Cancer Drug Trial : दवा के ट्रायल के दौरान आए चौंकाने वाले नतीजे, 100 फीसदी मरीजों में पूरी तरह ठीक हो गया कैंसर
Cancer Drug Trial : दवा के ट्रायल के दौरान आए चौंकाने वाले नतीजे, 100 फीसदी मरीजों में पूरी तरह ठीक हो गया कैंसर
Cancer Drug Trial : "यह एक छोटा ट्रायल (Cancer Drug Results) था जिसमें सिर्फ 18 कैंसर (Cancer) रोगी शामिल किए गए थे। सभी को एक ही दवा दी गयी थी। पर इस ट्रायल के परिणाम (Cancer Drug Results) चौंकानेवाले रहे। दवा लेने वाले सभी मरीजों में कैंसर पूरी तरह से ठीक हो गया था। किसी भी फिजिकल एग्जाम (Physical Exam), एंडोस्कोपी (Endoscopy), पीईटी स्कैन (PET Scan) या एमआरआई स्कैन (MRI Scan) में कैंसर की पुष्टि नहीं हो पायी। ऐसे में ये नतीजे हैरान करने वाले थे।"
ऐसा कहना है मेमोरियल स्लोआन केट्टेरिंग कैंसर सेंटर के डॉ. लुईस ए डियाज जूनियर का। बीते रविवार 5 जून को उनकी लिखी एक रिसर्च रिपोर्ट पेपर न्यू इंग्लैंड जर्नल में प्रकाशित हुई है। उसमें उन्होंने कैंसर की पूर्व में वर्णित दवा के प्रयोग के परिणामों के बारे में विस्तार से बताया है।
यह ड्रग ट्रायल प्रसिद्ध दवा कंपनी ग्लेक्सो स्मिथक्लाइन कंपनी की ओर से प्रायोजित था। पर इसके जो रिजल्ट आए हैं उसकी उन्होंने भी कल्पना नही की थी। डॉ. लुईस का कहना है कि अब तक ऐसी कोई स्टडी या डग्र ट्रायल नहीं हुई है जिसमें दवाओं के इस्तेमाल के बाद मरीज में कैंसर को पूरी तरह से ठीक होते देखा गया हो।
उन्होंने यह भी कहा, कि मुझे विश्वास है कि कैंसर के इतिहास में पहली बार किसी ड्रग ट्रायल (Cancer Drug Results) में इस तरह के चौंकाने वाले नतीजे आए हैं।
डॉ. एलन पी वीनूक जो कि सेन फ्रांसिसको के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में कोलोरेक्टर कैंसर विशेषज्ञ है, वे हालांकि इस ड्रग ट्रायल ने नहीं जुड़े हैं पर उनका भी मानना है कि कैंसर की दवा के लिए हुए किसी ड्रग ट्रायल में पहली बार ऐसे नतीजे आए हैं। किसी मरीज में दवा के इस्तेमाल से पूरी तरह से कैंसर का ठीक हो जाना अब नहीं कैंसर के मेडिकल हिस्ट्री में कभी नहीं सुना गया है।
आपको बता दें इस ड्रग ट्रायल (Cancer Drug Results) में वे मरीज शामिल हुए थे जो कैंसर के इलाज की जटिल प्रक्रिया से गुजर चुके थे। उन्होंने कैंसर के इलाज के दौरान कीमोथेरेपी, रेडिएशन और जिंदगी को बदलने वाली सर्जरी जिससे उनमें पेट से जुड़ी, पेशाबतंत्र से जुड़ी और सेक्सुअल जिंदगी से जुड़ी विकृति आ गयी थी, का भी सामना किया था। कुछ मरीजों को को तो कोलोस्टोमी बैग का प्रयोग भी करना पड़ रहा था।
जब वे इस ट्रायल में शामिल हो रहे थे, वे सोच रहे थे कि जब यह खत्म होगा उन्हें दोबारा से उन्हीं प्रक्रियाओं से गुजरना होगा क्योंकि किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि उनके कैंसर के ट्यूमर्स दवा के इस्तेमाल से गायब हो जाएंगे। पर, जब परिणाम आए तो वे सभी लोग चौंक गए। अब उन्हें किसी इलाज की जरूरत नहीं थी।
मेमोरियल स्लोआन केट्टेरिंग कैंसर सेंटर में ओनकोलोजिस्ट के रूप में तैनात और रिसर्च पेपर की सह लेखिका डॉ. एंड्रिया सरसेक बताती हैं कि जब ड्रग ट्रायल के नतीजे आए (Cancer Drug Results) तो हमने लोगों की आंखों में बहुत ज्यादा खुशी के आंसू देखे। इस पेपर को रविवार 05 जून को अमेरिकन सोसायटी आॅफ क्लिनिकल आॅनकोलॉजी के सामने भी पेश किया गया है।
डॉ वीनूक ने इस ड्रग ट्रायल के बारे में (Cancer Drug Results) में एक और चौंकाने वाली बात कही है। उनका कहना है कि इस ड्रग ट्रायल के दौरान किसी भी मरीज में कोई साइट इफेक्टस या परेशानी देखने को नहीं मिली है। यह भी हैरान करने वाली और राहतभरी बात है। आमतौर पर हम पांच में से एक मरीज पर दवाओं के इस्तेमाल के बाद साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं।