Begin typing your search above and press return to search.
हाशिये का समाज

बिहार के औरंगाबाद में हार के बाद थूक चटवाने वाला बलवंत सिंह भेजा गया जेल, वीडियो हुआ था वायरल

Janjwar Desk
14 Dec 2021 9:08 AM GMT
बिहार के औरंगाबाद में हार के बाद थूक चटवाने वाला बलवंत सिंह भेजा गया जेल, वीडियो हुआ था वायरल
x

अंबा थाना पुलिस ने आरोपी बलवंत सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा।  

यह मामला कुटुम्बा प्रखंड के डुमरी पंचायत के सिंघना गांव का बताया जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी मुखिया प्रत्याशी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद ( Aurangabad ) जिले से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। औरंगाबाद जिले में पंचायत चुनाव ( Panchayat Election ) में वोट न देने पर हारे हुए प्रत्याशी ने महादलित समुदाय के युवकों से उठक-बैठक कराई और थूक चाटने पर मजबूर किया। इस घटना से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया ( Social Media ) पर खूब वायरल हो रहा है। यह मामला कुटुम्बा प्रखंड के डुमरी पंचायत के सिंघना गांव का बताया जा रहा है। वीडियो में चुनाव हारने वाले मुखिया प्रत्याशी बलवंत सिंह ( Balwant Singh ) सिंघना पर गांव के दो मतदाताों की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप है। वीडियो वायरल ( Video Viral ) होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी मुखिया प्रत्याशी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

वोट न मिलने से नाराज था बलवंत

दरअसल, औरंगाबाद में बलवंत सिंह सिंघना ने मुखिया प्रत्याशी के लिए वोटिंग होने से पहले मतदाता से समाज सेवा करने का वादा किया था। फिर अपने पक्ष में वोट करने के लिए पैसे दिए। पैसे देने पर भी जब वोट नहीं मिले तो बलवंत ने पहले दलित युवक की पिटाई की। फिर उठक-बैठक लगवाई और उससे भी मन नहीं भरा तो सरेआम उससे थूक चटवाया। एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक उम्मीदवार बलवंत सिंह पर अपनी हार के लिए दलित समुदाय को दोषी ठहराने और दो युवक की पिटाई करने का आरोप है। थाने में दर्ज शिकायत में बताया गया है कि पीड़ित युवक ने कथित तौर पर उन्हें वोट नहीं दिया था।

जानकारी के मुताबिक बलवंत ने दो मतदाताओं को अपने पक्ष में वोट डालने के लिए पैसा दिया था। उन्होंने वोट नहीं दिया। वह मौखिक रूप से दो आदमियों को गाली देता है और उनके कान पकड़कर उठक-बैठक कराने के बाद थूक चाटने के लिए मजबूर करता है। तस्वीर में बलवंत को दलित शख्स को गर्दन से पकड़कर जमीन की ओर झुकाते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, वीडियो की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की जा सकी है। खास बात यह है कि देश आजाद होने के 75 साल बाद भी सवर्ण अब भी दलितों को अपना गुलाम समझते है। थूक चटवाकर दलितों को उनकी औकात दिखा रहे है।

पीड़ित युवक पर शराब के नशे में मारपीट का आरोप

इस मामले में आरोपी बलवंत ने आरोप लगाया है कि शराब के नशे में दोनों युवक उपद्रव कर रहे थे और दोनों के शांत होने पर उसने उन्हें सजा दी। हालांकि, वीडियो से पता चलता है कि बलवंत उन्हें भुगतान करने की बात कर रहा था। वहीं, जिले के पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा के निर्देश पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और इस मामले की आगे जांच की जा रही है। 12 दिसंबर को सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो प्राप्त हुआ, जिसमें एक व्यक्ति के द्वारा कुछ लोगों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए देखा गया।

थाना अंबा में केस दर्ज

इस मामले में अंबा थाना में आईपीसी की धारा 341/323/504/171 एवं एससी एसटी प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज एक्ट के तहत बलवंत सिंह और उसके पिता राम प्रवेश सिंह सिंघना मामला दर्ज किया है। अंबा थाना पुलिस ने अभियुक्त बलवंत सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

प्रशासन ने दिया सहायता का आश्वासन

प्रखंड कुटुंबा के अंचल अधिकारी की ओर से अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा के प्रथम किस्त की राशि दी गई है। अनुसूचित जाति के उत्पीड़ित व्यक्ति द्वारा एफआईआर दर्ज करते ही विभाग द्वारा प्रथम चरण में लाभार्थी को त्वरित आर्थिक सहायता पहुचाने का प्रावधान है। सामान्यता अपराध सिद्ध होने की स्थिति में उत्पीडित व्यक्ति को 40 हजार से 50 हजार रुपए आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। पुलिस प्रशासन ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर हर प्रकार की प्रशासनिक सहायता मुहैया कराने का भरोसा दिया है।

बता दें कि बिहार में त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत का चुनाव संपन्न हो गया। बिहार में पंचायत चुनाव 11 चरणों में आयोजित किया गया है। पंचायत चुनाव 26 सितंबर, 2021 से शुरू होकर मध्य दिसंबर में समाप्त हो गया। इस दौरान ग्राम पंचायत के सदस्य, ग्राम कचहरी के पंच, ग्राम पंचायत के मुखिया, ग्राम कचहरी के सरपंच, पंचायत समिति के सदस्य और जिला परिषद के सदस्यों का चुनाव हुआ। चुनाव में जो जीत गए उनकी तो बल्ले-बल्ले है और हारे उम्मीदवारों ने इसका ठीकरा दलितों पर फोड़ना शुरू कर दिया है।

Next Story

विविध