Aaj Ki Taza Khabar 16 november 2021: पढ़ें देश की बड़ी खबरें, सिर्फ एक क्लिक में जानें आज की ताजा खबर
(आज की ताजा खबरें )
Aaj Ki Taza Khabar 16 november 2021: राजस्थान (Rajasthan) के झुंझुनूं के चोराड़ी आथुनी गांव में बाहरवीं कक्षा के एक छात्र ने जहर खाकर खुदखुशी (Suicide) कर ली है। इस मामले में छात्र के परिवार वालो ने जो बताया है, वो काफी चौंका देने वाली बात है। मृतक के परिजनों ने कई खुलासे किए है। आत्महत्या करने वाले छात्र का नाम अंकित कुमार है। परिजनों ने छात्र के खुदखुशी करने की वजह तनाव को बताया है। अंकित के खुदखुशी करने का आरोप आदर्श पब्लिक स्कूल के संचालक सुभाष, स्कूल के टीचर और पड़ोस में रहने वाली महिला पर लगा है। परिजनों का कहना है कि इन सभी की वजह से अंकित काफी तनाव में आ गया था और जहर खाकर उसने आत्महत्या कर ली। वहीं अंकित के मामा का कहना है कि पड़ोस की महिला के कारण उनके भांजे ने सुसाइड किया है। अंकित बाकरा में स्थित आदर्श पब्लिक स्कूल में पड़ता था। अंकित की उम्र 17 बताई गई है। वह स्कूल में बाहरवीं कक्षा का छात्र था। अंकित के सुसाइड को लेकर उसके मामा कमलेश कुमार ने स्कूल के संचालक सुभाष और स्कूल टीचर समेत पड़ोस की महिला पर आरोप लगाया है। कमलेश कुमार ने कहा कि अंकित के परिवार का पड़ोस में रहने वाली महिला के साथ कुछ विवाद चल रहा था। पड़ोस की महिला की 2 बेटियां अंकित के ही स्कूल में पढ़ती है।
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ओडिशा के कटक में एक बुजुर्ग महिला ने अपनी और अपने परिवार की 25 साल की सेवा करने के सम्मान में अपनी सारी संपत्ति एक रिक्शा चालक को दान कर दी है। वृद्ध महिला सुताहाट की रहने वाली है। वृद्ध महिला का नाम मिनाती पटनायक है और इनकी उम्र 63 वर्ष है। मिनाती पटनायक ने रिक्शा चालक बुद्ध सामल को अपना तीन मंजिला घर, सोने के गहने और अपनी सारी संपत्ति दान में दे दी है। रिक्शा चालाक बुद्ध सामल बुजुर्ग के परिवार की वर्षों से सेवा कर रहा है। बताया गया कि मिनाती पटनायक ने पिछले साल अपने पति को किडनी के फेल हो जाने के कारण खो दिया था। मिनाती की बेटी की भी हाल ही में हार्ट अटैक के कारण मौत हो गयी थी। रिक्शा चालाक, मिनाती और उनके पति की 25 साल से सेवा करता आया है। 'इंडिया टुडे' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक मिनाती पटनायक का कहना है कि 'मैं अपने पति और बेटी की मृत्यु के बाद बिखर गई और दुख में जी रही थी। मेरे दुखद नुकसान के बाद, मेरे किसी भी रिश्तेदार ने मेरा साथ नहीं दिया। मैं पूरी तरह से अकेली थी। हालांकि, यह रिक्शा चालक और उसका परिवार मेरे मुश्किल समय में मेरे साथ खड़ा रहा और बदले में कुछ भी उम्मीद किए बिना मेरे स्वास्थ्य का ख्याल रखा।' साथ ही मिनाती ने बताया कि 'मेरे रिश्तेदारों के पास पर्याप्त संपत्ति है। मैं हमेशा एक गरीब परिवार को अपनी संपत्ति देना चाहती हूं।'
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JNU Violence : दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एक बार फिर छात्र संगठन आपस में भिड़ गए। इस झड़प में कई छात्र घायल हो गए हैं। छात्र संगठन एबीवीपी (ABVP) ने आइसा पर मारपीट करने का आऱोप लगाया है। वहीं, वामपंथी छात्र संगठन आइसा (AISA) एबीवीपी पर हमले की आरोप लगा रही है। ये घटना रविवार, 14 नवंबर की रात की बताई जा रही है। बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है कि ऐसा मामला सामने आया है, बल्कि इससे पहले भी ऐसे मामले आते रहते हैं। कैंपस (JNU Campus) में इससे पहले भी गुटबाज़ी की घटना हुई है। सूत्रों के अनुसार, कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) से संबन्ध रखने वाले आइसा और एसफआई छात्र संगठनों की बीजेपी से संबंध रखने वाली एबीवीपी के सदस्यों