मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने तालिबान से की RSS की तुलना, बोले-इनके समर्थक करें आत्मचिंतन
जावेद अख़्तर ने तालिबान की तुलना RSS से कर दी है (file pic)
जनज्वार। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही कई तरह के बयान सामने आए हैं। कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय जनता दल के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने RSS की तुलना तालिबान से की थी, जिसके बाद खासा बवाल मचा था। अब बॉलीवुड के मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने भी RSS, विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदूवादी संगठनों की तुलना तालिबान के साथ कर दी है।
मशहूर शायर और गीतकार जावेद अख्तर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना तालिबान से करते हुए कहा है कि इसे समर्थन देने वाले लोगों को आत्मचिंतन करना चाहिए। एक इंग्लिश न्यूज चैनल के साथ बातचीत में अख्तर ने कहा कि आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल जैसे संगठनों का भी उद्देश्य वही है, जो तालिबान का है। आगे उन्होंने यह भी कहा, "भारतीय संविधान इनके लक्ष्य की राह में आड़े आ रहा है लेकिन अगर मौका मिला तो ये उसी बाउंड्री को भी पार कर जाएंगे।"
जावेद अख्तर ने NDTV के साथ बातचीत में कहा कि दुनियाभर में राइट विंग एक है। भारत में भीड़ द्वारा अल्पसंख्यकों की पिटाई की कुछ घटनाओं की चर्चा करते हुए जावेद अख्तर ने कहा, "यह पूरी तरह से तालिबान बनने का एक तरह से फुल ड्रेस रिहर्सल है। ये तालिबानी हरकतों को अपना रहे हैं। ये एक ही लोग हैं, बस नाम का फर्क है। उनके लक्ष्य और उनके बीच में भारत का संविधान आड़े आ रहा है लेकिन अगर मौका मिले तो ये इस बाउंड्री को पार कर जाएंगे।"
इस बातचीत में जावेद अख्तर ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि जो लोग आरएसएस, वीएचपी, बजरंग दल जैसे संगठनों का समर्थन करते हैं, उन्हें आत्मचिंतन की जरूरत है। निश्चित तौर पर तालिबान मध्ययुगीन मानसिकता वाला है, इसमें कोई शक नहीं हैं, वे बर्बर हैं लेकिन आप जिन्हें समर्थन कर रहे हैं, वे उनसे अलग कहां हैं? उनकी जमीन लगातार मजबूत हो रही है और वे अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। इनकी मानसिकता एक ही है।"
बता दें कि कुछ दिन पहले राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया था, जिसपर खासा बवाल मचा था।
पार्टी के आपदा प्रबंधन विंग की पटना में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जगदानंद सिंह ने कहा था, "तालिबान नाम नहीं, एक संस्कृति है। भारत में RSS तालिबानी हैं। ये लोग दाढ़ी काटते हैं। चूड़ी बेचने वाले और पंक्चर बनाने वाले को मारते हैं। इन सबके खिलाफ लालू यादव ने लंबी लड़ाई लड़ी, संघर्ष किया और इसलिए उन लोगों ने कहा- अरबपतियों की खिलाफत करता है, धार्मिक उन्मादियों के खिलाफ है, आडवाणी को गिरफ्तार करता है इसलिए लालू प्रसाद को जेल में डालो।"