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सीएम नीतीश से अमीर हैं पुत्र निशांत, राज्य कैबिनेट के मंत्रियों ने भी घोषित की संपत्ति, देखें विवरण

Janjwar Desk
1 Jan 2021 11:30 AM IST
सीएम नीतीश से अमीर हैं पुत्र निशांत, राज्य कैबिनेट के मंत्रियों ने भी घोषित की संपत्ति, देखें विवरण
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File photo

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत उनके कैबिनेट के अन्य सदस्यों ने साल 2020 के अंतिम दिन गुरुवार को अपनी संपत्ति की घोषणा कर दी है...

जनज्वार ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ज्यादा अमीर उनके पुत्र निशांत हैं। नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों में वीआईपी पार्टी सुप्रीमो मुकेश साहनी सबसे अमीर हैं। उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के पास लाइसेंसी हथियार हैं तो दूसरे उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद गाड़ियों के शौकीन हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत उनके कैबिनेट के अन्य सदस्यों ने साल 2020 के अंतिम दिन गुरुवार को अपनी संपत्ति की घोषणा कर दी। बिहार में सभी मंत्रियों, राज्य सरकार के प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के पदाधिकारियों-कर्मचारियों को हर वर्ष अपनी संपत्ति की घोषणा करनी होती है।

साल 2020 के अंतिम दिन 31 दिसंबर को घोषित संपत्तियों का ब्योरा बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने जारी किया है। विभाग की वेबसाइट पर दिए गए ब्योरे के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास महज 35,885 रुपए नकद हैं। उनके द्वारा दिए गए ब्योरे के मुताबिक मुख्यमंत्री से अधिक अमीर उनके पुत्र निशांत हैं।

वहीं, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद गाडिय़ों के शौकीन हैं। उनके पास चार गाडिय़ां हैं। उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के पास पिस्टल, राइफल के साथ ही आधा किलो सोना भी है। वहीं, पहली बार मंत्री बने मुकेश सहनी और उनकी पत्नी की मुंबई में 18 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। वह नीतीश कुमार की कैबिनेट के सबसे अधिक संपत्ति वाले मंत्री हैं।

घोषित विवरण के अनुसार परिवहन मंत्री शीला कुमारी के पास पांच करोड़ की जमीन है। हालांकि दो मंत्री-पीएचईडी मंत्री डॉ. रामप्रीत पासवान और श्रम मंत्री जीवेश कुमार की संपत्ति का ब्योरा देर रात तक विभाग की वेबसाइट पर नहीं डाला गया था। बीते कई वर्षों से सरकार के मंत्री अपनी संपत्ति की घोषणा साल के अंतिम दिन करते रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास एक दर्जन गाय जबकि छह बाछा-बाछी हैं। मुख्यमंत्री से अधिक अमीर उनके पुत्र निशांत हैं। हालांकि पुत्र के पास भी नकद 28 हजार 297 रुपये ही हैं। विभिन्न बैंकों में मुख्यमंत्री के 34 हजार, जबकि पुत्र के बैंक खातों में फिक्स्ड या जमा के तौर पर एक करोड़ से अधिक रुपए हैं। उनके नाम विभिन्न वित्तीय संस्थाओं में 25 लाख से अधिक के निवेश भी हैं।

मुख्यमंत्री के पास जहां 98 हजार के जेवरात हैं, वहीं बेटे के पास 20 लाख से अधिक के सोने-चांदी के आभूषण हैं। पिता पुत्र के पास दो गाडिय़ां हैं। नीतीश कुमार के पास दिल्ली के द्वारका में 2004 में खरीदा गया एक हजार वर्गफीट का फ्लैट है, जिसकी वर्तमान कीमत 40 लाख है। वहीं बेटे के नाम कल्याण बिगहा में कृषि और गैर कृषि योग्य भूमि के अलावा बख्तियारपुर हकीकतपुर और पटना के कंकड़बाग में आवासीय भवन हैं। इन संपत्तियों की कीमत 1.48 करोड़ है। पिता-पुत्र पर कोई ऋण नहीं है।

