सरकार के साथ बातचीत पर सहमत हुए किसान नेता, अगली बैठक के लिए रखा 4 पॉइंट एजेण्डा
(किसान संगठनों की प्रेस कॉन्फ्रेंस)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को बातचीत के लिए मेज पर आने के लिए सीधे अपील करने के एक दिन बाद किसान संगठनों ने शनिवार को सरकार के साथ चल रहे गतिरोध और वार्ता को फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
आंदोनकारी 40 किसान संगठनों के मुख्य संगठन संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक में यह फैसला किया गया।
40 किसान यूनियनों के मुख्य संगठन संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक में यह फैसला किया गया। किसान नेताओं की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया गया। किसान नेताओं ने सरकार के साथ बातचीत के लिए 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे का वक्त तय किया है। जगह के रूप में दिल्ली के विज्ञान भवन को चुना गया है। इससे पहले सरकार ने किसानों से बातचीत की अपील करते हुए उन्हें अपनी पसंद के समय और जगह तय करने को कहा था।
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार को किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता योगेंद्र योदव ने बताया, 'हम केंद्र सरकार के साथ 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे एक और दौर की बातचीत का प्रस्ताव रखते हैं।'
योगेंद्र यादव के ट्वीट के मुताबिक किसानों ने बैठक के लिए अपने 4 पॉइंट एजेंडा दे दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'सरकार ने माँगा था, किसानों ने दे दिया बैठक का एजेंडा: 1. तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि 2. MSP की कानूनी गारंटी की प्रक्रिया 3.पराली जुर्माना से किसानों को मुक्ति 4. बिजली कानून के मसौदे में बदलाव। क्या सरकार एजेंडा मानेगी?'
सरकार ने माँगा था, किसानों ने दे दिया बैठक का एजेंडा:
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 26, 2020
1. तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि(Modalities)
2. MSP की कानूनी गारंटी की प्रक्रिया
3.पराली जुर्माना से किसानों को मुक्ति
4. बिजली कानून के मसौदे में बदलाव
क्या सरकार एजेंडा मानेगी? pic.twitter.com/lKDBSC533u