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Laborer Income in India : 94% मजदूरों की मासिक आमदनी 10 हजार से भी कम, e-Shram पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से खुलासा

Janjwar Desk
30 May 2022 2:28 PM IST
UN Report : अरब देशों में सबसे अधिक कराई जाती है बंधुआ मजदूरी, आधुनिक गुलामी की गिरफ्त में फंसे पांच करोड़ लोग
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Laborer Income in India : पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2021 तक मासिक 10 हजार रुपये से कम की कमाई वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों की संख्या तकरीबन 92.37 फीसदी थी। उस समय पोर्टल पर 8 करोड़ से कुछ ज्यादा श्रमिक रजिस्टर्ड थे। उस समय पोर्टल पर पंजीकृत एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के श्रमिकों की संख्या 72.58 फीसदी थी...

Laborer Income in India : ई-श्रम पोर्टल (E_Shram Portal) पर अपलोड डेटा के अनुसार देश के 94 फीसदी मजदूरों की मासिक आमदनी (Laborer Income in India) 10 हजार रुपये से कम है। ई-श्रम पोर्टल (e-Shram Portal) पर रजिस्टर्ड 27.69 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के डेटा से इस बात का खुलासा हुआ है। पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों से यह भी बात सामने आयी है कि रजिस्टर्ड मजदूरों में 74 फीसदी मजदूर एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग से आते हैं।

पोर्टल पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2021 तक मासिक 10 हजार रुपये से कम की कमाई वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों (Laborer Income in India) की संख्या तकरीबन 92.37 फीसदी थी। उस समय पोर्टल पर 8 करोड़ से कुछ ज्यादा श्रमिक रजिस्टर्ड थे। उस समय पोर्टल पर पंजीकृत एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के श्रमिकों की संख्या 72.58 फीसदी थी।

पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ श्रमिकों का हुआ था रजिस्ट्रेशन

विशेषज्ञों का मानना है कि ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन बढ़ने के साथ पता चलता है कि समाज में काफी असमानता है। इस पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन (Laborer Income in India) का लक्ष्य है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या करीब 38 करोड़ है। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य देश में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करना है।

26 अगस्त, 2021 को शुरू हुआ था पोर्टल

इस पोर्टल को 26 अगस्त, 2021 को शुरू किया गया था. सरकार का इरादा इस पोर्टल के जरिए देश के असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों को कल्याण योजनाओं का लाभ प्रदान करना है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, ई-श्रम पोर्टल पर कुल 27.69 करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिक रजिस्टर्ड हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिक काफी गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं और इनमें से ज्यादातर समाज के पिछड़े समुदाय से आते हैं।

94.11% श्रमिकों की आमदनी 10 हजार रुपये से कम

पार्टल पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड 94.11 फीसदी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मासिक कमाई 10 हजार रुपये (Laborer Income in India) से भी कम है। वहीं 4.36 प्रतिशत मजदूरों की की कमाई 10 हजार से अधिक और 15,000 रुपये से कम है। इन आंकड़ों के अनुसार पोर्टल पर रजिस्टर किए गए 74.44 फीसदी श्रमिक समाज के पिछड़े वर्ग से आते हैं। इनमें से 45.32 फीसदी ओबीसी, 20.95 फीसदी एससी और 8.17 फीसदी एसटी वर्ग के हैं। वहीं सामान्य श्रेणी के श्रमिकों की संख्या 25.56 फीसदी है।

61.72 फीसदी श्रमिकों की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच

उम्र के लिहाज से देखा जाए, तो 61.72 फीसदी श्रमिकों की आयु 18 से 40 साल और 22.12 फीसदी की 40 से 50 साल के बीच है। पोर्टल पर रजिस्टर्ड 13.23 फीसदी श्रमिकों की आयु 50 साल से अधिक है। वहीं 2.93 फीसदी की आयु 16 से 18 साल के बीच है।

पोर्टल पर रजिस्टर्ड 52.81 फीसदी श्रमिक महिलाएं और 47.19 फीसदी पुरुष

पोर्टल पर रजिस्टर्ड 52.81 फीसदी श्रमिक (Laborer Income in India) महिलाएं और 47.19 फीसदी पुरुष हैं। रजिस्ट्रेशन के मामले में शीर्ष पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और ओडिशा हैं। रजिस्टर्ड श्रमिकों में सबसे अधिक 52.11 फीसदी का मुख्य पेशा खेती है। वहीं 9.93 फीसदी घरों में ही काम करते हैं जबकि 9.13 फीसदी निर्माण क्षेत्र में मजदूरी करते हैं।


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