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Altaf Death Mystery: 3 फीट की ऊंचाई पर लगे नल में अल्ताफ ने कैसे लगाई फांसी, परिजनों ने की सीबीआई जांच की मांग
यूपी के कासगंज के सदर थाने की हिरासत में मारे गए अल्ताफ की मां ने सीबीआई जांच की मांग की है और कहा है कि पुलिस वालों को फांसी दो
Altaf Death Mystery: उत्तर प्रदेश के कासगंज (Kasganj) कोतवाली क्षेत्र के सैय्यद अहरौली के रहने वाले 22 वर्षीय अल्ताफ अहमद की पुलिस हिरासत (Death in Police Custody) में मौत हो गई। अल्ताफ पर एक सवर्ण जाति की लड़की भगाने का आरोप था। लड़की को भगाने के मामले में कासगंज पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने ले गई पर वहां से उसकी लाश घर लौटी। पुलिस कस्टडी में हुए इस मौत से देशभर में उबाल है। पुलिस के मुताबिक, अल्ताफ थाने के टॉयलेट में गया था, जहां उसने बाथरूम में लगे नल की टोटी से फांसी लगा ली थी। मगर अल्ताफ के परिजनों का आरोप है कि यूपी पुलिस (UP Police) ने उनके बेटे की हत्या की और जबरन एक कागज पर उनसे अंगूठा लगवा लिया। परिजनों का कहना है कि तीन फीट की नल से लटककर उनका बेटा फांसी कैसे लगा सकता है। अल्ताफ के परिजनों ने यूपी पुलिस पर और भी कई गंभीर आरोप लगाएं हैं।
अल्ताफ अहमद(Altaf Ahmad) की मौत का सच जानने जनज्वार की टीम उसके घर पहुंची। जवान बेटे की मौत से पूरा परिवार सदमें में है। घर में बुढ़ी दादी, बिमार पिता, मां का रो रो कर बुरा हाल है। अल्ताफ की मौत के बाद घर पर लोगों का जमावरा लगा है। सीओ, इंस्पेक्टर समेत कई बड़े अधिकारी परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहें हैं, पर परिवार को इंसाफ देने की बात कोई नहीं कर रहा है।
पुलिस ने जबरन लगवाया अंगूठा- मृत के पिता
पुलिस कस्टडी में अल्ताफ अहमद की मौत से पुलिस की कार्यशैली पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जवान बेटे की मौत के बाद पिता चांद मोहम्मद सदमे में है। जनज्वार के पूछने पर पिता ने बताया कि पुलिस ने धोखे से एक कागज पर उनसे अंगूठा लगवा लिया जिसपर लिखा था कि उनके बेटे की मौत का जिम्मेदार पुलिस नहीं है। मृतक के पिता के अनुसार, "बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद वे बदहवास स्थिति में थे। उन्हें पढ़ना लिखना नहीं आता। इसी का फायदा उठाकर यूपी पुलिस (Uttar Pradesh) ने उनसे पेपर पर अंगूठा लगवाया।"
वहीं, घर के एक कोने में मां का भी बुरा हाल है। मृत अल्ताफ की मां के अनुसार, पुलिस अल्ताफ को पूछताछ के लिए थाना ले गई थी। एक रिशतेदार ने फोन कर हॉस्पीटल आने को कहा। अस्पताल जाने पर पता चला कि अल्ताफ की मौत हो गई है। अल्ताफ की मां के अनुसार, उनके पहुंचने से पहले शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।
मां ने उठाई CBI जांच की मांग
अल्ताफ की मौत के बाद पूरा परिवार सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रहा है। मृतक की मां का कहना है कि उनका बेटा तो लौट कर नहीं आ सकता पर वह चाहतीं है कि जिस तरह से उनके बेटे को फांसी देकर मारा गया, उसी तरह आरोपी पुलिसवालों को भी फांसी की सजा हो। पति द्वारा कागज पर अंगूठा लगाने को लेकर अल्ताफ की मां ने कहा, "उनका पति अनपढ़ है, फिर कागज पर क्या लिखा है उसे कैसे पता होगा। उसपर (पति) दबाव देकर जबरन कागज पर अंगूठा लगवाया जिसमें लिखा था कि पुलिस की कस्टडी में अल्ताफ की मौत नहीं हुई है।" अल्ताफ की मां ने बेटे की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। पीड़ित मां के अनुसार, तीन फीट के उपर लगे नल से फांसी कैसे लगाई जा सकती है। यह जांच का विषय है।
ब्राह्मन लड़की को भगाने का आरोप
अल्ताफ अहमद मुस्लिम समुदाय का लड़का था। जिस लड़की को भगाने का उसपर आरोप था वह पंडित(ब्राह्मन) घर से ताल्लुक रखती है। अल्ताफ के परिजनों के अनुसार, लड़की के बारे में उन्हें कोई जानकारी है। अल्ताफ की दादी ने बताया कि जिस दिन पुलिस अल्ताफ को उठाकर थाने ले गई तो वे भी उनके पीछे थाने तक गए थे। पर पुलिस ने उन्हें वहां से भगा दिया।
अल्ताफ के पड़ोसियों से जब हमनें बात की तो पाया कि अल्ताफ एक साफ छवि का लड़का था। अल्ताफ के दोस्त के अनुसार, वह टाइल मार्बल का काम करता था। मोहल्ले में किसी से उसका कभी विवाद नहीं हुआ। अल्ताफ का कोई अपाराधिक रिकॉर्ड भी नहीं रहा है।
इधर, पुलिस हिरासत में अल्ताफ की मौत के बाद घर पर अधिकारियों का तांता लगा है। मृतक के घर पर मौजूद सीओ से जब जनज्वार ने बात करने की कोशिश कि तो उन्होंने कैमरा के सामने कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया। वहीं, कासगंज थाना के इंस्पेक्टर ने कहा कि बाईट देने के लिए वे अधिकृत नहीं है। गौरतलब है कि 22 साल के अल्ताफ पर आईपीसी की धारा 363, 366 के तहत एक नाबालिग लड़की को भगाने के मामले में पुलिस पूछताछ के लिए कोतवाली में लायी थी, जहां उसकी थाने में मौत हो गई। वहीं, कासगंज के एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि आरोपी हवालात के टॉयलेट में गया था। जब बहुत देर तक बाहर नहीं निकला तो देखा गया कि उसने अपनी जैकेट के हुड़ के नाड़े से नल में फांसी लगा ली थी। आनन फानन में उसे कासगंज जिला अस्पताल ले जाया गया जहां 20 मिनट बाद उसने दम तोड़ दिया।