में शामिल है। भारत में पेप्सिको को इस साल देश में शीर्ष प्रदूषक पाया गया था। पिछले दो वर्षों में दुग्ध उत्पादों को सबसे खराब प्लास्टिक यूज करने का दोषी पाया गया है। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने 2021 में सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया था, जबकि तमिलनाडु को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड ने 2020 में सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया था। शीर्ष प्लास्टिक प्रदूषक का नाम दिया गया, जबकि परफेटी वैन मेलले ने 2018 में वह स्थान हासिल किया।
ब्रेक फ्री फ्रॉम प्लास्टिक की वैश्विक ब्रांड ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक पांच साल से कोकाकोला सबसे खराब प्लास्टिक प्रदूषक के रूप में नामित किया गया है। पेप्सिको और नेस्ले ने 2022 और पिछले पांच वर्षों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक प्रदूषकों की शीर्ष 3 सूची में अन्य दो स्थान हासिल किए। भारत में पेप्सिको के अलावा, वाई वाई नूडल्स-निर्माता सीजी फूड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मेंटोस, एल्पेनलीबे और चूपा चूप्स लॉलीपॉप के पीछे की खाद्य कंपनी परफेटी वैन मेल, 2022 में शीर्ष प्लास्टिक प्रदूषकों में से थे।
प्लाचीमाडा समिति ने यूएन महासचिव से की थी इस बात की मांग
ब्रेक फ्री फ्रॉम प्लास्टिक की रिपोर्ट जारी होने से पहले प्लाचीमाडा एंटी-कोका-कोला स्ट्रगल कमेटी इंडिया ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को पत्र लिखकर कोकाकोला को COP27 शिखर सम्मेलन के प्रमुख प्रायोजकों की सूची से हटाने की मांग की थी। समिति ने अपने पत्र के माध्यम से बताया था कि मानवता के लिए इस सबसे बड़े अस्तित्वगत संकट को संबोधित करने में संयुक्त राष्ट्र द्वारा निभाई गई बड़ी भूमिका के बावजूद हमें यह जानकर बहुत दुख हुआ कि पार्टियों के वार्षिक सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय कॉर्पोरेट निकायों द्वारा हस्तक्षेप इस आयोजन की सफलता को खतरे में डाल रहा है।
भारत में केरल के एक सुदूर गांव में कोका-कोला के पौधे के शिकार होने के नाते, हम यह जानकर विशेष रूप से परेशान और उत्तेजित हैं कि कोका-कोला COP27 का आधिकारिक प्रायोजक बनाया गया था। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस कंपनी को COP27 जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजना से दूर रखें। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को विलायोदी वेणुगोपाल और समिति के अध्यक्ष और सामान्य संयोजक के शक्तिवेल की ओर से भेजा था।
क्या है बीएफएफपी
बता दें कि ब्रेक फ्री फ्रॉम प्लास्टिक (बीएफएफपी) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि कोका-कोला कंपनी 2018-2022 की अवधि के दौरान दुनिया की सबसे बड़ी प्लास्टिक प्रदूषक है। BFF 11,000 से अधिक संगठनों और समर्थकों का वैश्विक आंदोलन है। बीबीएफ का अध्ययन रिपोर्ट 15 नवंबर को हुई है। कोका कोला लेबल के साथ प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादों की हिस्सेदारी भी पिछले पांच वर्षों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। 2018 में वैश्विक स्तर पर एकत्र किए गए प्लास्टिक के 2,55,429 टुकड़ों में से 9,300 कोका-कोला उत्पादों के थे। 2022 में वैश्विक स्तर पर एकत्र किए गए 4,29,994 प्लास्टिक में से राशि बढ़कर 31,457 हो गई। कोका-कोला कंपनी ने 2019 में कुल 30 लाख टन प्लास्टिक पैकेजिंग का इस्तेमाल किया। बीएफएफपी विश्लेषकों ने रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि 2022 में प्लास्टिक पैकेजिंग बढ़कर 3,224,000 टन हो जाएगी। पेप्सिको की मात्रा भी 2019 में 23,00,000 टन से बढ़कर 2022 में 25,00,000 टन हो गई। 2018-2022 तक ब्रांड ऑडिट ने अध्ययन के हिस्से के रूप में 50,558 पेप्सीको-ब्रांडेड उत्पादों और 27,008 नेस्ले-ब्रांडेड उत्पादों को एकत्र किया। ब्रांड ऑडिट एक सहभागी विज्ञान पहल है जिसमें प्लास्टिक प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कंपनियों की पहचान करने में मदद करने के लिए प्लास्टिक कचरे में पाए जाने वाले ब्रांडों की संख्या दर्ज की जाती है।
2018 से 87 देशों में स्वयंसेवी कचरा सफाई ने प्लास्टिक मिश्रण में 85,035 कोका-कोला उत्पादों को पाया है। बीबीएफ का कहना है कि कंपनी को एकल-उपयोग वाली पैकेजिंग को समाप्त कर और पुन: प्रयोज्य और रिफिल पर स्विच करके वास्तव में डीप्लास्टिकाइज़ करने की जरूरत है लेकिन कोकाकोला इसके लिए तैयार नहीं हैं। कोका-कोला की भारतीय अनुषंगी को केरल के प्लाचीमाडा में जल प्रदूषण और अत्यधिक दोहन के लिए अभी तक मुआवजा नहीं देना है। प्लाचीमाड़ी के पीड़ित लोग पिछले दो दशकों से संघर्ष कर रहे हैं।
G20 से क्या है प्लास्टिक कचड़े का संबंध
G20 एक अनौपचारिक संगठन है जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ के साथ-साथ विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अधिकारी शामिल हैं। G20 सदस्यता औद्योगिक और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मिश्रण से बनी है, जो दुनिया भर की आबादी के दो-तिहाई से अधिक, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85%, वैश्विक निवेश का 80% और वैश्विक वाणिज्य के 75% से अधिक का प्रतिनिधित्व करती है। सम्मेलन में कई राष्ट्र प्रमुखों ने जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उठाया था जो सीधे तौर पर प्लास्टिक कचड़े से जुड़ा है।