Sidhi News : आपातकाल के दौरान भी मीडिया के मामले में इतना नहीं गिरी थी सरकार - प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड ने भी जताई चिंता
Sidhi News : मध्यप्रदेश के सिधी में पत्रकारों को निर्वस्त्र करने पर एडिटर्स गिल्ड ने जतायी हैरानी
Sidhi News : मध्यप्रदेश के सिधी जिले के थाने में पत्रकारों को निर्वस्त्र करने के मामले पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editors Guild Of India) ने हैरानगी जतायी है। एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में लिखा कि वह 2 अप्रैल 2022 को सिधी जिले (Sidhi District) की पुलिस द्वारा एक स्थानीय पत्रकार और साथ ही नागरिक समाज के कुछ सदस्यों को जिस तरीके से गिरफ्तार, निर्वस्त्र और अपमान किया गया वह उस तरीके स्तब्ध और आक्रोशित है।
Editors Guild of India is shocked by the manner in which police arrested, stripped, and humiliated a local journalist in Sidhi, MP, as well as chained another journalist in Balasore, Odisha. Urges Home ministry to act immediately and take strict actions. pic.twitter.com/wSMjCesLR6
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) April 8, 2022
गिल्ड ने कहा कि एक स्थानीय पत्रकार कनिष्क तिवारी, जिन्होंने कथित तौर पर एक भारतीय जनता पार्टी के विधायक और उनके बेटे के खिलाफ कुछ अभद्र टिप्पणी की थी, एक रंगकर्मी की गिरफ्तारी के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे।
इसके अलावा चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने पत्रकार और कार्यकर्ताओं की तस्वीरें लीं और उन्हें शर्मसार और अपमानित करने के लिए सोशल मीडिया पर जारी कर दिया।
हालांकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निलंबित कर दिया है और इस जघन्य मामले की जांच के आदेश दिए हैं लेकिन पुलिस और स्थानीय प्रशासन की बेरहमी से हमला करने और डराने धमकाने की यह बढ़ती प्रवृत्ति बेहद परेशान करने वाली है और इसे रोकने की जरूरत है।
गिल्ड ने आगे ओडिशा में एक पत्रकार लोकनाथ देलाई पर कथित तौर पर हमला करने और उसके पैर अस्पताल के बिस्तर पर जंजीर से बांधने के मामले पर चिंता जताई। एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि किसी भी स्वतंत्र रिपोर्टिंग को दबाने के प्रयास में पत्रकारों, स्ट्रिंगरों और जिला पत्रकारों के साथ अक्सर अमानवीय व्यवहार किया जाता है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
एडिटर्स गिल्ड ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पत्रकारों और नागरिक समाज के सदस्यों के खिलाफ पुलिस की ज्यादतियों का तत्काल संज्ञान लेने और सभी स्तरों पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करने के लिए सख्त निर्देश जारी करने का आग्रह किया है। गिल्ड ने कहा कि राज्य की सत्ता दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अलावा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (Press Club Of India) ने भी बयान जारी कर घटना की निंदा की है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा- हम अधोहस्ताक्षरी पत्रकार संगठन मध्य प्रदेश के सिधी जिले के एक पुलिस थाने में पत्रकार, रंगकर्मियों और अन्य नागरिकों को निर्वस्त्र कर नग्न परेड करने की निंदा करते हैं। यह किसी अक्षम्य अपराध से कम नहीं है। यह घटना मीडियाकर्मियों के खिलाफ अत्याचार और अभूतपूर्व चरम पर पहुंचने के बारे में भी बताती है। दिलचस्प बात यह है कि इस तरह की ज्यादातर घटनाएं मुख्य रूप से बीजेपी सरकार के राज्यों में हो रही हैं।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस और राज्य तंत्र अपना बचाव करने के लिए इस थ्योरी को प्रोपोगेट कर रहे हैं कि गिरफ्तार व्यक्ति पत्रकार नहीं थे। गिरफ्तार व्यक्ति पत्रकार थे या नहीं या सिर्फ सामान्य नागरिक थे, आपराधिक प्रक्रिया संहिता में कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि गिरफ्तार व्यक्तियों को सार्वजनिक रूप से निर्वस्त्र और अपमानित किया जा सकता है और उनकी नग्न तस्वीरें डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित की जा सकती हैं। आपातकाल के दौरान भी तत्कालीन सरकार मीडियाकर्मियों के साथ अपने व्यवहार में इस स्तर तक नहीं गिरी थी।