वहीं उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद गाडिय़ों के शौकीन हैं। उनके पास अलग-अलग मॉडल की चार गाडिय़ां हैं। इनमें बोलेरो, टाटा इंडिगो, स्कॉर्पियो व इनोवा टोयटा शामिल हैं। खुद के पास 54 हजार नकद तो पत्नी के पास 44 हजार है। तीन लाख बचत खाता में है। खुद के पास 50 ग्राम सोना है, जिसकी कीमत ढाई लाख है। जबकि पत्नी के पास 400 ग्राम सोने-चांदी के आभूषण हैं, जिनकी कीमत 20 लाख है। कटिहार में खेती के लायक जमीन उपमुख्यमंत्री के नाम पर है तो पत्नी के नाम पर व्यावसायिक जमीन है।

बिहार की पहली महिला उपमुख्यमंत्री रेणु देवी हथियारों की शौकीन हैं। उनके पास एक पिस्टल व एक राइफल है। 48 हजार नकदी रखने वाली उपमुख्यमंत्री के बचत खाता में लगभग तीन लाख रुपये हैं। लगभग दस लाख विभिन्न बचत योजनाओं में जमा है। आधा किलो से अधिक सोना तो डेढ़ किलो चांदी के आभूषण हैं। बेतिया और फुलवारीशरीफ में खेती लायक जमीन है। उपमुख्यमंत्री लगभग 14 लाख की कर्जदार भी हैं।

वहीं ग्रामीण कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी से अधिक धनी उनकी पत्नी हैं। खुद के पास पांच हजार नकद है तो पत्नी के हाथ में एक लाख नकदी है। पति-पत्नी को मिलाकर 48 लाख से अधिक विभिन्न बैंकों में जमा हैं। चल संपत्ति में खुद के नाम पर 26 लाख तो पत्नी के नाम पर 32 लाख है। अचल संपत्ति में खुद के नाम पर 65 लाख तो पत्नी के नाम पर 70 लाख की संपत्ति है।

ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव के पास 60 हजार तो पत्नी के पास 25 हजार नकदी है। एक करोड़ 12 लाख से अधिक बैंकों में जमा हैं। 15 ग्राम सोना खुद के पास तो पत्नी के पास 100 ग्राम सोना व 900 ग्राम चांदी है। बीएसएनएल टावर से 1320 रुपए महीना तो जेपी सेनानी पेंशन योजना के तहत 10 हजार मासिक मिलता है। गांव में खेती की जमीन है। मुरली व सुपौल में गैर खेती जमीन भी है।

भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी से अधिक उनकी पत्नी की कमाई है। वर्ष 2019-20 में उन्होंने 25 लाख 21हजार 63 रुपये का आयकर रिटर्न दाखिल किया है। वहीं, उनकी पत्नी ने 39 लाख 01 हजार 335 रुपये और उनके बच्चे ने 6 लाख 11 हजार 118 रुपये का रिटर्न दाखिल किया। श्री चौधरी के पास 29 हजार 500 रुपये नकद है, जबकि पत्नी के पास 25 हजार।

अशोक चौधरी का बैंक व वित्तीय संस्थानों में 31 लाख 69 हजार 286 रुपये जमा है, जबकि उनकी पत्नी के नाम 17 लाख 17 हजार 924 रुपये। मंत्री श्री चौधरी ने 8 लाख 61 हजार 189 रुपये एलआईसी में निवेश किया है, जबकि उनकी पत्नी ने 3 लाख 85 हजार 913 रुपये निवेश किया है। मंत्री के पास छह लाख रुपये बाजार मूल्य का सोना भी है।

कृषि व सहकारिता मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह के पास नकद साठ हजार रुपये हैं तो उनकी पत्नी आशा देवी भी हाथ में 25 हजार रुपये रखी हैं। उनके बैंक खातों में लगभग 25 लाख, तो पत्नी के खातों में भी 33 लाख रुपये जमा हैं। कृषि मंत्री के पास वाहन के नाम पर मात्र एक स्कॉर्पियो है। उनके पास कृषि योग्य लगभग साढ़े छह एकड़ जमीन है, जिसकी कीमत लगभग 65 लाख रुपये है। बक्सर जिले के चौंगाई में पैतृक आवास है, जिसकी कीमत 22 लाख रुपये है।

उधर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के पास 1 करोड़ 20 लाख 59 हजार 211 रुपये की चल-अचल संपत्ति है। वहीं, उनकी पत्नी के नाम 82 लाख 84 हजार 319 रुपये की चल-अचल संपत्ति है। उन्होंने 60 हजार रुपये का एनएससी खरीद रखा है और 1.85 लाख रुपये किसान विकास पत्र में निवेश किया है। उनके पास एक टाटा सफारी गाड़ी और 190 ग्राम सोना भी है। उन्होंने 2003 में 52 हजार रुपये की राइफल भी खरीदी है। वहीं, कदमकुंआ स्थित मेसर्स पांडेय साइंटिफिक एडं स्पोर्ट्स नाम से व्यवसाय में उनकी पत्नी 50 फीसदी की पार्टनर हैं। उनकी पत्नी के नाम नई दिल्ली के द्वारका में 1063 स्क्वॉयर फीट का फ्लैट भी है।

