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आंदोलन

बनभूलपुरा के 50 हजार लोगों को उजाड़ने के खिलाफ हल्द्वानी से लेकर लालकुआं तक उठे विरोध के सुर, सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग

Janjwar Desk
1 Jan 2023 12:16 PM GMT
बनभूलपुरा के 50 हजार लोगों को उजाड़ने के खिलाफ हल्द्वानी से लेकर लालकुआं तक उठे विरोध के सुर, सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
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बनभूलपुरा के 50 हजार लोगों को उजाड़ने जाने के खिलाफ हल्द्वानी से लेकर लालकुआं तक उठे विरोध के सुर, सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग

Protest for Banbhulpura : बनभूलपुरा बस्ती के लोग जो कि वर्षों से वहां पर रहकर बिजली का बिल, पानी का बिल, हाउस टैक्स दे रहे थे, यहां पर आजादी से पहले के सरकारी स्कूल बने हुए हैं, मंदिर और मस्जिद बने हुए हैं, लेकिन अब रेलवे अचानक से इस जमीन पर अपना अधिकार बता रहा है,

Juctice for Banbhulpura : हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा रेलवे भूमि का प्रकरण अब हल्द्वानी से बाहर भी तूल पकड़ने लगा है। कड़कड़ाती ठंड में पचास हजार लोगों को एक झटके में बेघर करने के खिलाफ तमाम लोगों का विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। नए साल के पहले दिन रविवार 1 जनवरी को लालकुआँ कार रोड में भी कई संगठनों ने हजारों लोगों को उजाड़े जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील युवा संगठन, सर्व श्रमिक निर्माण कर्मकार संगठन, युवा शिल्पकार समाजसेवी आदि संगठनों ने कार रोड बिन्दुखत्ता में सभा कर उत्तराखंड सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया।

बहुचर्चित रेलवे प्रकरण के अतिक्रमण मामले में हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद हो रही प्रशासनिक कार्यवाही के विरोध ने अब जोर पकड़ लिया है। एक तरफ जहां जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाही शुरू करने जा रहा है तो दूसरी तरफ बनभूलपुरा क्षेत्र के पीड़ित हजारों लोग अपने आशियाने को बचाने के लिए धरना प्रदर्शन कर अतिक्रमण नहीं हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर हमारे घर उजाड़ दिए जाते हैं तो हम कहाँ जायेंगे।

उनका कहना है कि कई दशकों से हमारा परिवार वहां पर बसा हुआ है, लेकिन आज उसको उजाड़ने का काम किया जा रहा है। जमीन से उजाड़ने के बाद उनके बच्चों का भविष्य खतरे में आ जायेगा। ऐसे हालातों में ये लोग कहाँ अपना सिर छुपायेंगे। हजारों की संख्या में वनभूलपुरा क्षेत्र के लोग जहां अपना आशियाना बचाने के लिए घरों से निकलकर हल्द्वानी में ही धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो हल्द्वानी के बाहर भी उनके समर्थन में व्यापक कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

लालकुआं में भी एक आक्रोश सभा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि हल्द्वानी की बनभूलपुरा बस्ती के लोग जो कि वर्षों से वहां पर रहकर बिजली का बिल, पानी का बिल, हाउस टैक्स दे रहे थे। यहां पर आजादी से पहले के सरकारी स्कूल बने हुए हैं, मंदिर और मस्जिद बने हुए हैं। लेकिन अब रेलवे अचानक से इस जमीन पर अपना अधिकार बता रहा है, जबकि रेलवे के पास इस भूमि का मालिकाना हक़ दिखाने के लिए आधिकारिक दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं हैं।

नैनीताल हाईकोर्ट ने वनभूलपुरा की 78 एकड़ जमीन पर बनाये गए 4365 घरों को ध्वस्त करने के आदेश देने के साथ ही पूरी राज्य मशीनरी से सहयोग करने की अपील की है। इसलिए सरकार तत्काल नैनीताल उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करवाए या बनभूलपुरा वासियों के पुनर्वास की सुनिश्चित व्यवस्था करें। कार्यक्रम में उमेद राम, रमेश कुमार, मनोज, पुष्पा, बिंदु , सुरेंद्र प्रसाद, शंकर राम, मनोज कुमार, प्रेम प्रकाश, शंभूनाथ धोनी, पंकज कोहली, ललित कोहली, जसराम,आदि साथी शामिल रहें !

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