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गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर पूर्व आर्मी चीफ ने किया बड़ा खुलासा

Janjwar Desk
29 Jun 2020 8:13 AM GMT
गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर पूर्व आर्मी चीफ ने किया बड़ा खुलासा
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वीके सिंह ने कहा कि अचानक लगी आग से भारतीय सैनिक भड़क उठे थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह कह पाना मुश्किल है कि चीनी सैनिकों ने टेंट में क्या रखा हुआ था, जिसके चलते वह आग लगी। हालांकि, वीके सिंह का यह दावा उस बात के बिल्कुल उलट है, जिसमें कहा गया था कि चीनी सैनिकों के पीछे न हटने की बात पर भारतीय सैनिकों ने टेंट उखाड़कर फेंका था...

नई दिल्ली, जनज्वार। पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस बीच एलएसी पर हुई हिंसक झड़प को लेकर केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। वीके सिंह ने बताया कि गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच एक रहस्यमय आग की वजह से हिंसक झड़प हुई। ये आग चीनी सैनिकों के टेंटों में लग गई थी। इसका खुलासा खुद उन्होंने एक चैनल के साथ बातचीत में किया।

वीके सिंह ने कहा कि अचानक लगी आग से भारतीय सैनिक भड़क उठे थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह कह पाना मुश्किल है कि चीनी सैनिकों ने टेंट में क्या रखा हुआ था, जिसके चलते वह आग लगी। हालांकि, वीके सिंह का यह दावा उस बात के बिल्कुल उलट है, जिसमें कहा गया था कि चीनी सैनिकों के पीछे न हटने की बात पर भारतीय सैनिकों ने टेंट उखाड़कर फेंका था।

वीके सिंह ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि गलवां नदी का सात से आठ किलोमीटर का इलाका हमारे पास है, यहीं पर पेट्रोलिंग प्वांइट 14 स्थित है। उन्होंने बताया कि पेट्रोलिंग प्वांइट 14 का इलाका भारत के पास साल 1962 से है। पूर्व आर्मी चीफ ने बताया कि यह विवाद तब शुरू हुआ, जब श्योक नदी के साथ-साथ एक रोड बनाई गई। यह रोड दौलत बेग ओल्डी तक जाती है। उन्होंने बताया कि पहले यहां तक जाने में 15 दिन लगते थे, लेकिन सड़क बनने के बाद यह दूरी दो दिन में पूरी की जा सकती है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि चीनी सैनिकों को यह रोड नहीं दिखाई दे रही थी, इसके बाद चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुस आए और टेंट स्थापित कर दिए। वहीं, चीनी सैनिकों की इस हरकत पर भारतीय जवानों ने उन्हें रोक दिया। पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने बताया कि इस घटना के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई। पहले कमांडिंग अफसर स्तर पर वार्ता हुई, जिसमें कोई हल नहीं निकला। फिर जनरल स्तर पर वार्ता की गई, इसमें भी कोई हल नहीं निकल पाया। आखिरकार लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता में तय किया गया कि दोनों पक्ष 15 जून से पहले वाली स्थिति में तैनात होंगे।

चीन पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि चीन कभी नहीं बताएगा कि कितने लोग हताहत हुए। कितने लोग मरे या नहीं मरे। जिस तरीके से हमारे लोगों ने चीनी सैनिकों को जवाब दिया था, उससे लगता है कि शुरू में 40 से अधिक चीनी सैनिकों के हताहत की जो संख्या आई थी, वह संख्या सही थी। उससे ज्यादा हो सकते हैं।

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