किसान नेताओं और मोदी सरकार के बीच 11वें दौर की वार्ता बेनतीजा, दो साल के लिए सरकार कृषि कानून रोकने को तैयार
सरकार व किसान नेताओं के बीच शुक्रवार को हुई बैठक का दृश्य।
जनज्वार। तीन विवादित कृषि कानूनों और एमएसपी को लेकर आंदोलनरत किसानों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच शुक्रवार को हुई 11वे दौर की वार्ता विफल हो गयी। इस बैठक में दोनों पक्ष किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सके और बैठक की अगली तारीख तय नहीं हो गयी।
सरकार ने किसान संघों के सामने हाथ खड़े कर दिए। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के अंत में किसान नेताओं से कहा कि हमने आपके सामने सारे विकल्प रख दिए, अब आपको इस बारे में तय करना है।
बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने हमें कृषि कानूनों पर दो साल के लिए रोक लगाने का प्रस्ताव दिया और कहा कि अगले चरण की बैठक तभी होगी जब किसान संघ इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार होते हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी ट्रैक्टर रैली की योजना पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत 26 जनवरी को होगी। वहीं भारतीयकिसान यूनियन क्रांतिकारी गुट के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि 11वें दौर की वार्ता खत्म हो गयी है और अगले चरण की बैठक की तारीख तय नहीं हुई है।
वहीं, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता एसएस पांधेर ने कहा कि मंत्री ने हमे साढे तीन घंटा इंतजार करवाया जो हमारा अपमान है। जब वे आए तो उन्होंने कहा कि आप लोग सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करें और हम बैठक की प्रक्रिया को खत्म करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण जारी रहेगा।
बैठक के बाद कृषि मंत्री तोमर ने क्या कहा?
बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 14 अक्टूबर से किसानों के साथ सरकार की वार्ता चल रही है। उन्होंने कहा कि जब से किसान आंदोलन कर रहे हैं तब से 11 दौर की वार्ता सरकार के साथ हो चुकी है और एक दौर की वार्ता अधिकारियों के साथ हुई है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान और अल्प मात्रा में कुछ अन्य राज्यों के किसान इस आंदोलन में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता को नतीजे पर पहुंचने के पक्ष में थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान नेताओं को एक के बाद एक अनेक प्रस्ताव उन्हें दिया। उन्होंने कहा कि वार्ता के दौर में मर्यादाओं का पालन हुआ, लेकिन यह वार्ता नतीजे तक नहीं पहुंच सकी। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि देश का किसान आने वाले कल में प्रगति करे।
तोमर ने कहा कि 11वें दौर की वार्ता के दौरान जब किसान यूनियन के द्वारा यह कहा गया है कि हम पुराने प्रस्ताव पर राजी नहीं है। उन्होंने कहा कि वे कानून को वापस लेने पर अड़े रहे, पर हमारी ओर से कहा गया कि इसके अलावा कोई और उपाय हो तो बताएं। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक से डेढ वर्ष तक कानून को रोकने का प्रस्ताव दिया है और उनसे कहा है कि अगर कल तक वे इस निर्णय पर पहुंच सकते हैं तो इसके बारे में बताएं फिर हम उस पर बात कर उस निर्णय को घोषित करेंगे।