Madhubani Crime News: Nitish Kumar के राज में पत्रकार को जिंदा जलाया, अवैध अस्पतालों के खिलाफ आवाज उठाने पर दी सजा
Madhubani Crime News: बिहार के सुशासन बाबू कहे जानेवाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज में अपहरण कर एक युवक को जिंदा जलाकर मार देने की खबर ने इनके कानून के राज का एक बार फिर पोल खोल दी है। यह सनसनीखेज घटना मधुबनी जिले की है। युवक आरटीआई कार्यकर्ता के साथ ही एक स्थानीय न्यूज पार्टल में बतौर पत्रकार जुड़ा हुआ था। लोगों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे अवैध अस्पतालों के खिलाफ उसकी मुहिम ने माफियाओं की नींद हराम कर दी थी। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन के तरफ से कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाए कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता की जाती रही। जिसका नतीजा रहा कि युवक की आवाज हमेशा के लिए बंद कर देने के मकसद से दरिंदों ने ऐसे वारदात को अंजाम दिया।
अपहरण के चौथे दिन मिला अधजला शव
यह अपहरण की घटना 9 नवंबर की है तथा शव 12 नवंबर की रात मिली। खास बात यह है कि अपहरण की सूचना मिलने के बाद भी पुलिस ने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की। लिहाजा अपहरण के बाद आखिरकार युवक का अधजला शव बरामद हुआ। अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ मधुबनी जिले के बेनीपटटी अनुमण्डल मुख्यालय के रहनेवाले थे। घटना के संबंध में भाई चंद्रशेखर झा पुत्र दयानंद झा ने बेनीपटटी थाना प्रभारी को अपहरण के दूसरे दिन सुबह आवेदन देकर पूरी घटना से अवगत कराया था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि बेनीपटटी में अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होग व अन्य जांच केंद्र के खिलाफ अविनाश के लगातार आवाज उठाने पर एक साजिश के तहत अपहरण किया गया है। उसने भाई के साथ कोई अनहोनी की आशंका जताई थी।
नर्सिंग होम संचालकों पर अपहरण का भाई ने लगाया था आरोप
मृतक के भाई चंद्रशेखर ने पुलिस को दिए आवेदन में मां जानकी सेवा सदन अंबेडकर चैक, बेनीपटटी, शिक्ता पाॅली क्लिनीक,मकिया,सदामा हेल्थ केयर,धकजरी,अंशु कस्ट एण्ड बेटर,धकजरी,सोनाली हास्पिटल अनुमडल मेन गेट,आराधना हेल्थ एण्ड डेन्टल केयर क्लिनीक,जेल गेट,जय मां काली सेवा सदन,आरएस मेमोरियल हास्पिटल,पुपरी रोड,अल्जीना हेल्थ केयर, शांति हास्पिटल नई भौजी चैक,अनन्या नर्सिंग होम,अनुराग हेल्थ केयर कटैया समेत अन्य अस्पतालों के संचालकों के खिलाफ घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया था।
सीसीटीवी में मोबाइल से बातचीत करते दिखी तस्वीर
घटना के संबंध में बताया जाता है कि पत्रकार व आरटीआई एक्टिविस्ट बुद्धिनाथ झा जिसकी उम्र करीब 22 वर्ष थी, वह लोकल न्यूज पोर्टल से भी जुड़े थे। दिनांक 9 नवम्बर की रात अपने घर के पास स्थित क्लीनिक के करीब लगे सीसीटीवी में 9.58 बजे रात में अंतिम बार देखा गया है। इससे पहले वह करीब 9.00 से 9.58 के बीच सीसीटीवी में कई बार घर के गली के आगे मुख्य सड़क पर घूमकर फोन पर बात करते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान वह लगातार फोन पर बात करता हुआ नजर आये। अंतिम बार पीला रंग का गमछा लपेटकर घर से सटे 100 मीटर की दूरी पर स्थित लोहिया चैक होते हुए आगे घर से 300 मीटर की दूरी जहां बेनीपट्टी थाना है, उसके सामने से गुजरते हुए तथा थाने से करीब 500 मीटर आगे 10.05 बजे से 10.10 बजे के करीब बाजार के निवासी आदमक द्वारा देखे गए, जिसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल सका। अहले सुबह परिजनों ने उसकी खोजबीन की, तो पता चला कि उनका बाइक व बाइक की चाभी उसके क्लीनिक में ही है जहां वह खुद अपना काम करते थे, व क्लीनिक का गेट खुला हुआ व उनका लैपटॉप भी ऑन ही था।इस लिहाज से सभी ने अनुमान लगाया कि वह रात में इस मंशा से बाहर निकले कि जल्द वापस आ जाएंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
