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आंदोलन

यूपी में अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत 112 की महिलाकर्मियों के साथ पुलिस उत्पीड़न का आरोप

Janjwar Desk
9 Nov 2023 2:25 PM GMT
यूपी में अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत 112 की महिलाकर्मियों के साथ पुलिस उत्पीड़न का आरोप
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वेतन वृद्धि, अवकाश व सेवा सुरक्षा से जुड़ी उनकी मांगें सर्वथा उचित हैं, लेकिन योगी सरकार उनके आर्थिक शोषण पर लंबे समय से मौन धारण किये रही और जब लड़कियों ने आवाज उठाई, तो उनकी न्यायपूर्ण मांगें मानने के बजाय उनपर दो-दो एफआईआर दर्ज कर उन्हें डराने व चुप कराने की जुगत कर रही है....

लखनऊ। यूपी में डायल 112 में काम करने वाली महिला कर्मी आंदोलनरत हैं। भाकपा (माले) ने डायल-112 की महिला कर्मियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए उनके पुलिस उत्पीड़न की निंदा की है। पार्टी ने बीएचयू आईआईटी की छात्रा के साथ परिसर में बंदूक की नोंक पर गैंगरेप होने की बात सामने आने और घटना के 9 दिन के बाद भी दुराचारियों के आजाद घूमने पर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज गुरुवार 9 नवंबर को जारी बयान में कहा कि भाजपा महिला सशक्तीकरण का सिर्फ दिखावा करती है। जब इसे लागू करने की बात आती है, तो कन्नी काट जाती है। यही हाल महिला आरक्षण के साथ भी हुआ। इसी रवैये के चलते डायल-112 की महिला कर्मियों को अपना कार्यस्थल छोड़कर अपनी मांगों के लिए सड़क पर उतरना पड़ा है। वेतन वृद्धि, अवकाश व सेवा सुरक्षा से जुड़ी उनकी मांगें सर्वथा उचित हैं, लेकिन योगी सरकार उनके आर्थिक शोषण पर लंबे समय से मौन धारण किये रही और जब लड़कियों ने आवाज उठाई, तो उनकी न्यायपूर्ण मांगें मानने के बजाय उनपर दो-दो एफआईआर दर्ज कर उन्हें डराने व चुप कराने की जुगत कर रही है। यही है भाजपा का नारी सम्मान।

माले नेता ने कहा कि बीएचयू आईआईटी की पीड़ित छात्रा ने अपने साथ गैंगरेप होने का बयान दिया है। प्रधानमंत्री के चुनाव क्षेत्र में इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है, जहां महिला सुरक्षा जीरो है। यही नहीं, नौ दिन बाद भी योगी की एनकाउंटर बहादुर पुलिस की कार्रवाई कागजों तक ही सीमित है। तीनों के तीनों आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, जबकि हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं कार्रवाई के लिए बीएचयू में लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उल्टे पुलिस आंदोलनकारियों की आवाज दबाने के लिए निर्दोष छात्रों पर एफआईआर दर्ज कर रही है।

आइसा के कई छात्र नेताओं पर लंका पुलिस ने आंदोलन के दौरान फर्जी मुकदमे कायम कर दिए हैं, जबकि उनपर हिंसक आक्रमण करने वाले एबीवीपी के हमलावरों को पुलिस का पूरा संरक्षण है। पीड़ित छात्रा को न्याय आखिर कब मिलेगा? विवि के परिसर छत्राओं के लिए कब सुरक्षित होंगे? कोई महिला रात में सुरक्षित रुप से अकेली कब घूमेगी? कहां गए मोदी-योगी सरकार के दावे?

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