मुनव्वर राणा को बड़ा झटका- गिरफ़्तारी पर रोक से कोर्ट का इनकार, बाल्मीकि से की थी तालिबानियों की तुलना
कोर्ट से झटका लगने के बाद मुनव्वर राना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं (file pic)
जनज्वार। अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले शायर मुनव्वर राणा को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इसके साथ ही उनकी मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। कोर्ट ने मुनव्वर राणा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर डियह। साथ ही एफआईआर रद्द करने की मांग करने वाली अर्जी भी खारिज कर दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट की 2 सदस्यीय खंडपीठ ने एफआईआर रद्द करने की याचिका भी खारिज कर दी है।
बता दें कि शायर मुनव्वर राना ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से कर दी थी, जिसके बाद लोगों का गुस्सा उनपर फूट गया था। उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट सहित आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत हजरतगंज थाने में केस दर्ज कराया गया था। अंबेडकर महासभा ने भी मांग की थी कि मुनव्वर राना के खिलाफ केस दर्ज हो।'
साथ ही लखनऊ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा और सामाजिक सरोकार फाउंडेशन ने हजरतगंज थाने में तहरीर दी थी कि मुनव्वर राना के खिलाफ केस दर्ज हो। एससी/एसटी एक्ट के अलावा उनके खिलाफ 153-ए, 501 (1)-बी और 295-ए के तहत केस दर्ज किया गया है।
शायर मुनव्वर राना ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, "तालिबानी उतने ही आतंकी हैं, जितने रामायण लिखने वाले वाल्मीकि हैं। अगर वाल्मीकि रामायण लिखते हैं तो वे देवता हो जाते हैं, उससे पहले वह डाकू थे। आदमी का किरदार बदलता रहता है।"
मुनव्वर राना द्वारा एक टीवी डिबेट में तालिबानियों की तुलना वाल्मीकि से करने पर उनके खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसे लेकर मुनव्वर राना के विरुद्ध एससी एसटी ऐक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ।
राना पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने, समुदायों के बीच नफरत फैलाने और एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई। मुनव्वर राना ने पिछले माह एक चैनल से बातचीत में तालिबानियों की तुलना महर्षि वाल्मीकि से की थी।