के साथ मीटिंग को लेकर बुरी तरह झड़प हो गई। एबीवीपी ने एक बयान में कहा है कि वामपंथी छात्रों ने उनके कैडर पर हमले किए, जिसमें उनके दर्जनों सदस्य बुरी तरह से घायल हो गए हैं। घायलों में महिला सदस्य भी शामिल हैं। छात्र संगठन का कहना है कि जिन सदस्यों को गंभीर चोटें आई हैं, उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है। उधर, जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष (JNU Student Association ) आई सी घोष (IC Ghosh) ने इस घटंना के बारे में ट्वीट कर कहा - "एबीवीपी के गुंडों ने जेएनयू में आज फिर हिंसा फैलाई। बार-बार इन अपराधियों ने छात्रों पर हिंसा की है और कैंपस में लोकतंत्र को बाधित किया है। क्या जेएनयू प्रशासन अब भी चुप रहेगा ? इन गुंडों पर कोई कार्रवाई होगी?"
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उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार के बाद लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में राज्य सरकार ने एसआईटी जांच की निगरानी उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त पूर्व न्यायाधीश से कराने के सुझाव पर सोमवार 15 नवंबर को अपनी सहमति दे दी है। बता दें कि इससे पहले जांच के रवैये के लेकर शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से नाराजगी जाहिर की थी। चीफ जस्टिस एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एसआईटी जांच में छोटी रैंक के पुलिस अधिकारियों के शामिल होने के मुद्दे को भी उठाया और उत्तर प्रदेश काडर के उन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों के नाम भी मांगे जो राज्य के मूल निवासी नहीं हैं ताकि उन्हें जांच टीम में शामिल किया जा सके। पीठ ने कहा कि उसे संबंधित न्यायाधीश की सहमति भी लेनी होगी और इस सनसनीखेज मामले की निगरानी के लिए शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों के नाम पर भी विचार करना होगा। पीठ ने कहा कि नाम की घोषणा वह बुधवार को करेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने दलील दी कि राज्य को शीर्ष अदालत द्वारा जांच की निगरानी के लिए अपनी पसंद के पूर्व न्यायाधीश की नियुक्ति से कोई समस्या नहीं है, लेकिन वह उत्तर प्रदेश का मूल निवासी नहीं होना चाहिए यह बात मन में नहीं होनी चाहिए क्योंकि संबंधित व्यक्ति एक प्रासंगिक कारक है।
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव नजदीक है और ऐसे में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश में सभी राजनितिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्योप का दौर जारी है। कंगना रनौत के भीख में मिली आजादी वाले बयान पर राजनितिक दलों का लगातार विरोध जारी है। अब कंगना के इस बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के चीफ असुदुद्दीन ओवैसी ने कंगना के विवादित बयान पर सवाल उठाते हुए बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा। साथ ही कंगना के बयान को मुस्लिमों से जोड़ दिया। कंगना रनौत के बयान पर ओवैसी ने कहा कि अगर किसी मुस्लिम ने यह कहा होता तो यूपी पुलिस घुटने पर गोली मरकर उसे जेल भेज देती। उनका एनकाउंटर कर दिया जाता। ओवैसी ने कहा कि यूपी में मुसलमानों की वोट की कोई कीमत नहीं है। कीमत होती तो आजम खान बाहर नहीं होते इसलिए अपनी कयादत को मजबूत करो। बता दें कि रविवार 14 नवंबर को एआईएमआईएम के चीफ असुदुद्दीन ओवैसी अलीगढ़ के महेशपुर क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करने पहुचें थे। इस दौरान ओवैसी ने राजनितिक दलों पर जमकर निशाना साधा और कंगना रनौत के 'भीख में मिली आजादी' वाले बयान पर निशाना साधते हुए भाजपा और खासकर यूपी की योगी सरकार पर हमला बोला।
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