Himachal CM News : हिमाचल के सीएम पर मंथन शुरू, प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने काटा बवाल
Himachal CM News : हिमाचल प्रदेश में सीएम पद के लिए घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने अभी तक सीएम चेहरा का अनाउंस नहीं किया है, लेकिन इससे पहले ही संग्राम शुरू गया है। आज सीएम पद का चेहरा तय करने के लिए होने वाली बैठक से पहले ही सीएम उम्मीदवार प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने जमकर बवाल काटा। उनके समर्थकों ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की गाड़ी का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। हालांकि भूपेश बघेल का कहना है कि हिमाचल के सीएम का चयन हाईकमान करेगा। उन्होंने पार्टी में बिखराव के सवाल को भी टाल दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी की हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जीत दर्ज हुई है। इसके जीत के बाद कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चिंता यह थी कि कहीं उनके विधायक न बिक जाएं। इसके लिए हाईकमान ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदारी दी गई थी। कांग्रेस अभी तक विधायकों को संभालने के प्रयास में जुटी थी कि नई चुनौती सामने आ गई।
दरअसल, हिमाचल के सीएम को लेकर तीन दावेदार हैं। इसमें प्रतिभा सिंह, सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री सीएम रेस में हैं। आज सीएम के नाम पर सहमति बनाने के लिए बैठक बुलाई गई है, लेकिन इससे पहले ही प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने जमकर हंगामा कर दिया। उन्होंने ओबेरॉय सेसिल होटल के बाहर इकट्ठा हुए। इसके बाद चुनाव के पर्यवेक्षक भूपेश बघेल का काफिला पहुंचा तो उन्होंने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। हालांकि प्रतिभा सिंह का कहना है कि पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी नहीं है और हर कोई हमारे साथ है।
छत्तीसगढ़ के सीएम और चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल ने मीडिया से बात करते हुए हिमाचल में जनता की जीत हुई है। इस जीत में हमारे साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी का आशीर्वाद था। साथ ही, हिमाचल की जीत में प्रियंका गांधी ने सबसे अहम रोल निभाया है। जब भूपेश बघेल से हिमाचल के सीएम को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला हाईकमान को करना है। वे जिसे भी जिम्मेदारी सौंपेंगे, वो सभी को मंजूर होगा।
बता दें कि हिमाचल विधानसभा चुनाव के कुल 68 सीटों में से कांग्रेस ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी को 25 सीटों पर जीत मिली। हालांकि अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी को कांग्रेस के मुकाबले महज 0.9 फीसदी कम वोट शेयर मिला है। जीत के बाद कांग्रेस के लिए दो बड़ी चुनौती बनी है। पहली यह कि पार्टी में टूट न हो और दूसरी यह कि जो भी सीएम बनाया जाए, उसे सभी की स्वीकार्यता होनी चाहिए।