Salman Khurshid Book: "किताब को बैन करना अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला" खुर्शीद की किताब पर कोर्ट ने कहा- लेखक को लिखने और प्रकाशन का अधिकार
Salman Khurshid Book: दिल्ली की एक अदालत में बुधवार, 17 नवंवबर को कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) की किताब "सनराइज ओवर अयोध्या" (Sunrise Over Ayodhya) को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान किताब पर प्रतिबंध लगाने से साफ इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि, "किताब पर बैन लगाने से यह एक नागरिक की अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला होगा।" साथ ही कोर्ट ने सलमान खुर्शीद की किताब के प्रकाशन, प्रसार और बिक्री को रोकने के निर्देश की मांग करने वाले एक मुकदमे में भी एकतरफा रोक लगाने का आदेश से इनकार कर दिया।
सुनवाई के दौरान दिल्ली के कोर्ट ने कहा, ''इस अदालत की राय में यह न तो प्रथम दृष्टया मामला है और न ही वादी के पक्ष में विज्ञापन-अंतरिम पूर्व-पक्षीय निषेधाज्ञा देने के लिए कोई असाधारण परिस्थिति वर्तमान मामले में बनाई गई है।'' न्यायाधीश ने कहा, "इसके अलावा, वादी यह स्थापित करने में विफल रहा है कि सुविधा का संतुलन उसके पक्ष में है। इसलिए, इस स्तर पर अंतरिम एकतरफा राहत के लिए प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया गया है।"
कोर्ट ने किताब पर बैन लगाने से मना करते हुए कहा कि, "लेखक और प्रकाशक को किताब लिखने और प्रकाशित करने का अधिकार है।" अदालत ने कहा, "वादी यह स्थापित करने में सक्षम नहीं हुआ कि पुस्तक या पुस्तक के कथित 'आक्रामक' अंशों से बचने के लिए उसे असुविधा होगी। दूसरी ओर, निषेधाज्ञा से प्रकाशकों को कठिनाई होगी और लेखक के अभिव्यक्ति के अधिकार में भी कमी आएगी।"
सलमान खुर्शीद की किताब पर प्रतिबंध लगाने की याचिका में दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से ठीक पहले इस किताब का विमोचन कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में अल्पसंख्यकों का ध्रुवीकरण और वोट हासिल करना था। आरोप है कि सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में हिंदुत्व पर निशाना साधा है। याचिकाकर्ता ने इसलिए पुस्तक के प्रकाशन, वितरण, प्रसार और बिक्री पर रोक लगाने और समाज और देश के व्यापक हित में पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने के लिए आदेश जारी करने की मांग की है।
कोर्ट ने कि आवेदक हमेशा किताब के खिलाफ प्रचार कर सकता है और यहां तक कि कथित अनुच्छेदों का खंडन भी प्रकाशित कर सकता है जिससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। अदालत ने कहा, "इसके अलावा, केवल अंश की एक प्रति रिकॉर्ड पर रखी गई है और इस तरह के अंश को उस संदर्भ की व्याख्या करने के लिए अलगाव में नहीं पढ़ा जा सकता है जिसमें उक्त बयान दिया गया है।"
क्या है किताब का विवाद
बता दें कि हाल ही कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की प्रकाशित किताब "सनराइज ओवर अयोध्या" को लेकर खूब बवाल हुआ था। खुर्शीद पर आरोप है कि उन्होंने इस किताब में हिन्दू की तुलना आतंकी संगठन आईएसएस (ISIS) और बोको बराम से की है। हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दायर मुकदमे में कथित रूप से हिन्दुत्व की भावनाओं को आहत करने के लिए "सनराइज ओवर अयोध्या" नामक पुस्तक के प्रकाश, प्रसार और बिक्री को रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई है। मामले की अगली सुनवाई के लिए अतिरिक्त दीवानी न्यायाधीश प्रीति परेवा ने 18 नवंबर यानि आज की तारीख निर्धारित की है।