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किसानों ने किया ​बहिष्कार तो जागरण ने फिर रचा नकली मायाजाल, झूठी खबर को लेकर जमीयत उलेमा हिंद ने भेजा नोटिस

Janjwar Desk
23 July 2021 11:47 AM GMT
किसानों ने किया ​बहिष्कार तो जागरण ने फिर रचा नकली मायाजाल, झूठी खबर को लेकर जमीयत उलेमा हिंद ने भेजा नोटिस
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जागरण को तथ्यहीन खबर छापने को लेकर जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से नोटिस भेजा गया है.

जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से भेजे गये इस नोटिस में अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी की तरफ से कहा गया है कि 'दैनिक जागरण में खबर इस्लामी मदरसों की साख को धूमिल करने की दुर्भावना से छापा गया है...

जनज्वार ब्यूरो। किसानों द्वारा अखबार की प्रति जलाए जाने व बहिष्कार करने के बाद अब दैनिक जागरण को मानहानि का नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस जागरण में 7 जुलाई को प्रकाशित एक खबर के सिलसिले में भेजा गया है। खबर को तथ्यहीन बताते हुए जागरण प्रकाशन और उसके रिपोर्टर हसीन शाह को नोटिस भेजकर माफी मांगने तथा खबर को वेबसाइट से हटाने के लिए कहा गया है।

दरअसल जागरण में बीती 7 जुलाई को एक खबर प्रकाशित हुई थी। जो 'उमर गौतम के मदरसे की खोज में 30 से अधिक रडार पर' की हैडिंग के साथ छापा गया था। जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से भेजे गये इस नोटिस में अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी की तरफ से कहा गया है कि 'दैनिक जागरण में खबर इस्लामी मदरसों की साख को धूमिल करने की दुर्भावना से छापा गया है। खबर के प्रकाशन पर तुरंत रोक लगाकर अखबार को माफी मांगनी चाहिए।'

जागरण में प्रकाशित इसी खबर को लेकर भेजा गया है नोटिस

नोटिस में कहा गया है कि जागरण की खबर में कई गलत और निराधार बातें जोड़ी गई हैं। जो पूर्णतया गैरजिम्मेदाराना और भ्रम पैदा करती हैं। यह मदरसों की प्रतिष्ठा को नेस्तनाबूद करने करने के इरादे से प्रकाशित की गई लगती है। खबर में उन मूलभूत संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करती है जिसमें अनुच्छेद 30 के तहत सभी सभी अल्पसंख्यक (धर्म या भाषा) को देश में अपनी पसंद के शिक्षण संस्थान को चलाने व स्थापित करने का अधिकार देता है। साथ ही नोटिस में अनुच्छेद 29 के तहत संरक्षित अधिकारों का भी जिक्र किया गया है।

जमीयत के अधिवक्ता एमआर शमशाद की तरफ से भेजी गई नोटिस में कहा गया है कि 'आपने गलत तथा किसी दुर्भावना से कहा कि मदरसे मान्यता नहीं लेना चाहते।' जागरण की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसे अपनी मान्यता के लिए आवेदन नहीं करना चाहते, क्योंकि मान्यता प्राप्त होने के बाद उन्हें विभागीय नियमों का पालन करना होगा, चंदे का हिसाब देना होगा। नोटिस के मुताबिक यह सभी तथ्य झूठे व आधारहीन हैं।

नोटिस के अनुसार खबर के प्रकाशन से मदरसों को एक अपूरणीय क्षति हुई है। इस रिपोर्ट को विवादास्पद बताते हुए नोटिस में लव-जिहाद से संबंधित खबरों का भी जिक्र किया गया है। साथ ही उमर गौतम के मामले को जोड़ने की आपत्ति दर्ज कराते हुए जागरण बिना शर्त माफी मांगने सहित वेबसाइट से ऑनलाइन कॉपी हटाने व लेख का प्रसार बंद करने की मांग रखी गई है।

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