डॉ. कफील खान बर्खास्त, समर्थन में उतरीं प्रियंका गांधी, योगी सरकार के आदेश को बताया 'नफरती एजेंडा'
नई दिल्ली। उप्र सरकार की योगी सरकार द्वारा डॉ. कफील खान की बर्खास्तगी का आदेश जारी करने के बाद अब इस मसले ने सियासी मोड़ ले लिया है। कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार की कार्रवाई को दुर्भावना से प्रेरित करार दिया है। उन्होंने कहा कि नफरती एजेंडा से प्रेरित सरकार उनको प्रताड़ित करने के लिए ये सब कर रही है।
उप्र सरकार द्वारा डॉ. कफील खान की बर्खास्तगी दुर्भावना से प्रेरित है। नफरती एजेंडा से प्रेरित सरकार उनको प्रताड़ित करने के लिए ये सब कर रही है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 11, 2021
लेकिन सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि वो संविधान से ऊपर नहीं है। कांग्रेस पार्टी डॉ कफील की न्याय की लड़ाई में उनके साथ है और हमेशा रहेगी। pic.twitter.com/xidIyzv3sI
प्रियंका का खुला ऐलान - हम हैं कफील के साथ
प्रियंका गांधी ने कहा कि योगी सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि वो संविधान से ऊपर नहीं है। कांग्रेस पार्टी डॉ कफील की न्याय की लड़ाई में उनके साथ है और हमेशा रहेगी। प्रियंका के इस रुख से गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत केस में एक बार फिर से नया मोड़ आ गया है।
प्रियंका गांधी का बयान आने से पहले उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने जांच की रिपोर्ट के आधार पर डॉ कफील खान को बर्खास्त कर दिया है। साथ ही जल्द आगे की कार्रवाई करने की बात भी कही है।
चार साल पहले 60 बच्चों की हुई थी मौत
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 11 अगस्त 2017 को ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों मौत हो गई थी। घटना को 4 साल बीत चुके हैं और कई विभागों के सचिव द्वारा इस घटना की जांच की जा चुकी है।इस मामले को लेकर टिकट और पंजीकरण विभाग के प्रमुख सचिव हिमांशु कुमार ने यूपी के चिकित्सा शिक्षा विभाग को 18 अप्रैल 2019 को रिपोर्ट सौंपी थी।
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कफील को मिली थी क्लिनचिट
अपनी रिपोर्ट में हिमांशु कुमार ने डॉ. कफील खान को निर्दोष बताया था। जांच की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. कफील अपने सीनियर अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी के बारे में पहले से बता चुके थे। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि जब यह घटना हुई थी तब डॉक्टर कफील BRD में इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोएल मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज नहीं थे, जिसके कारण डॉ. कपिल की जिम्मेदारियों की सीमा खत्म हो जाती है।
सरकार के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे कफील
वहीं योगी सरकार के द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद डॉ कफील खान ने कोर्ट में जाने की बात कही है। डॉ. कफील खान ने कहा निलंबन के मामले में कोर्ट ने उन्हें 7 सितंबर को अगली तारीख दी है। अभी उन्हें बर्खास्तगी के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है। मुझे कोर्ट पर भरोसा है बर्खास्तगी के खिलाफ भी कोर्ट जाएंगे। दूसरी तरफ एक बार फिर से डॉ कफील खान के ऊपर आरोपों का सिलसिला शुरू कर दिया गया है,
आपको बता दें कि गोरखपुर ऑक्सीजन कांड के बाद डॉ. कफील खान एक हीरो की तरह देशभर में उभरकर सामने आए थे। जिस तरह से डॉ कफील खान ने BRD अस्पताल में बच्चों की बचाने की पूरी कोशिश की थी उसके बाद पूरे देश भर में डॉक्टर कफील खान की सराहना की गई थी।
CAA का विरोध करने पर लगा था रासुका
इससे पहले डॉ. कफील पर दिसंबर 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में CAA के विरोध में प्रदर्शन करने के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने पर उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा रासुका लगाया गया था। 29 जनवरी को यूपी एटीएस ने डॉ कफील खान को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। तकरीबन 1 साल बाद 10 फरवरी 2020 को डॉ कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा रिहाई मिली। बताया जाता है कि डॉ. कफील खान BRD अस्पताल में बच्चों का बचाने का काम किया उसके बाद योगी सरकार की पोल खुल गई। यूपी सरकार ने खुद की बदनामी से बचने के लिए डॉ. कफील के ऊपर तरह-तरह के मनगढ़ंत आरोप लगाए।