पटना में कुली रोजगार सम्मेलन आयोजित, सभी राजनीतिक दलों से कुलियों के रोजगार व सामाजिक सुरक्षा को घोषणापत्र में शामिल करने का किया आग्रह

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पटना। राष्ट्रीय कुली मोर्चा की बिहार इकाई ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवन, पटना में 'कुली रोजगार अधिकार' सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें कुलियों के बेहतर जीवन के लिए बिहार के सभी राजनीतिक दलों से निवेदन किया गया कि वह उनके रेलवे में स्थाई नौकरी और सामाजिक सुरक्षा के सवाल को अपने चुनाव घोषणापत्र में शामिल करें और बिहार के सांसद व गणमान्य नागरिक भारत सरकार को इस संदर्भ में पत्रक भेजें।
वक्ताओं ने कहा कि बिहार चुनाव में इसे प्रमुख मुद्दा बनाने के लिए राष्ट्रीय कुली मोर्चा चौतरफा प्रयास करेगा। शीघ्र ही इस संबंध में राजनीतिक दलों के प्रमुखों और सभी सासंदों से मुलाकात कर पत्रक दिया जायेगा। यह निर्णय राष्ट्रीय कुली मोर्चा द्वारा पटना के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवन में आयोजित कुली रोजगार अधिकार सम्मेलन में लिए प्रस्ताव में लिया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कुली नेता मुंशी यादव और संचालन कलीम मकरानी व राहुल कुमार ने किया। सम्मेलन का प्रस्ताव राजकुमार यादव ने रखा, जो बातचीत के बाद सर्वसम्मति से पारित किया गया। सम्मेलन में बिहार के कोने कोने से सैंकड़ो कुली उपस्थित रहे।
सम्मेलन के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय कुली मोर्चा के कोऑर्डिनेटर राम सुरेश यादव ने रेलवे के निजीकरण और आधुनिकीकरण करने के कारण कुलियों के सामने पैदा हुए आजीविका के संकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा लगातार माई कुली एप, बैटरी रिक्शा और संविदा की ट्राली प्रथा चालू कर कुलियों के मौजूदा सामान ढोने के रोजगार पर गम्भीर संकट पैदा कर दिया है। आज कुलियों को अपने परिवार की आजीविका चलाने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
आमतौर पर उनके बच्चे बेहतर शिक्षा, परिवार बेहतर इलाज और पोषण युक्त भोजन से वंचित हो रहा है। संकटकालीन स्थितियों में कुलियों को सूदखोरों से कर्ज लेना पड़ रहा है और उनकी आमदनी बेहद कम हो गई है। इसके निवारण के लिए 2008 की तरह एक बार फिर से सभी कुलियों को रेलवे की स्थाई नौकरी देने और रेलवे द्वारा उनके व परिवारजनों के चिकित्सा, शिक्षा समेत सामाजिक सुरक्षा के सभी जारी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित सरकार को करना चाहिए।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए वर्कर्स फ्रंट नेता दिनकर कपूर ने कहा कि भारत का नागरिक होने के नाते कुलियों के गरिमापूर्ण जीवन को सुनिश्चित करना सरकार की जवाबदेही है। संविधान में यह बात उल्लेखित है कि हर भारतीय को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिलेगा। आज संसाधनों की देश में कोई कमी नहीं है। यदि देश के 200 बड़े कॉर्पोरेट घरानों की संपत्ति पर समुचित टैक्स लगा दिया जाए तो कुलियों को रेलवे में समायोजित करके स्थाई नौकरी देने में किसी भी आर्थिक संकट का सामना भारत सरकार को नहीं करना पड़ेगा।
सम्मेलन को चंदेश्वर मुखिया, अरूण कुमार, एआईपीएफ नेता एडवोकेट अशोक कुमार, तृप्ति पासवान, मध्य प्रदेश से आए रामबाबू बिलाला, राम महावर, गोपाल पासवान, श्री राम यादव, रंगीला यादव, नबी हसन, मुबारक शेख, रीजन राम, अभय कुमार, संजीत पासवान, मदन केसरी, अरविंद कुमार, संजय पासवान, संतोष मंडल, संदीप, शिवशंकर पासवान, नारद राय, चुन्न सिंह, रीतलाल यादव समेत कई लोगों ने संबोधित किया।