10 तारीख को परिजनों की चिंता बढ़ी तो पास के ही एक सीसीटीवी कैमरे को खंगाला तो उसमें वह 9.58 में अंतिम बार देखे गए। 10 तारीख को थाने को इस बात की जानकारी बड़े भाई चंद्रशेखर ने दी। पुलिस ने उसका मोबाइल ट्रेस किया तो बेनीपट्टी थाने से पश्चिम करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर बेतौना गांव में 10 तारीख के सुबह 9 बजे करीब में अंतिम बार मोबाइल ऑन हुआ था।
बेनीपट्टी थाना में दर्ज मुकदमे के आलोक में पुलिस अपना अनुसंधान जारी करने की बात कहती रही। पुलिस आश्वासन के भरोसे समय बीतता रहा, इस बीच सोशल मीडिया में अविनाश के लापता होने की जानकारी वायरल हो चुकी थी। 12 तारीख को शाम के 7.41 बजे में अविनाश के चचेरे भाई बीजे विकास के नम्बर पर बेनीपट्टी थाना से करीब 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित उड़ेन गांव के एक युवक का कॉल आया कि मेरे गांव के पास से गुजरने वाले स्टेट हाईवे के निकट एक लाश मिली है, जिसके बाद प्रशासन के साथ कुछ परिजन मौके पर पहुंचे जहां शव की शिनाख्त हुई।
शव को जलाकर सड़क किनारे फेंका गया था, शव की पहचान अविनाश के हाथ की अंगूठी, पैर में मस्से का निशान, गले में चेन से की गई। शव को बरामद करने के साथ ही अविनाश के बड़े भाई के सहमति से शव को तत्काल मधुबनी सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। जहां रात में शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द किया गया। जिसका अंतिम संस्कार 13 तारीख को सिमरिया में किया गया।
बता दें कि इससे पहले अविनाश झा ने दर्जनों फर्जी नर्सिंग होम पर परिवार व आरटीआई के माध्यम से लाखों का जुर्माना व कितनों को बंद करवा चुका है। इस दौरान उसे लगातार धमकी भी मिली थी। उनके दोस्तों का कहना है कि उन्हें कई बार लाखों का प्रलोभन मिला जिसको उसनें कभी स्वीकार नहीं किया। कुछ लोगों का कहना है कि अविनाश के आरटीआई एक्टिविस्ट व परिवाद दायर करने की निरंतरता के पीछे की वजह यह है कि अविनाश ने 2019 वर्ष में बेनीपट्टी के कटैया रोड में जयश्री हेल्थ केयर के नाम से अपना नर्सिंग होम खोला था, जिसमें वह बाहर से चिकित्सकों को बुलाकर वह मरीजों का इलाज करवाता था। इस बीच प्रतिद्वंद्वी कुछ चिकित्सकों ने उसके नर्सिंग होम पर साजिशन हंगामा करवा दिया, जिससे आहत होकर उसनें क्लीनिक बंद कर दिया और ठाना कि अब इलाके में कोई कहीं मेडिकल लाइन में गलत नहीं कर पायेगा, और वह आरटीआई परिवाद करना शुरू कर दिया।
15 नवंबर से मुहिम चलाने की दी थी चेतावनी
इस बीच उसके कुछ साथियों ने जानकारी दी कि अविनाश झा फिर से बेनीपट्टी के फर्जी नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कागजी कार्रवाई कर रहा है। जिसको लेकर उसनें 7 नवम्बर को अपने फेसबुक स्टोरी पर उक्त तमाम क्लीनिक के नाम सहित खेला होबे का गाना के साथ लिखा कि, 15 नवम्बर से खेला होबे। इसी बीच 9 नवम्बर की रात उसे गायब कर दिया गया। अविनाश के फेसबुक पोस्ट के बाद हुई इस घटना ने परिजनों के अंदेशा को और पुष्ट कर दिया है।