महाराष्ट्र के बाहर भी कंगना की मुसीबतें बढ़ीं, कर्नाटक कोर्ट ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश
जनज्वार। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या केस के बाद अपने तल्ख बयानबाजियों और उसके बाद महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ एक के बाद एक टिप्पणियों से चर्चा में आई अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पहले महाराष्ट्र सरकार के निशाने पर आयीं कंगना पर अब कर्नाटक सरकार भी तल्ख हो गयी है। उसने कंगना पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
कर्नाटक के टुमकुरु जिले की एक अदालत ने कृषि कानूनों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर ट्वीट के जरिए निशाना साधने के लिए एक्ट्रेस कंगना रनौत पर शुक्रवार 9 अक्टूबर एफआईआर के निर्देश दिए हैं। अधिवक्ता एल. रमेश नाइक की तरफ से की गई शिकायत के आधार पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास (जेएमएफसी) ने क्याथासांद्रा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर को कंगना के खिलाफ एफआईआर करने को निर्देशित किया है।
कोर्ट ने कहा कि अधिवक्ता एल रमेश नाइक ने सीआरपीसी की धारा 155 (3) के तहत आवेदन देकर जांच की मांग की है। नाइक क्याथासांद्र से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कंगना रनौत के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कराने के बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि कोर्ट ने अधिकार क्षेत्र में आने वाले पुलिस स्टेशन से कंगना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने का निर्देश दे।
गौरतलब है कि कंगना ने 21 सितंबर को अपने ट्विटर हैंडल @KanganaTeam से ट्वीट करते हुए लिखा था- जिन लोगों ने सीएए पर गलत जानकारी और अफवाहें फैलाईं, जिसकी वजह से हिंसा हुई वही लोग अब किसान विरोधी बिल पर पर गलत जानकारी फैला रहे हैं, जिससे राष्ट्र में डर है। वे आतंकी हैं। नाइक ने कहा कि इस ट्वीट ने ठेस पहुंचाया है, जिसके चलते उन्हें कंगना रनौत के खिलाफ केस फाइल करने पर मजबूत होना पड़ा है।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या को लेकर काफी मुखर रही कंगना अपने बयानों के चलते महाराष्ट्र सरकार के निशाने पर आ गई थीं। मंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से तक कर दी थी। इसके बाद शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत के साथ ट्विटर पर उनकी जुबानी जंग की खबरें खूब वायरल हुयीं।
सबसे ज्यादा चर्चा में कंगना तब आयीं जब वह अपने होमटाउस हिमाचल प्रदेश गयीं थीं और मुंबई पहुंचने से पहले ही बीएमसी ने उनके ऑफिस में बने अवैध निर्माण को ढहा दिया था। यह पूरा मामला अभी बॉम्बे होईकोर्ट में चल ही रहा है। कंगना का कार्यालय ढहाने के बाद केन्द्र की मोदी सरकार ने उन्हें वाई कैटगरी की सुरक्षा मुहैया करा दी थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई मीम्स भी वायरल हुए थे कि घर ढहाने पर तक उन्हें वाई कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया करा दी गयी।