परिवहन मंत्री शीला कुमारी के पास एक भी गाड़ी नहीं है। संपत्ति के ब्योरे में मंत्री ने अपने पास एक भी गाड़ी नहीं होने की जानकारी दी है। मंत्री और उनके पति को मिला दें तो उनके पास खेती के लायक लगभग 30 एकड़ जमीन है। इसकी कीमत पौने 3 करोड़ से अधिक है। जबकि दो करोड़ से अधिक कीमत की गैर खेती लायक जमीन है। एक करोड़ से अधिक के दो फ्लैट है। खुद 50 हजार नकदी तो पति के पास मात्र चार हजार पास मात्र चार हजार नकदी है। पांच लाख बचत खाता में जमा है। खुद के पास 16 लाख तो पति के पास 10 लाख के गहने हैं।

राजस्व मंत्री रामसूरत राय के पास वाहन के नाम पर ट्रैक्टर और बाइक है तो उनकी पत्नी बस, ट्रक और इनोवा की मालकिन हैं। मंत्रीजी राइफल भी रखते हैं। मंत्री पर 16 लाख का आवासीय लोन है तो पांच लाख का केसीसी भी उनके नाम पर है। बैंक खातों में भी उनकी साढ़े पांच लाख रुपये नकद जमा हैं।

रामसूरत राय के नाम से 631 डिसमिल विकासशील जमीन के कई प्लॉट है जिसकी कीमत लगभग ढाई करोड़ है। साथ ही लगभग डेढ़ करोड़ की व्यावसायिक और आवासीय भूखंड भी है। मंत्री की पत्नी सुभद्रा देवी के पास भी लगभग 700 डिसमिल कृषि योग्य भूमि है, जिसकी कीमत एक करोड़ से ज्यादा है। उनके पास आवासीय और व्यावसायिक भूखंड भी हैं, जिनकी कीमत लगभग दो करोड़ है।

पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री मुकेश सहनी करोड़पति हैं। उनके बैंक खातों में 23.63 लाख जमा हैं। वहीं बांड और अन्य शेयर में 78.80 लाख लगा रखा है। इसके अतिरिक्त अन्य वित्तीय संस्थाओं में 14 लाख से अधिक का निवेश है। हाथ में 45,500 जबकि पत्नी के पास 25 हजार रुपए हैं। वहीं मुम्बई में इनके पास तीन संपत्तियां हैं जिनकी कीमत 7.47 करोड़ हैं।

मुम्बई में इनके पास 9.60 करोड़ का एक घर भी है। पत्नी के पास भी मुम्बई में एक घर/फ्लैट है, जिसकी कीमत 1.25 करोड़ रुपए है। इनकी पत्नी पर सवा करोड़ से अधिक का लोन है। पत्नी के पास 450 ग्राम सोना, जबकि मुकेश सहनी के पास 112 ग्राम का गोल्ड है। 2018-19 के आयकर रिटर्न के मुताबिक मुकेश सहनी की कमाई 11 लाख 1750 रुपए, वहीं पत्नी की कमाई 10 लाख 42 हजार 645 है।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के सुप्रीमो जीतनराम मांझी के पुत्र व राज्य के लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन हथियार रखने के शौकीन हैं। उनके पास राइफल के अलावा एक रिवाल्वर भी है। मंत्री के पास एक स्कॉर्पियो और एक इनोवा है। लेकिन पत्नी दीपा जेवर की शैकीन हैं। उनके पास बीस लाख रुपये का सोना है तो मंत्री के पास आठ लाख का सोना है।

संतोष कुमार सुमन की बैंक और शेयर के अलावा लगभग 54 लाख रुपये की चल संपत्ति है। इसके अलावा उनके पास पांच एकड़ कृषि योग्य भूमि भी है, जिसका वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 45 लाख रुपये है। उनके पास तीन हजार वर्गफीट का कॉमर्शियल भवन भी है। आवसीय भवन के रूप में उनके पास गांव महकार के अलावा गोदावरी और खिजरसराय में मकान है। पटना में एमआईजी फ्लैट है।

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