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Delhi Dalit Girl Rape Case : दुष्कर्म के आरोपी पुजारी की मोबाइल में मिले 1300 से ज्यादा पोर्न वीडियो के लिंक
दिल्ली कैंट इलाके में श्मशान घाट में पानी लेने गयी 9 साल की बच्ची से कथित रेप के बाद जलाकर मार डालने की घटना हुआ था भारी विरोध, बच्ची की मां का रो-रोकर बुरा हाल (file photo)
जनज्वार ब्यूरो। दिल्ली कैंट के पुराने नांगली गांव में नौ वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या मामले से जुडी कहानी अब पूरी तरह सामने आ गई है। एसआईटी की तफतीश से यह साफ हो चुका है कि आरोपी पुजारी पंडित राधेश्याम पोर्न वीडियो देखने का बहुत ही शौकीन था। अश्लील वीडियो के साथ ही हवश की बढती भूख को मिटाने के लिए इसने एक नन्ही बच्ची तक को नहीं बख्शा। जांच में यह बात सामने आई है कि हर दिन पोर्न वीडियो देखने की लत इस कदर थी कि उसने अब तक इससे संबंधित 1300 से अधिक वेबसाइट खंगाल दिया था।
गौरतलब है कि 1 अगस्त, 2021 को श्मशान घाट के अंदर पानी लेने गयी 9 साल की बच्ची के साथ पुजारी और उसके साथियों ने कथित रूप से बलात्कार किया और घटना का खुलासा होने के डर से जलाकर मार डाला। इतना ही नहीं बच्ची के मां-बाप की मर्जी के बिना उसका अंतिम संस्कार किये जाने का मामला भी सामने आया था।
दिल्ली : श्मशान घाट पर 9 साल की दलित बच्ची से रेप के बाद पुजारी ने किया जबरन अंतिम संस्कार
बाबाओं के पोर्न वीडियो के शौख उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा रही है एक सप्ताह पूर्व प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के मौत की गुत्थी सुलझाने में लगी सीबीआई मौत के कारणों को लेकर अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन इस घटना के पीछे भी अश्लील वीडियो चर्चा के केंद्र में रहा है। यह बात इसलिए उठी कि एक वीडियो क्लिप के वायरल कर देने के शिष्य की धमकी से परेशान होकर महंत ने आत्महत्या का कदम उठाया। हालांकि अब तक इन चर्चाओं को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत न मिलने की बात कही जा रही है। लंबे समय से जेल में बंद आशाराम बापू की भी कहानी दुष्कर्म व अश्लील वीडियो के ईदगिर्द ही रही है।
उधर दिल्ली के ओल्ड नांगल इलाके में 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में दिल्ली पुलिस के खुलासा के मुताबिक बच्ची के साथ रेप का आरोपी पुजारी भी अश्लील वीडियो देखने का शौकीन था। घटना के दिन रेप के बाद आरोपी ने पीड़िता का शव जलाकर साक्ष्यों को मिटाने की कोशिश की थी। पुजारी राधेश्याम ने बच्ची का शव जबरन जलाते समय अपना फोन और बच्ची का चप्पल और बिछावन चिता पर फेंक दिये थे, ताकि वह जलकर नष्ट हो जाए। पुजारी और बाकी तीनों आरोपियों ने बच्ची के माता-पिता को 20000 रुपये देने की कोशिश की, ताकि आरोपों को दबाया जा सके। आरोपियों ने बच्ची के माता-पिता की गरीबी और निरक्षरता का लाभ उठाने की कोशिश की।
मोबाइल में अश्लील वीडियो रखता था पंडित
अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पंडित राधेश्याम तीन मोबाइल फोन रखता था। जिसमें एक एनरॉयड्र फोन भी था। इस फोन में सिम नहीं था। उसे सिर्फ अश्लील वीडियो के लिए इस्तेमाल करता था। वारदात के बाद उसने इस फोन को तोड़कर जलती चिता में फेंक दिया था। आरोपी को डर था कि मोबाइल की वजह से वह पकड़ा जाएगा। पंडित राधेश्याम ने मोबाइल को चिता में इस तरह फेंका था कि वह चिता के पास जमीन पर गिरा था। इससे मोबाइल के कुछ पार्ट चिता से कुछ दूर चले गए थे। इस कारण ये पार्ट जले नहीं थे। अपराध शाखा की फोरेंसिक टीम ने चिता से ये हिस्से बरामद कर लिए हैं। फोरेंसिक टीम ने चिता से मोबाइल के हिस्से मिलने की रिपोर्ट दे दी है।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि बच्ची के साथ रेप के दौरान उसकी मौत दम घुटने से हुई थी। पुलिस ने बताया कि जब पुजारी राधेश्याम ने बच्चे का रेप किया उस समय दूसरा आरोपी कुलदीप सिंह उसका हाथ पकड़े हुए था। राधेश्याम ने अपना हाथ बच्ची के मुंह पर रखा हुआ था, जिसकी वजह से वह सांस नहीं ले पाई और दम घुटने से उसकी मौत हो गई। उसके बाद राधे श्याम और कुलदीप सिंह ने बच्ची का शव राधेश्याम के कमरे से बाहर लाकर हॉल में रख दिया। जहां वाटर कूलर रखा हुआ था।
इस दौरान 2 गवाहों ने राधेश्याम और कुलदीप को देखा था। पुलिस ने कहा कि सभी चारों आरोपी शवदाहगृह पहुंच कर शव को जलाना चाहते थे, ताकि हत्या के साक्ष्य मिटाए जा सके। राधेश्याम ने मौत का समय 5ः30 बजे शाम का बताकर साक्ष्य से छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी। जबकि सीसीटीवी कैमरे में बच्ची 5ः42 पर जिंदा दिखी थी। पुलिस ने कहा कि बच्ची की मौत का बिजली के करंट से कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
गौरतलब है कि 10 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 30 सितंबर को पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। कोर्ट ने जिन चार आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया है उसमें कुलदीप सिंह, लक्ष्मीनारायण, राधेश्याम और सलीम अहमद शामिल है। दिल्ली पुलिस ने चारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 376, 506 और पॉक्सो एससी एसटी एक्ट के तहत आरोप लगाए गए हैं।
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंडित राधेश्याम व एक अन्य आरोपी ने बच्ची के साथ श्मशान घाट में दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म के दौरान इन्होंने बच्ची के मुंह को कड़ाई से दबाए रखा था। इससे बच्ची बेहोश जैसी हो गई थी। ये खुलासा आरोपियों ने दिल्ली पुलिस के अफसरों के सामने पूछताछ में किया है। दो अन्य आरोपियों ने मुख्य आरोपियों का साथ दिया था।
पुलिस के मुताबिक, राधेश्याम का चरित्र ठीक नहीं है और वह पहले भी छेड़छाड़ करता रहा है, लेकिन मामले श्मशान घाट ही रफा-दफा किए जाते रहे, ये मामले पुलिस तक नहीं गए थे।
बच्ची के माता-पिता ने आरोप लगाया था कि आरोपी राधेश्याम ने उन्हें बच्ची के शव के पास जाने नहीं दिया और न ही शव को देखने दिया था। आरोपियों ने उन्हें पुलिस का डर दिखाकर डरा-धमका दिया था। परिजनों ने तो भी आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उन्हें रोने भी नहीं दिया था। उन्होंने परिजनों को ये भी कहा था कि घर जाकर वह किसी को बच्ची के बारे में कुछ न बताए।
पुलिस को श्मशान घाट के सामने एक झुग्गीनुमा मकान में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मिली है। इस फुटेज में बच्ची 5.15 बजे श्मशान घाट के अंदर जा रही है। उसके हाथ में पानी की बोतल आदि कुछ नहीं है। आरोपी करीब 6.30 बजे बच्ची की मां को बुलाने गए थे। करीब 10-15 मिनट बाद बच्ची का पिता श्मशान घाट आ गया था।