Bhopal News: ऑनलाइन गेम Free Fire की लत ने ली 5वीं के छात्र की जान, मंगवाई थी गेम फाइटर की ड्रेस
ऑनलाइन गेम के शौकीन बच्चे ने की आत्महत्या
Bhopal News: टेक्नोलोजी के इस नए दुनिया में बच्चों को भी मोबाइल की लत लग गई है। पब-जी (Pub-G) और फ्री फायर (Free Fire) जैसी ऑनलाइन गेम्स (Online Games) ने बच्चों को घर के अंदर कैद कर दिया है, जिसके कारण वे कई मानसिक परेशानियों का शिकार हो रहे हैं। कम उम्र में ही उनके जीवन में अवसाद और आत्महत्या जैसी प्रवृत्ति जन्म ले लेती है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल में ऑनलाइन गेमिंग (Suicide in Online Game) के दुष्प्रभावों के कारण ही 5वीं कक्षा के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। बच्चे के परिजनों ने बताया कि उसे फ्री पायर गेम का शौक था। इसी के कारण उसी ने सुसाइड कर लिया।
फांसी लगाकर की खुदकुशी
घटना भोपाल (Bhopal) के शंकराचार्य नगर बजरिया की है। यहां रहने वाले योगेश ओझा ऑप्टिकल की दुकान चलाते हैं। योगेश के तीन भाई हैं। सभी संयुक्त परिवार में रहते हैं। उनका 11 साल का इकलौता बेटा सूर्यांश सेंट जेवियर स्कूल अवधपुरी में पांचवीं क्लास का छात्र था। बुधवार 12 जनवरी की दोपहर वह चचेरे भाई आयुष (21) के साथ दूसरी मंजिल के कमरे में बैठकर टीवी में फिल्म देख रहा था। इसी बीच आयुष किसी काम से नीचे आ गया। थोड़ी देर बाद योगेश के भाइयों के बच्चे तीसरी मंजिल की छत पर पहुंचे, तो वहां कमरे में बाॅक्सिंग रिंग में रस्सी के फंदे पर सूर्यांश लटका हुआ मिला। बच्चों ने तुरंत घर के सभी सदस्यों को इस बात की जानकारी दी। परिजन तुरंत ही सूर्यांश को निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। मगर डॉक्टर ने चेक करते ही बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
ऑनलाइन मंगवाई थी गेमिंग ड्रेस
पुलिस को घटनास्थल से बच्चे का सुसाइड नोट नहीं मिला है। बच्चे के माता पिता का कहना है कि बच्चा मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलने का आदी था। मोबाइल के साथ साथ वह टीवी में भी गेम खेलता था। बच्चा ऑनलाइन गेम (Online Game Addiction) का इतना शौकीन था कि उसने गेम फाइटर की ड्रेस भी ऑनलाइन मंगवा ली थी। जब कभी टीवी देखता था, वह गेम वाले सीरियल ही देखता था। परिजन उसे गेम खेलने के लिए मना भी करते थे। बावजूद इसके वह गेम में अधिक समय बिताता था। पुलिस अब सूर्यांश के मोबाइल की भी जांच करेगी। जिससे यह पता चले कि कहीं उसे गेम में टारगेट तो नहीं दिया गया था।
पहले भी की आत्महत्या की कोशिश
परिजनों ने पुलिस को बताया कि करीब 3 महीने पहले भी सूर्यांश ने सुसाइड (Suicide Case) का प्रयास किया था। वह फांसी लगाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन इससे पहले मां पहुंच गई। उन्होंने उसे बचा लिया। इसके बाद मां ने उसे फटकार भी लगाई थी। परिजनों ने कहा कि सूर्यांश अपना अधिकतर समय अपने दादा का ही मोबाइल लेता था और उसी में ऑनलाइन गेम खेलता रहता था।
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