Bihar News: जहरीली शराब कांड पर बड़ा खुलासा, पीड़ित परिवारों को मिल रही प्रशासन से धमकियां
Bihar News: बिहार के तीन जिलों में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। छपरा, भागलपुर और सीवान में अब तक जहरीली शराब से 65 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी मामले के बीच पीड़ित परिवारों को प्रशासन की ओर से धमकियां मिल रही हैं। प्रशासन जहरीली शराब से हुई मौत को ठंड से हुई मौत बताने की पूरी कोशिश में जुटा हुआ है। बीजेपी ने तो विधानसभा से लेकर राजभवन तक मार्च भी निकाला।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस और प्रशासन के द्वारा पीड़ित परिवार के लोगों पर धमकी और दबाव बनाया जा रहा है कि वो लोग कहें कि जहरीली शराब से हुई मौत को ठंड से हुई मौत बताएं। साथ ही ऐसा नहीं करने पर उन्हें फंसाने की धमकी दी जा रही है। लगातार पुलिस मुआवजे का लालच दे रही है। लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने तो मुआवजा देने से साफ मना कर दिया है। सारण जिले के एक पीड़ित परिवार के सदस्य ने इसकी जानकरी मीडिया के साथ साझा की।
जानकारी के लिए बता दें कि शराब कांड के पीड़ित परिवारों पर प्रशासन दबाव बना रहा है। शवों को जलाकर और पीड़ितों को डरा-धमकाकर मौत के आंकड़े भी छिपाए जा रहे हैं। नकली शराब मामले की जांच के लिए गठित एसआई टीम ने 20 से अधिक लोगों को पकड़ा है। सभी से पूछताछ हो रही है। बीते मंगलवार को छपरा में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ। जो अभी भी जारी है। पहले छपरा, फिर भागलपुर और उसके बाद सीवान में जहरीली शराब से मौतें हुई हैं। प्रशासन की सर्वे टीम प्रभावित इलाकों में घर-घर जाकर पीड़ितों की पहचान कर उन्हें अस्पताल लेकर गई। बिहार सरकार अपने आंकड़ों में सिर्फ 30 लोगों की मौत बता रही है, जबकि मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, यह आकंड़ा 65 तक पहुंच गया है और आने वाले दिनों में संख्या बढ़ भी सकती है।
दूसरी तरफ जहरीली शराब कांड को लेकर विपक्ष लगातार बिहार सरकार को घेर रहा है। विधानसभा में आज भी बीजेपी विधायकों ने जोरदार हंगामा किया। बीजेपी विधायकों ने नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर मार्शलों ने बीजेपी विधायकों के हाथों से पोस्टर छीने। सदन में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का माइक बंद कर दिया गया। विपक्षी विधायकों के हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। छपरा का मामला आते ही सबसे पहले 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में भड़क गए थे।